
सक्सेना ने कहा कि उन्होंने स्प्रेडशीट को मीटिंग के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन अपने सभी देखने के साथ उनसे मिलने के लिए समुदाय की आड़ में मीटिंग में नहीं आए।
नई दिल्ली। दिल्ली के दो संवैधानिक अधिकारियों से जुड़े विवाद में उपराज्यपाल (एलजी) वी के सक्सेना ने शुक्रवार को स्पष्टीकरण अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा उन पर ”भ्रामक, अपमा टिप्पणी” करने तथा ‘निचले स्तर की बयानबाजी’ पर उतरने का आरोप लगाया। उन्होंने केजरीवाल पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आम पार्टी (आप) के साथ 16 जनवरी को राज व्यक्ति निवास तक मार्च तक जाने के दौरान ”राजनीतिक ढोंग” करने का आरोप भी लगाया। सक्सेना ने कहा कि उन्होंने स्प्रेडशीट को मीटिंग के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन अपने सभी देखने के साथ उनसे मिलने के लिए समुदाय की आड़ में मीटिंग में नहीं आए।
उन्होंने कहा कि कबीर ने बेहद कम घंटों में अचानक अपनी सभी इच्छाओं के साथ मीटिंग किए जाने की मांग की, लेकिन एक बार में 70 से 80 लोगों से मिलना संभव नहीं था और न ही इसका कोई ठोस परिणाम निकला। उपराज्यपाल ने कहा, ”दुर्भाग्य से आपने राजनीतिक ढोंग किया कि ‘एलजी ने मुझसे मिलने से इनकार कर दिया है।” विकास से जुड़ी कई गंभीर समस्याओं से जूझ रहा है, लेकिन फिर भी आप मुझसे मिलते हैं और तर्कों को निष्कर्ष तक ले जाने के बजाय मार्च निकालने और प्रदर्शन करने का समय मिल गया है।”
दो दिन पहले विधानसभा में उपराज्य पाल पर देखे जाने के संदर्भ में सक्सेना ने कहा, ”एलजी कौन है और वह कहां से आए, जैसे सवालों का जवाब दिया जा सकता है, अगर आपके भारत के संविधान के संदर्भ में पूछा जाता है, लेकिन ऐसे लोगों को इसका जवाब नहीं दिया जा सकता है, जो ‘बेहद निम्न स्तर के बयानबाजी’ पर उतरे हैं। निकली लोगों की ”सौम्य, लेकिन कर्तव्यनिष्ठा आवाज” के रूप में काम कर रहे हैं। मंगलवार को संलग्नक ने ”बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना” मुहावरे का इस्तेमाल करते हुए उपराज्यपाल के अधिकार पर सवाल पूछे जाने पर कहा था कि ”वह (सक्सेना) मेरे प्रधानाध्यापक” नहीं हैं।
अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



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