
कोश्यारी ने हाल ही में कहा था कि शिवाजी महाराज ”अतीत के नायक” हैं, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता सुधांशुवेदी ने दावा किया था कि मराठा योद्धा ने मुगल साम्राज्य से रहम की जोर लगा रही थी।
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा की सर्दियों में नागपुर में सोमवार से शुरू होने वाले राज्यपाल बी एस कोश्यारी की शिवाजी महाराज को लेकर सत्र की टिप्पणी और कर्नाटक के साथ सीमा विवाद के मुद्दों को लेकर संभावना होने की संभावना है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार, इस बात की भी संभावना है कि कोई ‘फॉक्सकॉन’ जैसी बड़ी परियोजना के महाराष्ट्र छोड़ गुजरात में जाने को लेकर पेज एकनाथ शिंदे की अगुआई सरकार को दी जाएगी। कोश्यारी ने हाल ही में कहा था कि शिवाजी महाराज ”अतीत के नायक” हैं, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता सुधांशुवेदी ने दावा किया था कि मराठा योद्धा ने मुगल साम्राज्य से रहम की जोर लगा रही थी।
उनके बयानों को लेकर राज्य भर में प्रदर्शन हुए थे। महाराष्ट्र में विरोधी महाविकास आआड़ी (एमवीए) के घटक दलों ने शक्ति प्रदर्शन के तहत शिंदे सरकार के खिलाफ शनिवार को मुंबई में हल्ला बोल विरोध मार्च किया था और छत्रपति शिवाजी महाराज सहित कई विशिष्ट ‘अपमानजनक’ टिप्पणी करने के लिए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को हटाने की मांग की थी। समाजवादी पार्टी (सपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), भारतीय शेतकरी कामगार पक्ष, जनता दल और अन्य छोटे विपक्षी दलों ने भी इस मार्च में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया था। राज्य विधानसभा में बहुमत के नेता अजीत पवार ने मांग की है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ कर्नाटक और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों के दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद पर हाल ही में हुई बातचीत को सार्वजनिक किया जाए।
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा विवाद संबंधी प्रस्ताव शीतकालीन सत्र में पारित हो जाएगा। राज्य सरकार इस सत्र में 11 अटकलों की अनुमान लगाने जा रही है। यह सत्र: 30 दिसंबर तक चलेगा। अजीत पवार ने कहा कि राज्य सरकार को इन सीमाओं पर चर्चा के लिए पर्याप्त समय देना चाहिए और उन्हें जल्दबाजी में पास नहीं होना चाहिए। सरकार महाराष्ट्र जिला परिषद और पंचायत समिति (तीसरा संशोधन) प्रशासकों को पेश करती है, जिनमें जिला परिषद और पंचायत अपराधियों में सदस्यों की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव है। वह महाराष्ट्र राज्य फसल चयन (विकास और कार्यक्षेत्र) संशोधन, 2022 को भी पेश करता है, ताकि किसानों को कृषि फसल बाजार में चुनाव लड़ने में सक्षम बनाया जा सके।
इसके अलावा, सरकार भूमि और निश्चित रूप से प्राप्त पूंजी को देय करने के लिए मुंबई नगर निगम (द्वितीय संशोधन) 2022 पेश करेगा। वह राज्य की अचूकता निधि में अस्थायी रूप से वृद्धि के प्रस्ताव को भी सदन के पटल पर रखता है। शीतकालीन सत्र को एकरूपता के रूप में चलाने के लिए करीब सात हजार नई लाइनें लगाई गई हैं। विधान भवन की सुरक्षा बढ़ाई गई है। प्राइम और उपमुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास रामगिरि और देवग्राहि में भी सुरक्षा का प्रश्न किया गया है। सत्र के दौरान विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक संगठनों द्वारा लगभग 70 मोर्चों को निकाले जाने की संभावना है।
अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



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