
40 साल का होना अर्थ है मिडल एज की ओर कदम बढ़ाना। इसके बाद शरीर में कई सारे परिवर्तन हो सकते हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि आप अपनी उम्र के 40वें साल में अच्छे नहीं दिख सकते। स्वास्थ्य कारणों से वे ठीक से रुके हुए हैं, ऐसा भी नहीं है। रोग विशेषज्ञ के अनुसार, उम्र बढ़ने के साथ एक ग्रेस भी दिखाई देती है और यह चेहरे के साथ-साथ आपके रोज के जीवन में भी दिखती है। पंजीकृत महिलाएं अपनी मेंटल और फिजिकल हेल्थ पर ध्यान दें। यहां हम ऐसे दस्तावेजों के बारे में बात कर रहे हैं, जिन्हें 40 पार (40 के बाद महिलाओं को सप्लीमेंट) की महिलाओं को लेना शुरू करना चाहिए।
40 के बाद शरीर में परिवर्तन क्यों होते हैं (हार्मोनल परिवर्तन)
सेक्सोलोजिस्ट और गायनेकोलोजिस्ट डॉ. अंजलि कुमार अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखती हैं, ‘जैसे ही कोई महिला 40वें साल में एंट्री करती है, उसके शरीर में बदलाव होने लगते हैं। महिलाएं भी शरीर में हो रही बदलावों को नोटिस करने लगती हैं। इससे उनका एनर्जी लेवल और संपूर्ण स्वास्थ्य में बदलाव होता है।
यह हार्मोनल परिवर्तन के कारण होता है। लो एस्ट्रोजेन लेवल के कारण होता है। साथ ही मेटाबोलिज्म का टैग धीमा होने के कारण कैलोरी भी कम बर्न हो जाता है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कुछ महिलाएं आजीविकाएं लेती हैं। न्यू स्टेज लाइफ में ऐसा करना भी सही है।
यहां जानकार के बारे में बताते हैं 6 बातें, जिनमें 40 के बाद महिलाएं ले जा सकती हैं (40 के बाद महिलाएं सप्लीमेंट)
1 ओमेगा 3 फैटी एसिड (ओमेगा 3 फैटी एसिड)
ब्रेन फैंटेसी के लिए ये हेल्दी एडवांस हैं। ये शरीर की सूजन को कम करते हैं। ये वैजाइना को लुब्रिकेट कर हेल्दी रखते हैं। ये काफी मछली जैसे कि सालमन, टूना में पाए जाते हैं। फ्लेक्ससीड्स, चिया सीड्स, वालंट आदि जैसे पौधों पर आधारित खाद्य पदार्थों में भी पाया जाता है। इसकी प्रमाणिकता में भी लिया जा सकता है।
2 विटामिन डी (विटामिन डी)
जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती जाती है, विटामिन डी प्रोडूस करने की क्षमता कम होती जाती है। विटामिन डी बोन हेल्थ, प्रतिरक्षा प्रभाव, मूड रेगुलेशन के लिए जरूरी है। यह दूध, हल्दी, विलंबित उत्पाद, सोया आदि में पाया जाता है। इसकी जरूरत बिल्कुल नहीं हो रही है। चालीस प्रतिशत महिलाओं के लिए विटामिन डी की निगरानी जरूरी है।
3 कैल्शियम (कैल्शियम)
बोन डेंसिटी को मेंटेन करने के लिए कैल्शियम जरूरी है। यह ऑस्टियोपोरोसिस से संबंधित है। ग्रीन लीफी वेजिटेबल, चीज, भिंडी आदि में यह पाया जाता है। समय के साथ हड्डियों की विकृति रोकने के लिए डॉक्टर की सलाह पर लेना शुरू करें।
4 मैग्नीशियम (मैग्नीशियम)
यह अजीब शरीर के 300 से भी ज्यादा बायो केमिकल रिएक्शन में हिस्सा लेता है। यह एनर्जी प्रोडक्शन और मांसपेशियों फंक्शन में हिस्सा लेता है। यह आराम और नींद लाने में भी मदद करता है। ड्राई फ्रूट्स, सूजे हुए, लेगूम्स, टोफू, केला में यह सब मौजूद है। 40 के बाद इसकी पुष्टि करें सेवन किया जा सकता है।
5 सोखने (कोलेजन)
उम्र बढ़ने पर शरीर पर हमारा उत्पादन कम कर देता है। इसके कारण झुर्रियां, स्किन सैगिंग (skin sagging) और जॉइंट पेन को बढ़ावा देता है। विशेषण स्किन और जॉइंट हेल्थ को सपोर्ट करता है। चना, आंवला, टमाटर, काजू जैसे खाद्य पदार्थों से भरपूर होते हैं।
6 प्रोबायोटिक (प्रोबायोटिक्स)
उम्र बढ़ने पर हमारी आंत में बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ने लगता है। इसके कारण डाइजेस्टिव प्रॉब्लम होने लगते हैं। यह ओवरऑल गट हेल्थ को बढ़ावा देने में मदद करता है। दही के अलावा फर्मेंटेड फूड में भी प्रोबायोटिक पाया जाता है। प्रोबायोटिक कृत्यों के लिए भी जा सकते हैं।

अंत में
डॉ. अंजलि कहते हैं, ‘ये योजकताएं उज्जवल हो सकती हैं। यह याद रखना जरूरी है कि ये हेल्दी डाइट (स्वस्थ आहार) और ग्रेट लाइफस्टाइल का विकल्प नहीं हो सकता। उम्र बढ़ने के साथ पोषक तत्वों से भरपूर लेना, नियमित व्यायाम करना और तनाव का प्रबंधन करना बढ़िया स्वास्थ्य के लिए जरूरी है।’
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