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जानिए खुश रहने वाले हार्मोन को कैसे बढ़ावा दें।

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तनावमुक्त जीवन में सभी को मानसिक शांति और खुश रहने की बहुत जरूरत है। क्योंकि तनाव आपके मानसिक, शारीरिक एवं जुड़े स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। इसलिए स्वास्थ्य को ध्यान रखना सबसे जरूरी है आपकी आंतरिक शांति और प्रसन्नता। वहीं खुश रहने में आपकी मदद करते हैं शरीर में मौजूद हैपी हार्मोन रहते हैं। जैसे भूख, प्याले, चोट, तनाव और घबराहट को महसूस करते हैं जब हॉर्मोन्स ब्रेन को मैसेज पास करते हैं। ठीक उसी प्रकार हैप्पीनेस हार्मोन भी होते हैं जो कुछ अच्छा होने पर मस्तिष्क को संदेश देते हैं और हमें अंदर से खुशी मिलती है।

कई बार हमारी नियमित मान्यता की वजह से शरीर में हैप्पी हार्मोन का स्तर गिर जाता है। लेकिन इसे लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है, अपनी जीवनशैली में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव करके आप इन हार्मोन के उत्पादन को बढ़ा सकते हैं। तो बिना देर किए जानते हैं कि हैप्पी हार्मोन किस तरह बढ़ते हैं।

सबसे पहले हैप्पी हार्मोन के बारे में जाने

हमारे शारीरिक संबंध से लेकर जुड़े हुए स्वास्थ्य को नियामक करने में हार्मोन्स का सबसे बड़ा हाथ होता है। हार्मोन भूख लगने से खुश और दुखी होने तक महसूस करने में मदद करता है। हॉर्मोन्स शरीर के लिए धोखेबाज़ की तरह काम करते हैं। वहीं आज हम बात करेंगे कुछ ऐसे ही हॉर्मोन्स के बारे में जो हमें हैप्पीनेस यानी कि खुशी का एहसास लापरवाही है।

1. तर्क: इन्हें हैप्पी हार्मोन्स के नाम से जाना जाता है। परिणाम आपको अच्छा लगा करवाता है। इसका उत्पादन तब बढ़ता है जब हम कुछ सुखद अनुभव करते हैं।

2. निकोटीन: इसे “फील-गुड हार्मोन” के नाम से जानते हैं। एकाग्रता चिंता और अवसाद को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वहीं व्यायाम, बाहर समय पर काम करना और रात को अच्छी नींद लेने से फोकस के उत्पादों को सींक जा सकता है।

3. एंडोर्फिन: आमतौर पर यह व्यायाम से होता है। “हार्ट एक्सरसाइज एंडोर्फिन बढ़ाने के सबसे अच्छे तरीकों में से एक है। ये शक्तिशाली हार्मोन प्राकृतिक रूप से दर्द को कम करने में मदद करते हैं।

4. ऑक्सीटोसिन: यह बंधन और संलग्नता में अपनी भूमिका दिखता है। चाइल्ड बर्थ और नर्सिंग के दौरान महिलाओं के शरीर में काफी तेजी से वृद्धि हो रही है। यह “लव हार्मोन” किसी के स्पर्श से भी बढ़ रहा है जिसमें हाथ पकड़ना, गले लगाना, किस करना, मालिश और सेक्स शामिल है।

एक्सरसाइज करें और पासें बहनें
हर रोज कसरत करें और खूब पसीना बहाएं। चित्र : उजागर करें

यहां जाने हैप्पी हार्मोन किस तरह बढ़ सकते हैं

1. व्यायाम करने के लिए समय दें

नियमित रूप से एक्साइज करने से कई सारे स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। वहीं यह आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है। आप रनर हाई का नाम सुना होगा, यह एक प्रकार का अभ्यास है जो एंडोर्फिन हैप्पी हार्मोन को रिलीज करने में मदद करता है।

ऐसा नहीं है कि व्यायाम केवल एंडोर्फिन को किया जाता है बल्कि यह दोहराता है और ओवरलैप के स्तर को भी तेजी से विलंब होने में मदद करता है। इसी के साथ यदि आप किसी प्रकार के दर्द से पीड़ित हैं या व्यायाम करते हुए आपको दर्द महसूस हो रहा है, तो ऐसे में ब्रेन एंडोर्फिन के साथ इंटरेक्ट करता है और आपके दर्द के एहसास को कम कर सकता है।

2. हंसने से मिलेगी मदद

हम हमेशा नंबर आ रहे हैं कि “लाफ्टर एज दी बेस्ट मेडिसिन“जी हाँ! यह पूरी तरह सच है। हंसने से न केवल आपका मानसिक स्वास्थ्य बल्कि आप शारीरिक रूप से भी स्वस्थ रहते हैं। हंसने से प्रोटोकॉल और एंडोर्फिन का स्तर होता है। जो एंग्जाइटी, स्ट्रेस और मूड को अच्छा करने में मदद करते हैं।

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा 2017 में 12 साल के बच्चे पर एक शोध किया गया। इसमें पाया गया कि सोशल लाफ्टर आपके बॉडी मेडोर्फिन के उत्पादन को बढ़ाता है।

क्या हसने पर चेहरे में डिंपल आती है?
हंसने-मुस्कुराने से भी तनाव दूर भागता है और आप सुंदर दिखते हैं। चित्र: एक्सपोजर

3. खाना पकाना और मनपसंद खाद्य पदार्थों का सेवन भी असरदार होता है

मन पसंदीदा व्यंजन के सेवन से आपके शरीर में जैसा और वैसा ही उत्पादन बढ़ जाता है। इसके साथ ही उसकी फेवरेट डिश कुक टाइम आपके शरीर में ऑक्सीटॉसिन का स्तर बढ़ रहा है। यहां कुछ खास खाद्य पदार्थों के नाम सेवन से अलग-अलग प्रकार के हैप्पी हार्मोन रिलीज होते हैं।

स्पाइसी फूड्स एंडोर्फिन को बढ़ाता है। योगर्ट, सूआ, एग, मिलते हैं और बादाम विचित्र के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करते हैं।

ट्राइप्टोफैन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन सेराटोनिन के स्तर को बढ़ाता है।
वहीं प्रोबायोटिक्स जैसे कि योगर्ट, किमची, आदि शरीर में सभी तरह के हैप्पी हार्मोन के उत्पादन को बढ़ाते हैं।

4. संगीत भी काफी असरदार होता है

पसंदीदा गाने नंबरिंग इंजॉय करने से आपका ब्रेन जैसा रिलीज होता है। और यदि आप किसी बात से परेशान हैं तो यह आपको अच्छा दिखने में मदद करता है। वहीं जैसे-जैसे मूड इंप्रूव होता है, वैसे-वैसे डेडिकेटेड प्रॉडक्शन में देखने को मिलता है। इसके साथ ही नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार चल रहे साइन्स के रिहर्सल में लोगों के बॉडी में एंडोर्फिन के स्तर को बढ़ाया गया।

ध्यान से मिलेगी एमडीडी
मैडिटेशन बना रहता है। चित्र एक्सपोजर।

5. ध्यान करना जरूरी है

ध्यान इसके फायदों के बारे में तो आप सभी चीजों को तनाव कम करने के साथ-साथ नींद की गुणवत्ता को बढ़ा देते हैं। पब मेड सेंट्रल के अनुसार मेडिटेशन करते हुए संतुलन का उत्पादन बढ़ जाता है।

जब आप तनाव से घिरे रहते हैं, तो आपके शरीर में शैतानी और दार्शनिकता का उत्पादन काफी कम हो जाता है। जो आपकी शारीरिक सेहत और मूड को खराब करता है। ऐसे में ध्यान का अभ्यास स्ट्रेस रिलीज करते हुए हैप्पी हार्मोन्स को बढ़ाने में मदद करेगा।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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