चमोली: उत्तराखंड के जोशीमठ में खराब हो रहे हैं। यहां देखने, मकानों और व्यावसायिक इमारतों में दरारें पड़ रही हैं और भू-धन हो रहा है। जोशीमठ के स्थानीय निवासी भू-धनसाव की इस स्थिति के लिए एनटीपीसी की सुरंग को दोष दे रहे हैं। उनका कहना है कि यहां टीवी मशीन यानी टनल बोरिंग मशीन फंस गई है, शब्द निकालने के लिए एनटीपीसी यहां लगातार विस्फोट कर रहा है। इसी वजह से जोशीमठ की ये हालत हुई है। इसी मामले को लेकर भूविज्ञान एनटीपीसी के चक्कर जीएम भुवनेश कुमार और एनटीपीसी तपोवन के चीफ जीएम आरपी अहिरवार के बयान सामने आए हैं।
भूविज्ञान एनटीपीसी के बदलते जीएम ने क्या कहा?
भूविज्ञान एनटीपीसी के घुमाव जीएम भुवनेश कुमार ने कहा, ‘जमीन का धंसना यहां पुराना मेल है और इस सुरंग (एनटीपीसी की एक परियोजना) का इससे कोई संबंध नहीं है। 12 किलोमीटर लंबी सुरंग को बोरिंग मशीन से खोदा गया है।
उन्होंने कहा, ‘वर्तमान में इस सुरंग में कोई विस्फोट नहीं हो रहा है और इसमें पानी भी भरा नहीं है। यदि धंसाव इसका कारण हुआ, तो इससे पहले सुरंग हुई प्रभावित। इस सुरंग के कारण भू-धंसाव की कोई संभावना नहीं है।’
एनटीपीसी के प्रमुख जीएम आरके अहिरवार ने क्या कहा?
एनटीपीसी तपोवन के प्रमुख जीएम आरके अहिरवार ने कहा, ‘जोशीमठ में (एनटीपीसी) टनल और लैंड सबसिडेंस के बीच कोई संबंध नहीं है। 12 किलोमीटर सुरंग में 8 किलोमीटर ड्रिल बोरिंग और बाकी ब्लास्टिंग से बनाया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘टनल में जिस क्षेत्र में विस्फोट होगा, वह जोशीमठ से 11 किलोमीटर की दूरी पर है। टनल भी जोशीमठ से नहीं गुजर रही है। इसलिए इस सुरंग के बनने से धंसने की कोई संभावना नहीं है।’