
UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर। छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित 90 करोड़ के डीएमएफ घोटाले में बड़ी कार्रवाई हुई है। विशेष अदालत ने सौम्या चौरसिया, रानू साहू और सूर्यकांत तिवारी को EOW की रिमांड पर भेज दिया है। अब तीनों से 10 मार्च तक गहन पूछताछ की जाएगी। इस घोटाले में अब तक पांच आरोपी—सौम्या चौरसिया, रानू साहू, सूर्यकांत तिवारी, माया वॉरियर और मनोज द्विवेदी—EOW की कस्टडी में हैं।
कोर्ट में पेशी और रिमांड की मंजूरी
बचाव पक्ष के वकील फैजल रिजवी ने बताया कि EOW की पिछली रिमांड खत्म होने के बाद तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया था। EOW ने पूछताछ के लिए 10 मार्च तक और समय मांगा, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।
ED की रिपोर्ट से हुआ 90 करोड़ के घोटाले का खुलासा
अब तक की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने यह आकलन किया है कि DMF घोटाले की रकम 90 करोड़ 48 लाख रुपये है। आरोप पत्र में सस्पेंडेड IAS रानू साहू, सौम्या चौरसिया, सूर्यकांत तिवारी, पूर्व अफसर माया वॉरियर और ब्रोकर मनोज कुमार द्विवेदी सहित 16 आरोपियों के नाम दर्ज हैं।
कैसे हुआ घोटाला?
ईडी की जांच में सामने आया कि 2021-22 और 2022-23 के दौरान मनोज कुमार द्विवेदी ने रानू साहू और अन्य अधिकारियों से मिलीभगत कर एनजीओ “उदगम सेवा समिति” के नाम पर कई DMF ठेके हासिल किए। इन ठेकों के बदले अधिकारियों को टेंडर की राशि का 40% तक कमीशन दिया गया था।
बड़े स्तर पर टेंडर घोटाला
EOW की रिपोर्ट के अनुसार, कोरबा डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड से टेंडर आवंटन में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है।
- टेंडर भरने वालों को अवैध लाभ पहुंचाया गया।
- टेंडर की कुल राशि का 40% तक सरकारी अफसरों को कमीशन के रूप में दिया गया।
- इस पूरे मामले में धारा 120B और 420 के तहत केस दर्ज किया गया है।













