सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा अपनी गिरफ्तारी का विरोध करने के अनुरोध को खारिज कर दिया, जिसके कारण कुछ ही समय बाद दोनों पक्षों का सामना करना पड़ा।
दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने मनीष सिसोदिया का इस्तीफा अस्वीकार कर दिया है। इसके साथ ही सत्येंद्र जैन की स्मृति भी नहीं हुई। इसलिए ही नहीं उपराज्यपाल ने इस्तीफ़ा देने से इनकार करते हुए दोनों ही समझौते की जिम्मेदारी ली है। उपराज्यपाल के विज्ञापनों की ओर से अस्वीकृति अस्वीकार करने की वजहें भी बताई गई हैं। भ्रष्टाचार के झूठ के जवाब में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन दोनों ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा अपनी गिरफ्तारी का विरोध करने के अनुरोध को खारिज कर दिया, जिसके कारण कुछ ही समय बाद दोनों पक्षों का सामना करना पड़ा।
शीर्ष अदालत ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेता को मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार करने के बाद दिल्ली उच्च न्यायालय में अपील करने का निर्देश दिया। टाइम्स नाउ की खबर के अनुसार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के फैसले को स्वीकार कर लिया। लेकिन अब इस मामले में कुछ विश्लेषिकी का दावा किया जा रहा है। टाइम्स नाउ ने सूत्रों के साथ दावा किया है कि सत्येंद्र जैन के साझेदारों की तारीख 27 फरवरी की थी, जबकि मनीष सिसोदिया के साझेदारों की तारीख नहीं थी। दोनों पत्र 28 फरवरी को दिल्ली एलजी वीके सक्सेना को विचार के लिए प्रस्तुत किए गए थे।
बताया गया है कि मनीष सिसोदिया का इस्तीफा बिना डेट का है और सत्येंद्र जैन का 27 फरवरी को लिखा गया है। दोनों ही गठबंधन को 28 फरवरी को भेजा गया। इस बारे में यह कहा जा रहा है कि सिसोदिया ने ये इस्तीफ़ा जेल से टाइप नहीं किया होगा। तो उन्होंने इस सीबीआई की पूछताछ पर जाने से पहले ही लिख दिया था। क्या जैन का प्लेन और हस्तलिखित इस्तीफ़ा उसके बाद तैयार किया गया है?