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हममें से कई ऐसे होंगे, जिनमें बचपन में मैथ्स के सवाल हल करने में मजा आएगा। जिन छात्रों से मैथ्स के सवाल जल्दी हल हो जाते हैं, हम उन्हें शार्प ब्रेन वाले व्यक्ति मानते थे। आज नेशनल मैथेमेटिक्स डे और देश के महान प्राप्तकर्ता श्रीनिवासन रामानुजन का जन्मदिन (22 वीक) भी है। उनके बारे में यह दावा प्रचलित है कि कई बीमार होने के बावजूद मैथ्स ने उन्हें मानसिक रूप से कमजोर नहीं होने दिया। अब तो रिसर्च से भी यह बात सामने आ चुकी है कि मैथ्स हमारे मेंटल हेल्थ को रेगुलेट (मानसिक स्वास्थ्य के लिए गणित) दिखाता है। आइए सबसे पहले जानते हैं राष्ट्रीय गणित दिवस (राष्ट्रीय गणित दिवस) और श्रीनिवासन रामानुजन के बारे में।
राष्ट्रीय गणित दिवस (राष्ट्रीय गणित दिवस-22 बंधन)
राष्ट्रीय माप दिवस हर साल 22 दिसंबर को महान भारतीय संदेश श्रीनिवासन रामानुजन की याद में मनाया जाता है। इसी दिन रामानुजन का जन्म हुआ था। उन्होंने संख्या सिद्धांत, इन्फिनिटी सीरीज़, मैथेल एनालिसिस आदि में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। यहां तक कि 1729 को रामानुजन नंबर भी कहा जाता है। रामानुजन का जन्म 22 दिसंबर, 1887 को इरोड, तमिलनाडु में हुआ था। उनकी मृत्यु 26 अप्रैल, 1920 को मात्र 32 वर्ष की आयु में कुंभकोणम में हो गई।
गणित में कई खोज करने वाले रामानुजन उस समय जीभ की बीमारी से पीड़ित थे। उस समय के डॉक्टर ने अपनी बीमारी के बारे में बताया था कि इस बीमारी से पीड़ित लोगों का दिमाग खराब रहता है। पर रामानुजन इतनेियां इसलिए हासिल कर पाते हैं, क्योंकि वे मैथ्स से जुड़े हुए थे।
मैथ्स के न्यूमेरिकल को हल करने से बेहतर हो सकता है मेंटल हेल्थ (मानसिक स्वास्थ्य के लिए संख्यात्मक)
खराब मानसिक स्वास्थ्य से निपटने के लिए द अमेरिकन मैथेमेटिकल सोसाइटी में प्रकाशित शोध दस्तावेज़ का नोटिस मैथ्स के आक्षेप का सहारा लिया जा सकता है। शोधकर्ता जस्टिन करी के अनुसार, बच्चों में मैथ्स के बारे में एक अध्ययन किया गया। इसमें पाया गया कि जिन बच्चों ने मैथ्स के प्रश्न हल करने में दिखाया है, उनमें कुछ हद तक अंगीभूत भी हैं।

वहीं दूसरी तरफ जिन ने बच्चों को मैथ्स के लिए चुना, उनमें डिप्रेशन और एंजाइटी के लक्षण कम होते पाए गए। अध्ययन में यह पाया गया कि समझौता कौशल (संख्यात्मक कौशल) विकसित होने पर विश्वास भी घटित हुआ। अपना कौशल विकसित कर सकते हैं, अंततः बेहतर मानसिक स्वास्थ्य का समर्थन कर सकते हैं।
मेमोरी बेस्ड मैथ्स (मेमोरी बेस्ड मैथ्स) घटाए जा सकते हैं
ग्रिफिथ विश्वविद्यालय में शोधकर्ताओं ने पाया है कि स्मृति-आधारित गणित के रोग मस्तिष्क के एक क्षेत्र को उत्तेजित करते हैं। इसे डॉर्सोलेटरल प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स कहा जाता है। यह अवसाद और चिंता से अंगराग हुआ है। अध्ययनों में यह पाया गया है कि इस क्षेत्र में उच्च सक्रियता के कारण एंजाइटी और अवसाद के लक्षणों में कमी आई है।

यदि लंबे समय से मैथ्स के सवाल हल कर रहे हैं, तो आप अवसाद और अंग्रेजी से निश्चित तौर पर बच सकते हैं।
गणित के सवालों से ब्रेन शार्प हो सकता है (मैथ्स फॉर शार्प ब्रेन)
यूके के जर्नल मेंटल हेल्थ रिसर्च मैटर जर्नल के शोध दस्तावेज़ के अनुसार, मेंटल मैथ्स अवर ब्रेन को स्पष्ट करता है। जब वीडियो कोटल मेंटल मैथ्स बनाने के लिए दिया जाता है, तो मस्तिष्क की मांसपेशियां पहले से अधिक मजबूत होती हैं। पहले की कड़ी ब्रेन ने अधिक अधिकार के साथ काम किया। मेंटल मैथ्स व्यक्ति की संख्या बोध, मात्रा के बीच संबंध के आधार पर क्षमता की समझ में सुधार कर सकता है। यदि आप अपने बच्चों को दिमागी तौर पर मजबूत बनाना चाहते हैं, तो उनकी रुचि गणित में विकसित करें। इसके लिए मैथ्स सम हल करने के अजीब तरीके का सहयोग ले सकते हैं।
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