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बच्चा बहुत चंचल और कोमल होते हैं। उन्हें पूरी दुनिया एक्सप्लोर करती है। घर का फ़र्श, दरवाज़ा, बाहर का फ़र्श, लिफ्ट, हाथ रेल, ये सब कुछ छूता है। पर इसके कारण वे शीघ्र संक्रमण के शिकार हो जाते हैं। हाथ के रास्ते ये सूक्ष्म जीवाणु उनके चेहरे, आंखों और मुंह तक जा सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि बचपन से ही बच्चों को हाथ धोने की अच्छी और सही आदत अपनाएं। हालांकि यह मुश्किल लग सकता है, पर इतना मुश्किल नहीं है। आपकी मदद करने के लिए हैंड हाइजीन डे (विश्व हाथ स्वच्छता दिवस) पर हेल्थ शॉट्स पर वे ट्रिक्स हैं, जिससे आप बच्चों को हाथ धोने की आदत (बच्चे को हाथ धोने के लिए कैसे प्रोत्साहित करें) विकसित करवा सकते हैं।
छोटे बच्चे अक्सर तमाम चीजों को छूते हैं, उन पर 24 घंटे नजर रखना मुश्किल होता है। इसलिए जरूरी है कि उनमें बचपन से ही अच्छी और स्वस्थ आदतें विकसित हो जाएं। ऐसी ही एक बहुत जरूरी है हाथ धोना यानी हाथ धोने की आदत। बस कुछ दिनों की मेहनत आपके बच्चों को संपूर्ण स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचा सकती है।
वर्ल्ड हैंड हाइजीन डे के अवसर पर हेल्थ व्यू आपके लिए लेकर आया है आपके बच्चों के हाथों की हाइजीन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां। बच्चों को बताएं कि क्यों जरूरी है हैंड वाशिंग, साथ ही जानेंगे और वाशिंग का सही तरीका।
विश्व हाथ स्वच्छता दिवस (विश्व हाथ स्वच्छता दिवस)
हर साल 5 मई को वर्ल्ड हैंड हाइजीन डे के रूप में मनाया जाता है। इस दिन का मुख्य मकसद ग्रुप्स की सफाई को बढ़ावा देना, दावे वाले इंफेक्शन और कीटाणुओं को बताना है।
इस दिन तरह-तरह के अभियान चलाए जाते हैं। इसी के साथ सोशल मीडिया पर बैनर और पोस्टर के तहत इसकी जागरूकता भी शामिल है। बड़े-बड़े संस्थान, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल सभी जगहों पर हाथ से हाइजीन के प्रति लोगों को विभिन्न प्रकार से सचेत करने की कोशिश की जाती है।
हाथ धोने में कुछ ऐसे बन सकते हैं जिनके स्वास्थ्य संबंधी कारण हो सकते हैं
1. पाचन संबंधी गड़बड़ी से बचाव करता है
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के अनुसार नियमित रूप से हाथ न होने पर और हैंड हाइजीन को अनदेखे करने पर साल्मोनेलोसिस, डायरिया जैसे अन्य पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसके कारण हाथ पर जमे हुए बैक्टीरिया और जर्म होते हैं जो मुंह के माध्यम से पेट में प्रवेश करते हैं। इन असुविधाओं से बचने के लिए बच्चों को हाथ हाइजीन कि सही मार्गदर्शन देना जरूरी है।
2. स्वस्थ त्वचा एवं आंखों के लिए जरूरी है
बच्चे दिन भर में सारी चीजें छूते हैं और यही हाथ उनका आंख और त्वचा के संपर्क में भी आता है। इसलिए बच्चों में हाथ धोने की आदत बनाना जरूरी है। डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के लिए सेंटर फॉर एटीट्यूड बच्चों के हाथों पर बैक्टीरिया और जर्म्स को नहीं देता है। त्वचा और आंखों में एलर्जी पैदा करने वाले बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं।
3. रेस्पिरेटरी प्रॉब्लम से बचाती है
बच्चों के हाथों पर तमाम जर्म्स और बैक्टीरिया होते हैं। जो सांस के माध्यम से रेस्पिरेटरी संगठन में प्रवेश करते हैं, श्वसन संबंधी संबंधित कारण बन सकते हैं। डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के लिए सेंडर हैंड वाशिंग की एटीट्यूशन पथ में कीटाणुओं को होने से प्रवेश से जिम्मेदार हैं और संक्रमण से बचाव करते हैं। साथ ही समग्र स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार करते हैं।

यहां जानें बच्चों को हाथ धोने के लिए कैसे बढ़ावा देना है
कम उम्र के बच्चों को हाथ सिखाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है, लेकिन कोशिश करने पर कुछ दिनों में ही बच्चे को अच्छी तरह से हाथ धोना सीखना सीख जाते हैं। कम उम्र में बच्चों को इसकी आदत होने लगती है तो यह उनके साथ रहता है।
1 अपने बच्चे को हाथ धोने के बारे में सकारात्मक बातें बताएं। उन्हें बढ़ावा देने के लिए और हाथ धोने का सही तरीका सिखाने के लिए उनके साथ स्वयं भी हैंडवास करें।
2 जब भी घर का कोई बड़ा बाहर से हाथ धोए या खाने से पहले हाथ धो रहा हो तो अपने बच्चों को यह दिखाएं और समझाएं कि ऐसा करना क्यों जरूरी है।
3 कोई भी काम जब मनार्जक से किया जाता है तो बच्चा उसे जल्दी सीख जाता है। अपने बच्चे को हाथ धोते समय गिने या गाने का अभ्यास करवाएं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे जल्दी न करें।
4 बच्चों के लिए रंग-बिरंगे साबुन और हैंडवाश लें, ताकि वह उत्तेजित होकर अपने हाथों को चहकें। बच्चा अपने माता-पिता से देख कर सीख रहा है, तो सबसे पहले खुद के हाथ हाइजीन में रखने की आदत बनाएं। अपने परिवार को स्वस्थ रखने के लिए अच्छे हाथों की स्वच्छता सुनिश्चित करें।
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बच्चों को पढ़ाने के लिए हाथ धोने का सही तरीका
पानी का नल चालू करें। हाथों को पानी से पूरी तरह गीला कर लें। साबुन पर साबुन। कम से कम 20 सेकंड के लिए लिंक के बीच में शामिल हैं और सभी प्राप्तकर्ताओं पर हस्ताक्षर हाथ से पंजीकृत हैं। अब पानी से हाथ धो लें। कागज के टिश्यू से हाथ सुहाएं और इन्हें फेक दें। आप चाहे तो हाथों को अटैचमेंट के लिए हैंड टॉवल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

बच्चों के हाथ हाइजीन के बारे में जानें कुछ जरूरी बातें
कम से कम 20 सेकंड के लिए हाथों को अच्छी तरह से शेयर करना जरूरी है।
पानी से हाथ धोना। हाथ सेनेटाइजर की आदत न घबराहट, यह बच्चों के कोमल हाथों को प्रभावित कर सकता है।
केमिकल फ्री माइल्ड साबुन का प्रयोग करें। क्योंकि तीसरा साबुन का अधिक इस्तेमाल बच्चों के हाथों को नुकसान पहुंचा सकता है।
बच्चों को हाथ धोते घबराहट को स्पष्ट करना सिखाएं। अन्यथा हाथ तो साफ हो जाता है लेकिन जुड़ा हुआ कीटाणु हानि के खतरे हो सकते हैं।
अक्सर बच्चे को जरूरत से ज्यादा हाथ धोने की आदत होती है। इसलिए उन्हें बताएं कि ज्यादा साबुन और हैंडवॉश के इस्तेमाल से उनकी त्वचा खराब हो सकती है।
बच्चों को बताएं कि हाथ धोने के बाद इसे सुखाना कितना महत्वपूर्ण है। शुरुआत में अपने हाथों को सुखाएं और धीरे-धीरे-धीरे-धीरे वह इस बात को समझेंगे।
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