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इराक पर अमेरिकी हमले का सबसे ज्यादा फायदा कुर्दों को हुआ

‘अमेरिकन विलेज’ के नाम से प्रसिद्ध इस उपनगरीय इलाके में राजनीति और व्यापार जगत के कई दिग्गज रहते हैं। यहां के घरों में औसतन 50 लाख डॉलर में बिकते हैं और इनमें हरे-भरे ऑर्चर्ड एक्ट बड़े होते हैं, इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि गर्मियों में दिनभर में लगभग दस लाख लीटर पानी का सक्सेस लेते हैं।

उत्तरी इराक के अर्ध-स्वायत्त कुर्द क्षेत्र में स्थित इरबिल में राजमार्ग के दोनों ओर बड़ी संख्या में बड़े पैमाने पर मैकमैंशन (अमेरिका में बड़े पैमाने पर निर्मित आलीशान कोठियां), फास्टफूड रेस्तरां, वास्तविक अचल स्थितियाँ और अर्ध निर्मित बहुमंजिला इमारतें दिखाई देती हैं। ‘अमेरिकन विलेज’ के नाम से प्रसिद्ध इस उपनगरीय इलाके में राजनीति और व्यापार जगत के कई दिग्गज रहते हैं। यहां के घरों में औसतन 50 लाख डॉलर में बिकते हैं और इनमें हरे-भरे ऑर्चर्ड एक्ट बड़े होते हैं, इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि गर्मियों में दिनभर में लगभग दस लाख लीटर पानी का सक्सेस लेते हैं।

हालांकि, यह दृश्य 20 साल पहले के मंजर से बहुत अलग है। उस समय इर्बिल एक पिछड़ी प्रांतीय राजधानी हुआ था, जहां कोई हवाईअड्डा नहीं था। 2003 में इराक पर अमेरिकी हमले के बाद इर्बिल की तस्वीर तेजी से बदली। पूरा का कहना है कि सद्दाम हुसैन को सत्ता से बेदखल करने वाले इस आक्रमण से सबसे ज्यादा फायदा इराकी कुर्दों, जॉबर पर कुर्द नेताओं को हुआ। हालांकि, ज्यादातर सामान्य कुर्दों के लिए परिस्थितियां लगभग पहली जैसी होती हैं। भ्रष्टाचार, दो प्रमुख कुर्द पार्टियों के बीच सत्ता संघर्ष और इर्बिल व बगदाद (इराकी राजधानी) में तनातनी के कारण उन्हें ज्यादा फायदा नसीब नहीं हो सकता।

इराक पर अमेरिकी आक्रमण से देश के ज्यादातर हिस्सों में कोहराम मच गया था। अमेरिकी सेना के कट्टरपंथियों से बातचीत के जद्दोजहद के बीच कई राजनीतिक और सांप्रदायिक समुदायों में बगदाद में सरकार बनाने की जोर आजिश दिखायी। लेकिन, अमेरिका के कट्टर साथियों के रूप में देखे जाने वाले कुर्दों ने इस दौरान अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत किया और बड़े पैमाने पर विदेशी निवेश जुटाया।

इर्बिल ने एक तेल-उभरती हुई अर्थव्यवस्था को अपनी पहचान बनाते हुए देखा है। दो साल बाद वहां तुर्किये की वित्तीय मदद से एक घरेलू वाणिज्यिक हवाई अड्डे का निर्माण किया गया। कुछ साल बाद इर्बिल के पास अपना एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी हो गया। वाशिंगटन इंस्टीट्यूट थिंकटैंक में फेलो बिलाल वह कहते हैं, कुर्द पारंपरिक रूप से “खुद को पीड़ित शिकायत आए हैं और उनकी गड़बड़ियां हो रही हैं”, लेकिन 2003 के बाद के इराक में “कुर्दों की कहानी बदल गई है। उनके हाथों में सत्ता की डोर है और वे ताकते हो गए हैं।”

प्रथम विश्व युद्ध के बाद ओटोमन साम्राज्य के पतन के साथ 1920 की सेव्रेस संधि में कुर्दों से एक स्वतंत्र कुर्द राष्ट्र की स्थापना का वादा किया गया था। लेकिन, संधि की मान्यता नहीं दी गई और न ही ‘कुर्दिस्तान’ की स्थापना की गई। तब से ईरान, इराक और तुर्किये में कुर्द विद्रोही सरकार के खिलाफ सक्रिय हैं। वहीं, सीरिया में कुर्दों ने तुर्किये सेनाओं से लड़ाई लड़ी है। इराक में कुर्द क्षेत्र ने 1991 में उस समय स्वायत्ता हासिल कर ली, जब अमेरिका ने सद्दाम द्वारा कुर्द दबदबे की क्रूरता के खिलाफ उसके खिलाफ (कुर्द क्षेत्र को) उड़ान-निद्धि क्षेत्र घोषित कर दिया।

इराक में सद्दाम युग के अंत के बाद पहली सरकार में विदेश मंत्री का पद संभालने वाले कुर्दिस्तान डेमोक्रेटिक पार्टी (केडीपी) के वरिष्ठ रिश्तेदार जबारी कहते हैं, “हम अपनी खुद की संस्थाएं बना ली थे, संसद से लेकर सरकार तक।” वह कहते हैं, “हमारे यहां गृहयुद्ध भी छिड़ गया था, लेकिन हमने उस पर दांव लिया था।” उनका इशारा 1990 के दशक के मध्य में प्रतिद्वंद्वी कुर्द लाइव के बीच संघर्ष की ओर था। मासिफ में अपने आलिशान कोठी से दिए गए एक इंटरव्यू में जबरी ने कहा, “बगदाद में सत्ता परिवर्तन इस क्षेत्र के लिए कई फायदे लेकर आया।”

मा इफिब्रिल की महानगरों में स्थित एक विकसित शहर है, जहां आज केडीपी का अधिकांश नेतृत्व रहता है। प्रतिद्वंद्वी पैट्रियटिक यूनियन ऑफ कुर्दिस्तान से जुड़े इराक के राष्ट्रपति अब्दुल लतीफ राशिद भी 2003 के बाद की घटनाओं के बाद अपनी राय जाहिर करते हैं। उनका कहना है कि कुर्दों का लक्ष्य “लोकतांत्रिक इराक की स्थापना थी और वे ही कुर्द अवाम के लिए आत्मनिर्णय का अधिकार भी चाहते थे।”

राशिद के अनुसार, अमेरिका द्वारा सद्दाम को सत्ता से बेदखल किए जाने के बाद “हमें (कुर्दों को) यह हासिल हो गया… हम बगदाद में एक मजबूत संगठन बन गए।” आक्रमण के बाद के संविधान ने कुर्द क्षेत्र की अर्ध-स्वायत्त स्थिति को संहिताबद्ध किया। वहीं, एक अधिग्रहीत सत्ता-साझाकरण व्यवस्था बनाई गई, जिसके तहत यह तय किया गया कि इराक का राष्ट्रपति हमेशा कुर्द रहेगा, प्रधानमंत्री हमेशा शीया और संसद के अध्यक्ष हमेशा सल्बानी होंगे। लेकिन, कुर्दिश क्षेत्रों में भी आक्रमण के बाद की स्थिति जटिल होती है।

दोनों प्रमुख कुर्दिश पार्टियों में सत्ता को लेकर संघर्ष जारी है, वहीं इरबिल और बगदाद में क्षेत्र और तेल से होने वाले राजस्व को लेकर विवाद है। यही नहीं, नई व्यवस्था में कुर्द क्षेत्र के अरब नागरिक और तुर्कमेन व यजीदी सहित अन्य अल्पसंख्यक स्वयं को नोटिस करते हैं। इसके अलावा, घरेलू मुद्दों और वैश्विक उद्योग में उतार-चढ़ाव के बीच कुर्द क्षेत्र में आर्थिक विकास की गति स्थिर रहती है, क्योंकि हाल के वर्षों में इराक से बेहतर स्थानों की तलाश में जाने वाले कुर्द युवाओं की संख्या लगातार मिलती है।

श्रम संगठन के अनुसार, इरबिल में 2021 में 15 से 24 साल के अंतरराष्ट्रीय 19.2 प्रतिशत लड़के और 38 प्रतिशत लड़कियां स्कूल-कॉलेज में भर्ती के बाद नौकरी की तलाश में जुटे थे। वह कहते हैं कि 2003 के बाद इर्बिल की आर्थिक सफलता बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार के कारण भी प्रभावित हुई।

अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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