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जानें कच्ची हल्दी का अचार रेसिपी और इसके फायदे। – जानें एल्डर हल्दी के अचार की रेसिपी और इसके फायदे।

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अनुचर का नाम नंबर ही मुंह में पानी आने लगता है। उसे तुरंत खाने का मन करता है। ऐसा अनुनाद, जो स्वास्थ्य के लिए भी लाभ हो। इन दिनों संक्रमण के कारण कई तरह के बुखार से ग्रस्त होने की खबरें मिल रही हैं। ऐसी स्थिति में इम्यून सिस्टम को स्ट्रांग रखना बेहद जरूरी है। इसलिए इस लेख में हम आपको अचार की ऐसी रेसिपी बता रहे हैं, जो स्वादिष्ट और स्वास्थ्यकर दोनों हैं। स्थूल हल्दी का अनुरक्षक प्रतिरक्षण (कच्ची हल्दी का अचार) बनाया जाता है और झटपट तैयार भी किया जाता है।

हल्दी का अचार (हल्दी का अचार) तैयार करने के लिए जरूरी सामग्रियां

जमी हल्दी – 1 कप या 250 ग्राम
सरसों का तेल –2 टेबल रन करें
नमक – स्वादानुसार
लाल मिर्च पाउडर- 1 चम्मच चम्मच
मेथी दाना—1 टेबल, कुटी हुई
सरसों—1 टेबल, कुटा हुआ
अदरक- 1 चक्कर, कतरा हुआ
हींग— 1 फोकस करता है
नींबू का रस—आधा कप

यहां है दीदी हल्दी का अनुलेख बनाने की विधि (कच्ची हल्दी की रेसिपी हिंदी में)

सबसे पहले हल्दी को छील लें। फिर इसे अच्छी तरह धो कर छन्नी में छान लें।
थोड़ी देर इसे धूप में रखें। पानी अच्छी तरह से सुखाया जाना चाहिए।
अब हल्दी को कद्दूकस कर लें।
पैन में सरसों तेल गर्म कर लें।
जब तेल ठंडा हो जाए, तो उसमें हींग, कुटी हुई मेथी, कुटा हुआ सरसों, नमक आदि डाल दें।
फिर मस्ककस की हुई हल्दी को भी मिक्स कर लें। इसमें नींबू का रस भी मिला दें। पुराना हल्दी का अचार तैयार है। इसे 2-3 दिन धूप दिखाएं। शीशे की एयरटाइट जार में रख दें। जब भी मजबूत करें, 1 चुटकी हल्दी का अनुरक्त भी प्लेट में रखें। अपनी और अपने परिवार की रोग प्रतिरोधक क्षमता।

जानिए इस मौसम में आपके लिए क्यों बनता है हल्दी का अनुकारक (कच्ची हल्दी के फायदे)

1 स्थिर हल्दी का करक्यूमिन (करक्यूमिन यौगिक) लाभ है

विलंबित हल्दी में कर्क्युमिन कंपाउंड मौजूद होता है। यह ब्लड फ्लो को मान्यता देता है और हार्ट हेल्थ को खुशी देता है। हालांकि विलंबित कैंसर जैसे प्रभावों का इलाज तो नहीं है। लेकिन इसमें कैंसर और अल्जाइमर से बचाव की क्षमता जरूर होती है।

2 एंटी फंगस (एंटी फंगल) और एंटी बैक्टीरिया (एंटी बैक्टीरियल) गुण

यौगिक हल्दी में एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी बैक्टीरिया गुण मौजूद होते हैं। इसके कारण यह कई प्रकार के संक्रामक प्रभावों से बचाव करता है। जाड़े के दिनों में हल्दी पाउडर की तुलना में हल्दी को अपने आहार में शामिल करना अधिक लाभ है। यह चोट, घाव और सूजन को जल्दी ठीक होने में मदद करता है।

3 इम्यून सिस्टम (प्रतिरक्षा प्रणाली) मजबूत होता है

जमा हुआ हल्दी में मौजूद पोषक तत्वों को मजबूत बनाता है। चित्र : आदी स्टॉक

हल्दी में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन सी, विटामिन के, पोटैशियम, मैग्नीशियम, कॉपर, जिंक, फोस्फोरस, थियामिन, राइबोफ्लेविन आदि भी मौजूद होते हैं। ये सभी तत्व शरीर को मजबूत बनाते हैं और कई तरह के टिप्पणियों से लड़ने में मदद करते हैं।

4 स्किन प्रॉब्लम को दूर करती है

एंटी फैटी और एंटी बैक्टीरियल गुण वाली हल्दी त्वचा की हर समस्या को दूर करने में मदद कर सकती है। यदि एक, पिंपल, दाग-धब्बे की समस्या है, तो हल्दी का उपयोग कर सकते हैं। वृद्ध हल्दी से एलर्जी होने की संभावना भी कम होती है। इसलिए इसका उपयोग त्वचा पर भी किया जा सकता है।

5 गठिया (गठिया के लिए कच्ची हल्दी) से बचाव

हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। जो आर्थरायटिस के कारण होने वाले सूजन को कम कर सकता है।

स्किन के लिए हल्दी के फायदे
हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। जो आर्थरायटिस के कारण होने वाले सूजन को कम कर सकता है। चित्र एक्सपोजर।

यदि आपके जोड़ों में किसी प्रकार की सूजन या दर्द है, तो जाड़े में आपके आहार में जले हुए अम्लर का नियमित रूप से शामिल हो सकते हैं।

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