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प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम) यानी पीएमएस (पीएमएस) के लक्षणों का सामना हर महिला करती है। उम्र के अलग-अलग दौर में ये अलग-अलग तरह से आप परेशान कर सकते हैं। कभी पेट में होने वाला भयंकर क्रोध तो कभी हर बात पर क्रोध आने वाले मिजाज। कुछ महिलाएँ तो पीएमएस के दौरान बहुत अधिक भोजन करने लगती हैं, कि ब्लोटिंग और अपच का भी सामना करना पड़ता है। वहीं कुछ लड़कियां ऐसी भी होती हैं, जिनमें पीरियड्स आते हैं, पर ज्यादा परेशान बिना आराम से गुजर जाते हैं। इसकी वजह क्या है? इसके विशेषज्ञ के लिए लाइफस्टाइलिंग संबंधित कुछ विशेषज्ञों को जिम्मेदार ठहराते हैं। आइए जानते हैं उनसे जुड़े लोगों (पीएमएस कारणों) के बारे में जो आपके पीएमएस के लक्षणों को और भी जटिल बना सकते हैं।
पीएमएस के लक्षण क्या हैं
विशेषज्ञ कहते हैं, “आपके जीवन की कुछ चीजें भी प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम को और ज्यादा जटिल बना देती हैं। हालांकि पीएमएस के दौरान मूड स्विंग होना बहुत आम है। बाकी लक्षणों में स्तनों का कोमल हो जाना, भोजन क्रेविंग होना, थकान, क्रेकनेस और अवसाद शामिल हैं। मायो मेडिसिन के अनुसार हर 4 महिलाओं में से 3 महिलाओं को पीरियड आने से पहले किसी न किसी रूप में प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम का सामना करना पड़ता है।
कई बार ये लक्षण बहुत कम होते हैं कि अनुभव नहीं होता है। लेकिन कई बार प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम में आप शारीरिक और आकर्षक रूप से इन चाजों को महसूस करते हैं। इन सभी को अनजान करने की बजाय आप अपने जीवन में बदलाव करके इन लक्षणों को कम कर सकते हैं या आपका कर सकते हैं।
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PMS का सामना इतना जटिल क्यों हो जाता है
न्यूट्रीशनिस्ट और वेलनेस विशेषज्ञ क्षामा शाह पूछते हैं कि पीएमएस बहुत आम है और कई लोग शोध करते हैं कि दुनिया में पहले महिलाएं इसका सामना करती हैं। कई महिलाओं में ये लक्षण कम होते हैं तो कई में इतना ज्यादा होता है कि ये उनकी परेशानी पैदा करने के साथ उनके रूट को भी प्रभावित करता है। क्लाज़मा शाह कुछ ऐसी चीजें बता रही हैं जो पीएमएस के लक्षणों को कम करने में आपकी मदद कर सकती हैं।

1 पोषण की कमी
पीएमएस के समय आपको जंक फूड की क्रेविंग बढ़ जाती है। लेकिन आप पीएमएस के दौरान अधिक शूगर, नमक या वसा का सेवन करते हैं तो ये आपके मूड को और अधिक नुकसान पहुंचा सकते हैं। पीएमएस के समय जंक फूड के सेवन को थोड़ा सा कम कर देंगे और इसके जैग फल, सौंदर्य और अनाज का सेवन करेंगे जो आपको अच्छा पोषण देंगे। ये सभी चीजें आपके ब्लड शूगर स्तर को गिरने से रोकेंगी और आपको पूरा दिन काम करने की उर्जा देगी।
2 व्यायाम न करें
ज्यादा हो सके तो आप को गतिविधि रखने की कोशिश करें। कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज जरूर करें। वॉक करें इससे आपको अंकाइटी को दूर करने में सहयोग मिलेगा। व्यायाम आपको अच्छा महसूस होने में मदद करेगा और आपकी चीड़चिड़ाहट को भी खत्म कर सकता है। ज्यादा से ज्यादा व्यस्त रहने की कोशिश करें।
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3 स्ट्रेस लेना
आपका तनाव आपका काम नहीं करता है क्योंकि आप भी मूड स्विंग का सामना कर सकते हैं। इस चीज को कम करने के लिए आप गहरी सांस ले सकते हैं, ध्यान कर सकते हैं, योगा कर सकते हैं इससे आपको शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से लाभ होगा। पीएमएस के लक्षणों के दौरान या उससे पहले यदि आप अपने शरीर को आकार देते हैं तो आपको काफी मदद मिल सकती है।
4 अच्छी नींद न लें पाना
अगर आप अच्छी नींद नहीं ले रहे हैं तो ये आप में तनाव का कारण बन सकता है और आपको मूड स्विंग जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। जब भी आपका पीरियड आने वाला हो तो उससे एक हफ्ते पहले आपको सात से आठ घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए। नींद आपके तनाव को कम कर देगी जिससे आपका दिमाग रिलैक्स महसूस करेगा।
5 धूम्रपान भी एक कारण है
एक अध्यन मे सामने आया कि धूम्रपान नहीं करने वाली महिलाएं धुम्रपान करने वाली महिला मे पीएमएस के ज्या संकेत देखे। जो महिलाएं धुम्रपान करती हैं उनमें पीएमएस के अधिक और खराब लक्षणों का अनुभव किया गया।
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