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जानिए जेस्टेशनल हाइपरटेंशन के बारे में। – जेस्टेशनल हाइपरटेंशन के बारे में जानें।

उच्च रक्तचाप यानी हाई ब्लड प्रेशर गर्भावस्था के दौरान एक ऐसी स्थिति है, जो ज़ोन के रूप में मां और बच्चे दोनों के लिए गंभीर लक्षण पैदा कर सकते हैं। कई बार महिलाएं अपनी प्रेग्नेंसी की अवधि में हाई ब्लड प्रेशर की शिकार हो जाती हैं जिसे जेस्टेशनल हाइपरटेंशन (गर्भावधि उच्च रक्तचाप) कहते हैं। आमतौर पर यह समस्या खत्म हो जाती है। लेकिन इसकी मां और बच्चे की सेहत पर क्या प्रभाव पड़ता है। क्या यह स्थिति अजन्मे बच्चे की सेहत को भी प्रभावित कर सकती है, या यह केवल मां की सेहत को प्रभावित करती है? आइए इसके बारे में जानते हैं।

मदरहुड हॉस्पिटल नोएडा के सीनियर कंसल्टेंट ऑब्स्टेट्रिशियन और गायनेक एसोसिएट डॉक्टर तनवीर औजला से चर्चा की उन्होंने इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें बताईं। तो आइए जानते हैं इस स्थिति के प्रभाव के बारे में।

इन 3 प्रकार की होती है हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति

गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप के विभिन्न प्रकार होते हैं, उच्च रक्तचाप (पहले से मौजूद उच्च रक्तचाप), गर्भावस्था उच्च रक्तचाप (गर्भावस्था के 20 सप्ताह के बाद विकसित होना) और प्रीक्लेम्पसिया (उच्च रक्तचाप और अंग क्षति की विशेषताएं) शामिल हैं।

नियमित जन्म पूर्व जांच और रक्तचाप की निगरानी महत्वपूर्ण होती है। चित्र : एडॉबीस्टॉक

प्रेग्नेंसी में हाई ब्लड प्रेशर में नजर आने वाले लक्षण जानें

गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप की स्थिति में ज्यादातर महिलाओं को सिरदर्द, धुंधला दिखाई देना, पेट में दर्द, तेजी से वजन बढ़ना, हाथों और चेहरे पर सूजन और पेशाब की कमी का अनुभव होता है। हालांकि, कुछ महिलाओं में हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति में किसी प्रकार के लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। यही कारण है कि नियमित जन्म पूर्व जांच और रक्तचाप की निगरानी महत्वपूर्ण होती है।

इस स्थिति में बच्चे की सेहत पर क्या असर पड़ता है

डॉक्टर तनवीर औजला के अनुसार प्रेग्नेंसी के दौरान हाई ब्लड प्रेशर की समस्या प्लेसेंटा में ब्लड फ्लो की कमी का कारण बन जाती है। प्लेसेंटा को पर्याप्त ब्लड फ्लो न मिलने के कारण भ्रूण को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिलते, जिसका असर सीधे बच्चे की जिम्मेदारी पर पड़ता है और प्रीमेच्योर बर्थ का खतरा बना रहता है। इसके साथ ही वजन कम के बच्चे का जन्म होता है।

जेस्टेशनल हाईटेंशन से पीड़ित महिलाओं के बच्चों को बाद में सांस लेने में तकलीफ हो सकती है, साथ ही वह संक्रमण से प्रभावित होते हैं। इसी प्रकार कई अन्य कॉम्प्लिकेशंस मिलते हैं।

गर्भावस्था में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या में कैसे रखें खुद का ध्यान

डॉक्टर औजला के अनुसार गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप का उपचार स्थिति की गंभीरता और भ्रूण के गर्भकाल में उम्र पर स्थायी रूप से निर्भर करता है। कुछ मामलों में ब्लड प्रेशर का नियमित चेकअप करवाना, हेल्दी डाइट लेने और लाइफस्टाइल में बदलाव किया जाता है।

यदि आप प्रेग्नेंट और हाइपरटेंशन की समस्या से पीड़ित हैं, तो डॉक्टर आपको लो सोडियम युक्त हेल्दी खाद्य पदार्थों की सलाह देते हैं। नियमित व्यायाम करें और भरपूर आराम करें।

अधिक गंभीर मामलों में, रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए दवा की आवश्यकता हो सकती है। हालांकि, दवा के चुनाव पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मां और बच्चे दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर विचार किया जाना चाहिए। कभी भी अपने मन से दवाई न लें।

उपचार की निगरानी और किसी भी पहेली को समझने के लिए नियमित पहचान पूर्व जांच और रक्त परीक्षण आवश्यक हैं।

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गर्भावस्था के पहले और बाद में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है तो क्या करें

प्रेगनेंसी से पहले क्या करें?

यदि आपको हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है तो आपके लिए सबसे पहले गर्भावस्था की योजना बनाना बहुत जरूरी है। डॉक्टर से मिले और इस विषय पर बातचीत करें। इस दौरान आपको डॉक्टर द्वारा सुझाई गई चीजों को फॉलो करने की जरूरत होती है।

गर्भवती होने से पहले दोबारा चेकअप कराएं और देखें कि आपका शरीर कांसिटिव होने के लिए तैयार है या नहीं। साथ ही आप हेल्दी वेट पर ध्यान दे सकते हैं और आपके खान-पान के प्रतिभागियों में सुधार कर सकते हैं।

स्वस्थ गर्भावस्था
डाइट का रखें खास ध्यान। चित्र : एडॉबीस्टॉक

प्रेगनेंसी के दौरान क्या करें?

यदि आप चंदन जी के हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से पीड़ित हैं तो जितनी जल्दी हो सके डॉक्टर से मिले और अपनी जांच करवाएं इसके साथ ही नियमित रूप से रक्त परीक्षण करवाना भी आवश्यक है

डॉक्टर द्वारा सलाह दी गई तस्करी का सेवन करें और किसी प्रकार की समस्या सामने आने पर बिना देर किए डॉक्टर से इस पर चर्चा करें कि घर पर ब्लड प्रेशर चेक करने वाला मशीन अपने पास रखें ताकि आप नियमित रूप से अपनी स्थिति की जांच कर सकें।

एक्सरसाइज, लो सोडियम फूड, वर्क्स और एक्सर्साइज़ आपकी मदद करेंगे। जितना हो उतना तनाव से दूर रहने की कोशिश करें। साथ ही ध्यान करने से लाभ मिलेगा।

प्रेगनेंसी के बाद क्या करें?

यदि गर्भावस्था की आवश्यकता के दौरान हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से पीड़ित थे, तो बच्चे को जन्म देने के बाद आपको इस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। अन्य महिलाओं की तुलना में आप में आघात और अन्य स्वास्थ्य संबंधी खतरे अधिक होते हैं। डॉक्टर के संपर्क में रहकर ही उनके द्वारा दिए गए निर्देशों को फॉलो करें।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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