यूएन जापान के निमंत्रण पर टोक्यो पहुंचे हैं। यह वार्ता ऐसे समय में हो रही है, जबकि दक्षिण कोरिया ने हाल ही में कोरियाई लहजे के लिए मुआवजे की घोषणा की थी, जबकि युद्ध के समय जापान के प्राधिकरण ने जबरन कार्य जिम्मेवारी तय की थी।
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-योल और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने बृहस्पतिवार को तोक्यो में शिखर वार्ता शुरू की। दक्षिण कोरिया और जापान के बीच एक दशक से अधिक समय के बाद पहली बार शिखर वार्ता हो रही है, जिसमें दोनों नेता लंबे समय से जारी प्रश्नों को दूर करने और सुरक्षा एवं आर्थिक विश्लेषण को फिर से विकसित करने की कोशिश करेंगे। यूएन जापान के निमंत्रण पर टोक्यो पहुंचे हैं। यह वार्ता ऐसे समय में हो रही है, जबकि दक्षिण कोरिया ने हाल ही में कोरियाई लहजे के लिए मुआवजे की घोषणा की थी, जबकि युद्ध के समय जापान के प्राधिकरण ने जबरन कार्य जिम्मेवारी तय की थी।
शिखर वार्ता कोरिया और चीन पर उनके संपर्क में, अमेरिका के साथ एक संयुक्त मोर्चा बनाने की फटाफट उनकी साझा नजरिये को रेखांकन करती है। शिखर वार्ता करने से कुछ ही घंटे पहले बृहस्पतिवार को उत्तर कोरिया ने अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करते हुए एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) का अनावरण किया।
इस मुद्दे पर शिखर वार्ता अमेरिका और दक्षिण कोरिया की सेना के बीच जारी संयुक्त सैन्य अभ्यास के विरोध के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि, मिसाइल प्रक्षेपण जापान और दक्षिण कोरिया को करीब आने की गति भी प्रदान कर सकता है। किशिदा ने मिसाइल का उल्लेख करते हुए कहा, ”क्षेत्र में शांति और स्थिरता महत्वपूर्ण है और हमें और समान विचारधारा वाले देशों के बीच सहयोग और मजबूती की जरूरत है।”
जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव हिरोकाजू मात्सुनो ने कहा कि जापान शिखर वार्ता में उत्तर कोरिया द्वारा लक्ष्य संबंधी मिसाइलों के जवाब में दक्षिण कोरिया और अमेरिका के साथ सहयोग की पुष्टि करना चाहता है। राष्ट्रपति यून सुक-योल ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ सहित कई विदेशी मीडिया द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में बुधवार को लिखा था, ”मेरा मानना है कि हमें इस दुष्चक्र को समाप्त कर दें, दोनों देशों के शेयरिंग के लिए साथ काम करना चाहिए।” यूएन ने कहा, ”उत्तर कोरिया की परमाणु और मिसाइलें बढ़ने और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाएं होने के साथ-साथ कई अन्य संकटों को देखते हुए इस समय दक्षिण कोरिया और जापान के साथ आने की आवश्यकता बढ़ गई है। ।
अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।