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कोण्डागांव की बेटी रंजीता कोरेटी ने ताइवान में रच दिया इतिहास, एशियन कैडेट चैंपियनशिप में जीता गोल्ड मेडल

UNITED NEWS OF ASIA. रामकुमार भारद्वाज, कोण्डागांव । छत्तीसगढ़ के कोण्डागांव जिले की बेटी रंजीता कोरेटी ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन करते हुए ताइपे (ताइवान) में आयोजित एशियन कैडेट जूडो चैंपियनशिप 2025 में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। राज्य बाल कल्याण परिषद के बालगृह बालिका कोण्डागांव में पली-बढ़ी रंजीता की इस असाधारण उपलब्धि पर जिले में हर्ष और गर्व का माहौल है।

महिला एवं बाल विकास विभाग और ITBP के प्रयास से संवर गई रंजीता की जिंदगी

रंजीता की खेल में रुचि और उत्कृष्ट प्रदर्शन को देखते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग और जिला बाल संरक्षण इकाई के सहयोग से उन्हें ITBP के माध्यम से जूडो का प्रशिक्षण दिलवाया गया। वर्ष 2021 में उन्होंने ओपन नेशनल जूडो टूर्नामेंट, चंडीगढ़ में पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर भाग लिया और वहां से पीछे मुड़कर नहीं देखा।

जनवरी 2023 में रंजीता को भोपाल स्थित स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया में प्रवेश दिलाया गया, जहां उन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ जूडो में भी नियमित प्रशिक्षण प्राप्त किया।

प्रतियोगिता दर प्रतियोगिता, सफलता की ऊंचाई छूती गई रंजीता

रंजीता कोरेटी ने विभिन्न राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपना लोहा मनवाया:

  • 2021: ओपन नेशनल जूडो टूर्नामेंट, चंडीगढ़ – 40 किग्रा वर्ग में बेहतर प्रदर्शन

  • 2022: ओपन नेशनल जूडो, भोपाल – ब्रॉन्ज मेडल

  • 2024: खेलो इंडिया नेशनल जूडो, केरल – 52 किग्रा में सिल्वर मेडल

  • 2024: खेलो इंडिया क्षेत्रीय जूडो, नासिक – गोल्ड मेडल

  • 2024: ओपन नेशनल जूडो, पुणे – गोल्ड मेडल (असम, तेलंगाना, महाराष्ट्र, दिल्ली को हराकर)

  • 2025: खेलो इंडिया यूथ गेम्स, पटना – स्वर्ण पदक

अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी दमदार प्रदर्शन

रंजीता ने न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी अपने खेल कौशल से प्रशंसा बटोरी।

  • अप्रैल 2025: कैडेट यूरोपियन कप, जॉर्जिया – 5वां स्थान

  • 2025: एशियन कैडेट चैंपियनशिप, ताशकंद – उल्लेखनीय प्रदर्शन

  • 12 से 15 जुलाई 2025: एशियन कैडेट चैंपियनशिप, ताइपे (ताइवान) – गोल्ड मेडल जीतकर बनीं भारत की अंतरराष्ट्रीय जूडो खिलाड़ी

कोण्डागांव और छत्तीसगढ़ को दिलाया गौरव

रंजीता कोरेटी की यह ऐतिहासिक उपलब्धि केवल कोण्डागांव ही नहीं, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ और भारत के लिए गर्व का क्षण है। एक बालगृह से निकलकर अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचना और वहां स्वर्ण पदक जीतना यह साबित करता है कि अगर सही मार्गदर्शन और अवसर मिले तो हर बच्चा अपनी मंज़िल को छू सकता है।

छत्तीसगढ़ शासन, महिला एवं बाल विकास विभाग, बाल कल्याण परिषद एवं जिला प्रशासन द्वारा रंजीता को शुभकामनाएं और उज्जवल भविष्य की कामनाएं दी गई हैं।

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