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शरीर को स्वस्थ रखने में आहार महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वहीं यदि आहार खराब लिया जाए, तो यह कई टिप्पणियों को बुलावा देता है। कई गंभीर साझेदारी के जोखिम को बढ़ाता है। यदि हमारे भोजन में शुगर और वसा अधिक हैं, तो यह नॉन फैटी लिवर (food for Fatty Liver) डिजीज को बढ़ावा देता है। चमक भी कुछ ऐसा ही छायांकन हैं। शोध में बताया गया है कि हाई और शुगर वाले वेस्टर्न फ़ूड और नॉन फ़ैटी लिवर डिज़ीज़ के लिए नॉन फ़ैट और शुगर फ़ूड से संबंध है।
क्या है शोध (वसायुक्त भोजन पर शोध)
अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ मिसौरी स्कूल ऑफ मेडिसिन में वेस्टर्न फ़ूड पर शोध किया। शोध में बताया गया है कि बहुत अधिक वसा और चीनी वाले वेस्टर्न फ़ूड और नॉन-अल्कोहल लीवर रोग के विकास के बीच एक कड़ी है। खोज में लीवर की बीमारी के लिए वेस्टर्न फ़ूड से प्रेरित माइक्रोबियल और मेटाबोलिक योगदान जुड़ाव की पहचान की गई। आंतों और लिवर की जांच की गई। इससे पता चला कि गट माइक्रोबायोटा मेटाबोलिज्म को सक्रिय करने के लिए भोजन लेते हैं। इससे जो प्रक्रिया होती है, वह लिवर डिज के विकास में योगदान देता है।
गट बैक्टीरिया (आंत बैक्टीरिया) जिम्मेदार
अनहेल्दी फ़ूड गुट माइक्रोबायोटा को प्रभावित करते हैं। इसके परिणामस्वरूप रोगजनक कारक उत्पन्न होते हैं, जो लिवर को प्रभावित करते हैं। जब ब्रोच ने चहचहाट को बहुत अधिक वसा और चीनी वाले खाद्य पदार्थ खिलाए, तो उन्होंने पाया कि चहचहाट ने ब्लोटिया प्रोडक्ट्सा नामक गट बैक्टीरिया और एक यौगिक विकसित किया। यह लिवर की सूजन और फाइब्रोसिस का कारण बनता है।
एंटीबायोटिक उपचार काम में लाया जा सकता है
खोज में बताया गया है कि एवरीवर डिजीज एक वैश्विक स्वास्थ्य महामारी हो चुकी है। यह न केवल लिवर कैंसर (लिवर कैंसर) का प्रमुख कारण बन रहा है, बल्कि लिवर सिरोसिस (यकृत सिरोसिस) का भी कारण बन जाता है। लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि लोगों को समान लीवर डिजीज होता है और उन्हें कुछ पता नहीं चलता। बंटन ने एंटीबायोटिक दवाओं को पीने के पानी के साथ चहुंओर दिया और उसका इलाज शुरू किया। परीक्षण करने पर पाया गया कि एंटीबायोटिक उपचार ने लीवर की सूजन (यकृत सूजन) और संचय संचय (लिपिड संचय) को कम किया। इससे यह पता चला है कि गट माइक्रोबायोटा में एंटीबायोटिक-प्रेरित परिवर्तन इन्फ्लेमेटरी प्रतिक्रियाएं और लिवर फाइब्रोसिस (Fibrosis) को दबा सकते हैं।
सबसे पहला मोटा कण्ट्रोल करना जरूरी है
जर्नल ऑफ़ फ़ूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी में प्रकाशित शोध आलेख के अनुसार, हर डिजीज के कारण सिरोसिस और लीवर फेलियर (लीवर फेलियर) सहित और कई गंभीर परिस्थितियां हो सकती हैं। इसके साथ सबसे अच्छी बात यह है कि लीवर की बीमारी ठीक हो सकती है। इसे ठीक भी किया जा सकता है। अगर मरीज परेशान हैं तो सबसे पहले अपना आउटलुक (मोटापा) पर कंट्रोल करें। वेट लॉस (वजन घटाने) में भाग ले।
यदि वह अपने शरीर के वजन में 10% की कमी भी ले आता है, तो यह ठीक हो सकता है। उपचार में भी डॉक्टर आहार और व्यायाम कार्यक्रम के माध्यम से गड़बड़ी जैसे जोखिम कारकों को कम करने के लिए कहते हैं।

लगातार लिवर वाले ग्रीन टी और ओमेगा-3 एसिड का सेवन करते हैं
खुद की देखभाल के लिए मधुमेह प्रबंधन, शारीरिक व्यायाम, कम वजन और शराब से परहेज करना जरूरी है। कुछ विशिष्ट खाद्य पदार्थ जो विशेष रूप से समान लिवर डिजीज वाले लोगों के लिए सहायक हो सकते हैं। लहसुन, ओमेगा-3 एसिड युक्त खाद्य पदार्थ, कॉफी, धब्बे, ग्रीन टी, सोया, सोया या जब प्रोटीन लेना शामिल हो सकता है। ओमेगा 3 फैटी एसिड वाले खाद्य पदार्थों के लिए अलसी, चिया सीड्स आदि को आहार में शामिल किया जा सकता है।
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