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इन दिनों फिटनेस दीवा (फिटनेस दिवा) मलाइका अरोड़ा (मलाइका अरोड़ा) का मूविंग विद मलाइका (मूविंग विद मलाइका) काफी चर्चा में है। बातचीत पर आधारित इस कार्यक्रम में लोग अपने दिल की बात कहते हैं। इस कार्यक्रम में लोकप्रिय टीवी अभिनेत्री भारती सिंह भी आईं। उन्होंने बॉडी शेमिंग (बॉडी शेमिंग) पर बात की। बॉडी शेमिंग पर बात करते हुए उन्होंने बताया कि लोगों की खूबियों को देखने की बजाय चेहरे को देखते हैं। फिटनेस को वेटेज देते हैं। घबराहट का मजाक उड़ाते हैं। भारती ने कार्यक्रम के माध्यम से अपील की कि लोगों का चेहरा नहीं नजरिया बदलने की जरूरत है। अनुजिया बदलने के लिए उन्हें कुछ टिप्स को अपनाना होगा।
यहां हैं नजरिया बदलने के लिए कुछ जरूरी टिप्स (Tips)
1 घर को सुनिश्चित करने (Confidence) को तोड़ने से बचना चाहिए
लाफ्टर क्वीन (लाफ्टर क्वीन) भारती सिंह (भारती सिंह) मूविंग विद मलाइका (मूविंग विद मलाइका) शो में कहती हैं, ‘लोग उन्हें सोशल साइट्स पर पूर्वाग्रह की वजह से हमेशा ट्रोल करते रहते हैं। मैं बाहर ही घर पर भी ट्रोल हो जाता हूं। बोल्ड। खूब ताने सुने हैं। कभी एक परांठा ज्यादा खा लिया, तो घरवाले मना करते हैं। वे कहते हैं कि लड़कियां इतनी चौपट नहीं होतीं। तुम शादी नहीं करोगे।
अरविंद अरविंद सिंह कहते हैं, ‘घर को कभी अपने बच्चों या परिवार के किसी सदस्य को बॉडी शेप या गड़बड़ी को लेकर नहीं बोलना चाहिए। इससे बच्चे का विश्वास प्रभावित होता है। यदि वे शारीरिक गतिविधि (Physical activity) या व्यायाम (Exercise) नहीं करते हैं, तो इसके लिए कहें न कि आस-पास को लेकर।’
2 Negative(negative Thoughts) के बजाए सकारात्मक विचार विचार सामने लायें
अभी कुछ महीने पहले तक एक्ट्रेस काजोल (काजोल) की बेटी न्यासा (न्यासा देवगन) अपने रूप-रंग को लेकर यूजर्स (यूजर्स) के बीच ट्रोल (ट्रोल) होती थीं। अक्सर लोग उनके लिए लिखते हैं, ‘ये मोटी और भद्दी दिखती है। अपनी मां की तरह स्मार्ट भी नहीं है। इसकी वजह से उन्हें बहुत बुरा लगता है और उनकी हरकतें होती हैं। हालांकि अब न्यासा देवगन की पर्सनैलिटी बिल्कुल बदल गई है। अरविंद सिंह कहते हैं, ‘हर व्यक्ति में कुछ न कुछ गुण जरूर होते हैं। हमें व्यक्ति के नकारात्मक बिंदु को देखने के बजाय उसके सकारात्मक बिंदु को देखना चाहिए। उसका प्रसार किया जाना चाहिए। नकारात्मक विचार की बजाय बजाय विचार मन में लायें। ‘
3 कहावतें (नीतिवचन) और लोकोक्तियां (कहावतें) भी करती हैं बॉडी शेमिंग के खिलाफ इशारा
“रूप न देखो गुण को देखो” – यह कहावत बहुत प्रसिद्ध है। इस कहावत के साथ ही अगर किसी ने फिल्म ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ देखी है तो उसकी भी याद आएगी। इसमें अभिनेत्री जीनत अमान (ज़ीनत अमान) का चेहरा जला दिया गया है, लेकिन उनकी आवाज़ बहुत सुरीली है। उनकी पलक के प्रति सभी आकार्षित हैं। सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर (लता मंगेशकर) पर फिट बैठती हैं। गुण के पैमाने पर लता जी राशिफल पर थीं। एक बार उन्होंने कहा था, यह सच है कि पहली बार चेहरा देखने पर ही सामने आता है, लेकिन यह आकर्षण ग्रहण नहीं करता। पर्सन की खूबी ही लोगों के मन में टिकती है। गाँव में यह लोकोक्ति प्रसिद्ध है काम जुड़ाव कि चाम जुड़ाव। मतलब आप अपने काम के कारण लोगों के बीच प्यार पोजीशन हैं न कि अपने रूप में।
4 आपको खुद भी नजरिया बदलने (परिप्रेक्ष्य बदलने) की जरूरत है
मिस यूनिवर्स रह चुकी हैं और एक्ट्रेस सुष्मिता सेन (सुष्मिता सेन) ने एक बार अपने इंटरव्यू के दौरान कहा, सामने वाले के साथ-साथ आपको अपनी नजरिया भी आएंगी। यदि आप कोई प्राप्तकर्ता भोंडी कहते हैं, तो आप उसे दिल पर नहीं लें। सामने वाले की बात का हंसते हुए जवाब दें।’
अरविंद सिंह भी इस बात पर हमी भरते हुए कहते हैं, ‘यदि व्यक्ति छोटी-छोटी बातों पर चिढ़ना, नाराज होना छोड़ दे, तो धीरे-धीरे सामने वाला व्यक्ति भी उसे चिढ़ाना बंद कर देगा। वह खुद भी मानसिक रूप से मजबूत होगा। महान क्रिकेटर सचिन युगल कहते हैं, ‘आलोचना या अपनी कुछ बुरी बातों पर प्रतिक्रिया नहीं दें। इसके बजाय अपने काम में हासिल कर जवाब दें।
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