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अल्जाइमर के खतरे को कम करने के आसनों के बारे में जानें अल्जाइमर के जोखिम को कम करने के लिए पोज़ के बारे में जानें

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बात करते करते भूल जाना, बार बार एक ही बात को दोहराना, तनाव में जल्दी आना और रात को अच्छे से सो न पाना। क्या आप भी इस तरह की परेशानी से दो चार हो रहे हैं। अगर हां, तो जानूं कि आप धीरे-धीरे अल्जामर(अल्जाइमर) शिकार हो रहा है। अक्सर ऑफिस जाकर सुबह से लेकर शाम तक किसी न किसी काम में मसरूफ रहता है। इससे उनका स्वास्थ्य, फिजिक और दिमाग (स्वास्थ्य, शरीर और मन) सभी गड़बड़ हो जाते हैं।


अक्सर छोटे-छोटे निर्णय लेने में भी असंगत महसूस करने लगती है। इससे शुरू होने के लिए योगाभ्यास एक आसान उपाय है। आइए जानते हैं। कैसे योग की मदद से अल्जीमर के जोखिम को कम किया जा सकता है (योगासन के जोखिम को कम करते हैं अल्जाइमर)

इस बारे में अंश संस्था, योग गुरु, पूर्व राजनयिक, निदेशक मोक्षायतन योग संस्थान हमें बताते हैं कि जीवन मे आहार, व्यवहार और योगाभ्यास का बहुत अधिक महत्व है। बॉडी, ब्रीथ और ब्रेन में सही तालमेल के लिए सूर्य नमस्कार एक नाम का उपाय है। इसके अलावा ओम का उच्चारण आपकी इंद्रियों को वश में करता है और मानसिक तनाव से मुक्ति देता है।

अनुसंधान क्या कहता है

यूसीएलए मैरी एस ईस्टन सेंटर फॉर अल्जाइमर रोग अनुसंधान और बक इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च ऑन एजिंग के डॉ डेल ब्रैडसेन ने एक अध्ययन किया। इस अध्ययन में दस वीडियो में से नौ थैरेपिस्ट कार्यक्रम में शामिल हुए। नौ लोगों में तीसरे महीने के अंदर मैमोरी में विशेष बदलाव देखने को मिला। ये सब्जेक्टिविटी और ऑब्जेक्टिव दोनों तरह से सुधार देखने को मिले। इन लोगों ने थैरेपी के साथ आहार में बदलाव किया और नियमित व्यायाम का भी मार्ग का हिस्सा बनाया।


सूर्य नमस्कार

सूर्य नमन की प्रथा सदियों से चली आ रही है। जो निरोगी काया का एक उपनाम उपाय है। इसके लिए बारह प्रकार के योग आसनों को जोड़कर एक जिम्मेदार बनाया जाता है। इसमें अष्टांगसन, प्रणाम

सूर्य नमस्कार के फायदे
सूर्य नमस्कार से पूरे शरीर को सुख मिलता है। चित्र:शटरस्टॉक

और भुजंगासन सहित 12 प्रकार की योग प्रक्रियाओं को संयुक्त रूप से जोड़ा जाता है।

सूर्य नमस्कार कैसे करें

बारह चरणों में पूरा होने वाले इस योग के लिए सबसे पहले बिना किसी स्थिति के सटीक सीधी स्थिति में रुकें।

फिर दोनों हाथों को जोडें और सूर्य को प्रणाम कर मंत्र उच्चारण करें

इसके बाद दोनों हाथों को पीछे की ओर ले जाएं और पैर धीरे-धीरे धीरे-धीरे दिखने लगें।

ध्यान रहे कि इस दौरान दोनों बाजूओं को बैठने से रोक दें। धीरे-धीरे आगे की ओर थोड़ा और झुकते हुए सीधे कर दें।

फिर आगे की ओर झुके और जम को छुएं। उसके बाद एक पाव पीछे ले जाएं और दूसरे पैर के सकल आगे की ओर झुकें।

पैरों के एड़ियों को पीछे की ओर ले जाएं और पुशअप की मुद्रा में जाएं। उसके बाद छाती से धीरे-धीरे जमीन को छुएं।

आधे उठे और हाथों को ज़मीं पर धुँधला कर सीधा लें। इसके बाद एग लेग पीछे और दूसरा आगे करे और दहाड़ को उस पर टिका लें।

उसके बाद दोनों हाथों से जम को छुएं। अब सीधे खड़े होकर दोनों हाथों को पीछे की ओर खींचें।

सूर्य नमस्कार आपको मानसिक और शारीरिक शांति प्रदान करता है। इस प्रकार से सभी 12 आसनों को मिलाकर सूर्य नमस्कार को पूर्ण करें।

योग के लिए स्तन
योग से तन और मन दोनों स्वस्थ रहते हैं। चित्र एक्सपोजर

नाड़ी शोधन और भ्रमरी प्राणायाम

नाड़ी शोधन प्राणायाम का एक प्रकार है। जो शरीर को शांति और शनिवार प्रदान करता है। इससे गिरफ्तार हो गया हूं।

इसे करने से एकाग्र चित्त स्थिर बैठ जाता है। सिर और रीढ़ की हड्डी को बिल्कुल सीधा कर लें।

अब दोनों नींद बंद करके सांस लेने पर ध्यान केंद्रित करें।

अपना ध्यान नाक की सीड पर अटकाएं।

राइट हैंड को राइट नी रखें। वहीं बाएं हाथ को बाएं घुटने पर रखें।

अंगूठे की मदद से दहिनी ओर से नाक को बंद करें। वहीं बाई ओर से सांस लें।

उसके बाद दूसरी तरफ से अन्य संपर्कों की मदद से नाक को बंद करके दाईं ओर से सांस ले।


इस प्रक्रिया को अपी सहूलियम के होश से 8 से 10 बार सुनिश्चित करें।

कपालभाति प्राणायाम से फायदे
नियमित रूप से 10 मिनट कपालभाति करने से बेली फैट खत्म हो जाता है। चित्र: एक्सपोजर

कपालभाती प्राणायाम

यह नियमित रूप से करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है। इसके अलावा शरीर की रेसिपेटरी सिस्टम को क्रॉकरी मिलती है, यह संकुचित होता है।

सुबह जल्दी उठकर सुखासन की मुद्रा में बैठें और अपने शारीरिक अंगों पर ध्यान केंद्रित करें।

सबसे पहले रीढ़ की हड्डी को सीधा करके बैठ जाएं। उसके बाद दोनों हाथों को उपर की ओर वर्णन करता है। अब डीप ब्राइडिंग करें।

ब्रीड इन के वक्त पेट को अंदर की ओर खीचें। इस आसान में सास फेफड़े में बहती हुई बहती है। कपाल भाती को 15 से 20 बार करें।

इन बातों का ध्यान रखें

गैजेट्स के प्रयोग से बचें

दिनभर मोबाइल के साथ काम करने के कारण हमें कई बार एंजाइटी और मानसिक तनाव सहित कई शिकार शिकार होते हैं। जो अल्ज़ाइमर का कारण सिद्ध हो सकता है। ऐसे में गैजेट्स के अत्यधिक इस्तेमाल से बचें। मार्ग में कुछ घंटे में लक्ष्य प्राप्त करें और वो समय अपने लिए चुनें।

खान पान का ख्याल रखें

कभी-कभी ब्रेकफास्ट मिस कर देते हैं, तो कभी-कभी मिलते-जुलते। इससे शरीर को पोषक तत्वों की प्राप्ति नहीं होती है। शरीर में दिनभर थकान महसूस होती है। थकान के कारण हम किसी भी चीज को याद रखने में ऐसा महसूस करते हैं। सहयोगी प्रतिष्ठाएं कहती हैं कि पैक्ड फूड की जगह संबंधित खाद्य पदार्थों का दावा करना चाहिए। जो शरीर स्वस्थ रहता है और हमें आवश्यक पोषक तत्व अपने मिल जाते हैं।

प्रकृति के सन्निध्य में कुछ देर उठती है

अंश प्रतिष्ठा कहते हैं कि भाग-दौड़ भरी जिंदगी में एक कुर्सी पर बैठे हुए पूरा दिन रहने की आदत को छोड़ दें। ऐसे में कुछ देर खुली हवा में निकल जाती है और सर्दी के मौसम में सुनहरी धूप में भी कुछ देर तक बैठी रहती है। जो विटामिन डी का एक रिच है। खुला आपको कई प्राधिकरणों से मुक्त रखने का काम करता है। पार्क में कुछ देर चलने के लिए गीत और प्रकृति का अनुभव करें। नांग पावं हरी घास के उपर कुछ देर टहलें। इससे आपको मानसिक शांति का अनुभव होता है।

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