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अमृतसर के पापड़ और बड़ियां लजीज स्वाद से भरपूर होते हैं। बड़ों का अस्तित्व बहुत देर तक जुबान पर रहता है। दरअसल, तीखी और कुरकुरी उड़द दाल का मसाला आपके खाने के स्वाद को दोगुना कर सकता है। अकसर बैसाखी के घरों में नए-नए उड़द के दाने बनाए जाते हैं। अगर आप भी इस बार बैसाखी पर कुछ ट्रेडिशनल और हेल्दी बनाना चाहते हैं, तो हम आपके लिए इन विशिष्ट बुजुर्गों को बनाने का तरीका (How to make Urad dal masala badi) चाहते हैं। साथ ही इसका स्वास्थ्य लाभ (उड़द दाल वड़ी के स्वास्थ्य लाभ) भी।
बाज़ार में मिलने वाले अमृतसरी उड़ते हुए दाल के ज़ायकेदार बड़े को आप घर पर भी तैयार कर सकते हैं। ये न सिर्फ खाने में स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि लाभ भी होते हैं। आप अलग रहते हैं तो इसे दाल, चावल या खिचड़ी के साथ भी परोस सकते हैं। यह अक्सर लोग आलू या फिर नाश्ते के साथ मिलकर बनाते हैं। जानिए, इसे बनाने का आसान तरीका।
उड़द दाल पोषक तत्वों के भण्डार है
उड़ते हुए दाल को विगना मूंग भी कहा जाता है। इसके सेवन से शरीर को फाइबर, कॉपर, पोटेशियम, विटामिन बी1 और जीत मिलती है। प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर इस दाल में फेनिलिक एसिड, फ्लेवोनोइड्स और सिनेमिक एसिड सहित कई एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं।
स्वास्थ्य के लिए लाभ यह पारंपरिक व्यंजन है
1 एनर्जी लेवल बढ़ाया गया
दाल को बोरिंग बताकर खाने वाले लोग अक्सर इसके गुणों से विमुख हो जाते हैं। एक हेल्दी टॉनिक के रूप में काम करने वाली इस दाल को खाने से पूरे शरीर में हर दिन सक्रियता बनी रहती है। आयरन से ये भरपूर दाल बच्चों और महिलाओं को प्रेग्नेंट करने के लिए खास तौर से बेहद फास्यदे मंदिर होता है।
2 राज़ करना
इसमें मौजूद मैग्नीशियम, पोटाशियम और पोषक एसिड सहित सभी नसें हड्डियों को सख्त बनाने का काम करती हैं। हड्डियों के सख्त होने से दर्द और जोड़ों में दर्द और ऐंठन से राहत मिल जाती है। सूप या स्प्राउट्स के तौर पर इसका सेवन करने से शरीर में प्रोटीन की कमी पूरी तरह से हो जाती है।
3 शुगर लेवल कंट्रोल
अगर आप शुगर के पेशेंट हैं, तो फाइबर से भरपूर इस दाल का सेवन आपकी शुगर को कंट्रोल करता है। शरीर में फाइबर का स्तर बढ़ता जाता है। जो शरीर में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने का काम करता है।
4 पाचन तंत्र जमा करें
फाइबर से ये बन्धन आपके पाचन तंत्र को कमजोर बनाने का काम करता है। इस दाल को खाने से कब्ज, ऐंठन और डायरिया संबधी जटिलताओं से आप दूर होने का अनुमान लगाते हैं।
अमृतसरी उड़द का दाल बनाने के लिए हमें चाहिए
उड़द दाल एक किलो
सूखा धनिया आधा कटोरी
काली मिर्च दो बड़े चम्मच
सौंफ दो चम्मच
कैमो जीरा एक टेबल
पिसी हुई काली मिर्च एक छोटा चम्मच
पिसा हुआ धनिया एक चम्मच
चिली फ्लेक्स एक छोटा चम्मच
हींग आधा चम्मच
बड़ी इलायची 8 से 10
छोटी इलायची 10 से 12
लौंग 5 से 6
इन स्टेप्स के साथ तैयार करें उड़द दाल की बड़ी (कैसे बनाएं उड़द दाल वड़ी)
- इसे बनाने के लिए सबसे पहले एक कटोरी में उड़द दाल को अच्छे से धोकर पानी में प्रदर्शित करें।
- 6 से 8 घंटे तक पानी में सोखने के बाद दाल के उपर वाले फ़ोम की एक परत नज़र आएगी।
- अब भी हुई दाल को तीन से चार बार पानी में लौटाएं। अब दाल को ब्लैंडर में एक शिलालेख पेस्ट बना लें।
- इसे चेक करने के लिए एक कटोरी में पानी लें और इसमें चुटकी भर दाल के पेस्ट को डालें। अगर पेस्ट ऊपर पेस्ट लगे, तो मान लें कि आपका घोल ठीक तरह से तैयार हो गया है।
- दूसरी तरफ सौंफ, इलियाची, काली मिर्च और धनिया सहित सभी यात्रियों को दुहना लें। अगर आप सहमत हैं, तो उन्हें कड़ाही में लो फ्लेम पर रोस्ट भी कर सकते हैं।
- इन मसल्स में मौजूद बड़ी इलायची के छिलके अलग कर लें। रोस्ट होक्स सभी मसल्स को एक साथ ददरा पीस लें।
- भी हुई दाल के पेस्ट में दरदरे पिसे हुए आटे में मिला दें। इसके अलावा पिसी दाल धनिया पाउडर, काली मिर्च, लाल मिर्च पाउडर और थोड़ी सी हींग को भी मिला सकते हैं।
- जब मिश्रण तरह से तैयार हो जाए, तो पूरी थाली को ग्रीस करके उस पर हाथों से शानदार तोड़ें। आकार को अपने होश से तय कर लें। अब बड़ों को धूप दिखाएं। तेज़ धूप होने से दो से तीन दिन में भी ये रेसिपी तैयार हो सकती है।
- आप 5 से 6 दिन के लिए धूप में रोजना और सुखाएं लें। इसके अलावा धूप में 6 से 8 घंटे तक लगातार रहने के बाद ये पलट जाते हैं, ताकि आसानी से सूख जाएं। अब आप इसे एयर टाइट बॉक्स में स्टोर करके अगले तीन से चार महीने तक आनंद ले सकते हैं।
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