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लीबिया में 2.5 टन प्राकृतिक यूरेनियम की कमी

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मानकों के अनुसार यदि तकनीकी संसाधन और संसाधन हों तो एक टन प्राकृतिक यूरेनियम को 5.6 किलोग्राम तक परिष्कृत किया जा सकता है और उसका उपयोग हथियार बनाने में किया जा सकता है।

संयुक्त परमाणु राष्ट्र नियामक निकायों ने बृहस्पतिवार को कहा कि युद्धग्रस्त देश लीबिया में एक बाज़ार में करीब 2.5 टन प्राकृतिक यूरेनियम कम हो गया है। प्राकृतिक यूरेनियम का उपयोग तत्काल ऊर्जा उत्पादन या हथियार बनाने के लिए नहीं किया जा सकता है और इसके लिए यूरेनियम को समान प्रक्रिया से चुना जाता है। मानकों के अनुसार यदि तकनीकी संसाधन और संसाधन हों तो एक टन प्राकृतिक यूरेनियम को 5.6 किलोग्राम तक परिष्कृत किया जा सकता है और उसका उपयोग हथियार बनाने में किया जा सकता है।

इसे देखते ही लापता लापता धातु की अहमियत बढ़ जाती है। वियना स्थित अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने कहा कि इसके विपरीत राफेल मारियानो ग्रॉसी ने बुधवार को सदस्यों के देशों की जानकारी में लापता यूरेनियम के बारे में बताया। IEA के बयानों में इस संबंध में विशेष जानकारी नहीं दी गई है। आईएईए ने कहा कि मंगलवार को उसके पर्यवेक्षकों को इसकी जानकारी मिली। पर्यवेक्षकों को पता चला कि ऐसे 10 ड्रमों में 2.5 टन प्राकृतिक यूरेनियम रखा गया था।

अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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