लेटेस्ट न्यूज़

जानें लचीलापन बढ़ाने के योग, – जानें गतिविधियों को बढ़ाने के लिए योग

इस खबर को सुनिए

शरीर को रखने के लिए स्ट्रेंथ और फलेक्सिबिलिटी लाइट (ताकत और लचीलापन) बेहद जरूरी है। इससे समय पर बढ़ने वाले तनाव और शारीरिक थकान से मुक्ति पाई जा सकती है। नशे के साथ शारीरिक अंगों में पकड़ी लगती है। अगर आप शरीर को यूं ही ढ़ीलाढाला छोड़ें, तो बॉडी उसी सांचे में ढ़लने लगेगी। खुद को जवां बनाए रखने के लिए शरीर में पहचान होना जरूरी है। इसके लिए इन योगासनों का नियमित अभ्यास आपके रूट को प्रतिबंधित और सक्रिय बनाने में सहायक साबित होते हैं (वृद्धि के लिए योग आसन लचीलापन) ॥

योगाभ्यास से न केवल शरीर में होने वाले दर्द से राहत मिलती है। उसी के साथ शरीर में ब्लड सर्कुलेशन भी प्रामाणिक रूप से होने लगता है। अलग-अलग प्रकार के योग आसन शरीर को बहुत सी शारीरिक से मिलते-जुलते काम करते हैं। इसके अलावा देर तक काम करने से गर्दन, पीठ, घुटनों और घुटनों में दर्द दूर होना।

जमा कर काम करने से बॉडी पॉश्चर हो जाता है ख. योग कर सकता है आपकी मदद। चित्र : उजागर करें

1. पार्श्वोत्तानासन (पिरामिड मुद्रा)

पार्श्वोत्तानासन से हमारे शरीर में हलचल मचती है। अगर आपको अटक की समस्या शुरू हो रही है, तो इस योग को नियमित रूप से करें। इससे आत्मबल बढ़ता है। योग के कार्य मांसपेशियों में खिंचाव से पैरों की नसें जकड़ने लगती हैं। इसे करने से आपको जल्द ही थकान महसूस नहीं होगी।

पारस्वोत्तानासन कैसे करें

इसे करने के लिए सबसे पहले सीधा संबंध हो, दोनों पैरों को जोड़ लें।

अब दोनों हाथों को पीठ के पीछे ले जाएं नमस्कार की मुद्रा बना लें।

टैग्स को धीरे-धीरे खोल लें। दाहिनी टांग को आगे की ओर ले जाएं और बाहिनी टांग को पीछे की ओर ले जाएं।

अब नमस्कार की मुद्रा बने रहने दें और सिर को दाहिनी टांग पर झुकाएं।

जहां तक ​​संभव हो, वहीं तक झुकें। अब इस मुद्रा में करीबन एक मिनट तक बने रहें

इसे करने के फायदे

इसे करने से रीढ़ की हड्डी सीधी होने लगती है।

गर्दन और छत में दर्द से राहत मिल जाती है।

ब्लड फ्लो नियमित रूप से होता है और शरीर में हरकतें करता है।

आत्म संतुलन बढ़ रहा है और सूचना में सुधार आने वाला है।

त्रिभुज मुद्रा के फायदे
त्रिकोणासन से लोअर एब्डोमन से जुड़ी जटिलताएं दूर हो जाती हैं।। चित्रलेखाबे

2. चतुर्भुज (त्रिकोण मुद्रा)

त्रिकोणासन को त्रिभुजासन भी कहा जाता है। इसे नियमित रूप से करने से पेट के निचले हिस्से से जुड़ी जटिलताएं दूर हो जाती हैं। इसके अलावा बच्चों और बड़ों में भी फ्लैट फीट की समस्या का निवारण होता है। इसके अलावा, झटके के शुरूआती लक्षणों को भी इस योग से मात दी जा सकती है।

त्रिकोणासन कैसे करें

इसे करने के लिए मैट पर सीधे रैक हो जाएं।

दोनों टैग को खोल लें। टांगों के बीच में तीन कदम का गैप रखें

इसके बाद अब बहिन पैर को बाहर की ओर कुज लें और एड़ी को अंदर की ओर रखें

अब बहिनी ओर झुकें और बाएं हाथ से पैर को छू लें।

दूसरी ओर दाएं हाथ को उपर की ओर मोड़ें।

शरीर में खिंचाव करने से बॉडी में हलचल बढ़ जाती है।

ईगल पोज़ बॉडी को फिट रखता है
गरूड़ासन से थाईज़ और हिप्स में अधिक शिकार कम होते हैं। चित्र: साहित्य

3. गरुड़सन (ईगल पोज़)

ईगल पोज़ के नाम से प्रसिद्ध इस योगासन को राक किया जाता है। इससे शरीर की सभी मांसपेशियों में खिंचाव महसूस होता है। ये आसन मर्दों में कम होने वाले स्पर्म काउंट में झूठा करने का काम करता है। ताड़आसन की मुद्रा में किए जाने वाले इस पोज़ को करने से शरीर में सिकाई बढ़ने लगी है।

गरुड़ासन कैसे करें

इसे करने के लिए ज़माने पर सीधे राेक हो जाएं
अब दोनों हाथों को आगे की ओर जाने लगे।
उसके बाद दाई टांग को बाई टांग से लपेट कर पीछ की ओर रख लें।
दोनों बाजों को क्रास करते हुए एक दूसरे में जकड़े हुए हैं। दोनों हाथों से नमस्कार की मुद्रा बनाएं।

गरुड़ासन के फायदे

इसे करने से मांसपेशियों में खिंचाव बढ़ता है। बॉडी स्ट्रेच होने से टांगों और घुटनों का दर्द दूर हो जाता है।

शरीर का आत्म संतुलन बनाने से एकाग्रता बढ़ने लगती है।

थाइज़ और हिप्स में जाल अधिक शिकार होने लगता है।

नियमित रूप से करने से बॉडी स्ट्रेंथ बढ़ती है।

ये भी पढ़ें- मेनोपॉज के साथ त्वचा भी मुरझाने लगी है, तो जानिए यह ख्याल है

Show More

Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
Back to top button

You cannot copy content of this page