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जानिए तनाव आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है।- जानिए आपके समग्र स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है तनाव।

बढ़ता हुआ तनाव आपको और मानसिक थकान के साथ-साथ शारीरिक थकान भी महसूस करा सकता है। मामूली थकान कोई बीमारी नहीं है, लेकिन जब आप मानसिक रूप से और थक जाते हैं या हर समय किसी बात को लेकर तनाव में रहते हैं, तो यह धीरे-धीरे आपके समग्र स्वास्थ्य पर असर डालता है। फिर भी वह आपके बालों का झड़ना हो, पीठ में लगातार रहने वाला दर्द, या ध्यान में कमी। एक मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ समझ में आता है मेंटल और फिजिकल हेल्थ का आपसी संबंध।

सामान्य बालचाल या चिकित्सीय शब्दावली में भी मानसिक और शारीरिक थकान को अलग-अलग तरह से परिभाषित किया जाता है। इसके बावजूद दोनों एक-दूसरे से बहुत हद तक जुड़ी हुई हैं। जब आप किसी बीमारी से ग्रस्त होते हैं, पेशेवर जीवन में बहुत अधिक बिजी होते हैं, पारिवारिक अनबन या किसी से दूर होते हैं, तब आप स्थिर थकान का अनुभव करते हैं।

हमेशा ठंडा मेशूस करना सही नहीं है
हमेशा थकान महसूस करना सही नहीं है। चित्र : उजागर करें

लगातार थकान के बारे में क्या है विशेषज्ञों की राय

डा. ललिता मनोवैज्ञानिक हैं। वे कहते हैं कि, “कुछ हद तक दैनिक तनाव और चिंता का अनुभव करना सामान्य है, लेकिन समय के साथ, पुरानी चिंता शरीर पर काफी भारी पड़ सकती है। यदि जीवन में लंबे समय तक तनाव की स्थिति बनी रहती है, तो यह निरंतर थकावट का कारण हो सकता है, भले ही वह तनाव व्यक्तिगत हो या काम से संबंधित हो।”

भावात्मक थकावट को जकड़ने की वजह से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में अलग-अलग हो सकता है। एक व्यक्ति के लिए जो चीज या स्थिति बंधी हो सकती है, वह दूसरे व्यक्ति के लिए पूरी तरह से प्रबंधनीय हो सकता है। इसलिए आपको अपने स्तर और क्षमता दोनों को जगह मिलेगी।“

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यहां वे भौतिक जीवाणु हैं जो जुड़े तनाव या थकान के कारण हो सकते हैं

1. सिर दर्द होना (सिरदर्द)

जब आप जुड़े हुए रूप से आहत होते हैं तब आपके सिर में अक्सर दर्द रहता है। जोकि एक तरफ संकेत है कि आप जुड़े हुए से जुड़े हुए हैं।

2. ब्रेन फॉग (ब्रेन फॉग)

ब्रेन फ्रॉग का मतलब होता है कि आप किसी काम को ठीक से नहीं कर पाते हैं या यूं कहें कि आप किसी काम को पूरा ध्यान से नहीं करते हैं। आपके दिमाग को कोई बीमारी नहीं होती है। वह थकान की वजह से किसी भी काम पर ध्यान नहीं देता या ठीक से नहीं पाता।

3. सीने में दर्द (सीने में दर्द)

जब आप मानसिक रूप से या थके हुए होते हैं। तब आपकी छाती में भी दर्द हो सकता है। क्योंकि हम बहुत सी चीजों को अपने दिमाग के साथ दिल से भी लगा लेते हैं। यही कारण होता है कि थकावट की वजह से सीने में दर्द बना रहता है।

तनव के कर्ण साइन में दर्द हो सकता है
तनाव के कारण सीने में दर्द हो सकता है। चित्र एक्सपोजर

4. लगातार दिमाग का घूमना (रेसिंग माइंड)

वैज्ञानिक कहते हैं कि जब आप जुड़े हुए रूप से ठीक नहीं होते हैं। तब लगा आपका दिमाग लगातार किसी न किसी भाग दौड़ में रहता है और इसमें कुछ ना कुछ विचार चलते ही रहते हैं। यदि आपको लगता है कि आपका दिमाग भी लगातार किसी रेस में रहता है। तो यह गहन थकान का संकेत हो सकता है।

5. बॉडी में दर्द

तनाव का असर हमारे शरीर पर प्रभाव डालता है हमारे शरीर में बार-बार दर्द होता है क्योंकि तनाव आपके मेंटल हेल्थ के साथ-साथ फिजिकल हेल्प अभी असर डालता है जिसके लिए इसलिए यदि आप भी अपने शरीर में बार-बार दर्द महसूस कर रहे हैं तो यह संकेत है कि आप भावुक हैं और आपको मदद की जरूरत है।

6. ध्यान केंद्रित करने में समस्या

संपूर्ण रूप से स्वस्थ व्यक्ति किसी काम पर अपना ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता। बल्कि वह हर धारणा पर ही ध्यान केंद्रित करता है। यदि आप किसी काम पर ध्यान नहीं दे रहे हैं या बार-बार गलतियां कर रहे हैं। तो आपको आराम की आवश्यकता है और स्वयं को फिर से समान रूप से ठीक करने की आवश्यकता है।

इसके अलावा यदि आपको सांस लेने में कठिन, पाचन संबंधी समस्याएं, बहुत अधिक या बहुत कम भूख लगना, हाथ पैरों का सुन्न होना जैसी परेशानी भी हो रही है तो यह अचानक थकान के संकेत हैं।

मेंटल हेल्थ कहते हैं कि थकावट बर्नआउट के लक्षणों में से एक है। आप अपने दैनिक प्रतिक्रियाओं में छोटे-छोटे बदलाव करके इसके लक्षण नियंत्रित कर सकते हैं। थकावट के कारण निराशा और जीवन के उद्देश्य में कमी महसूस हो सकती है। इसलिए प्राप्त सहायता करने में कभी भी देरी न करें।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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