
UNITED NEWS OF ASIA. रामकुमार भारद्वाज, कोण्डागांव। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र अबूझमाड़ में इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (ITBP) ने अपने अभियान को और तेज कर दिया है। ‘कगार-2026’ मिशन के तहत ITBP ने पदमकोट में एक नया कैंप स्थापित किया है, जो सामरिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस कदम से न सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि स्थानीय ग्रामीणों को भी राहत मिलेगी।
ITBP का बढ़ता दबदबा, नक्सलियों की पकड़ कमजोर
ITBP के डीआईजी राणा युद्धवीर सिंह ने नक्सल प्रभावित इस इलाके में सुरक्षा बलों की मौजूदगी को बढ़ाने के लिए स्वयं मोर्चा संभाला है। हाल ही में, 41वीं वाहिनी ITBP, कोण्डागांव ने बेडमाकोटी के आगे पदमकोट में यह नया कैंप स्थापित किया। यह इलाका घने जंगलों से घिरा हुआ है और यहां ITBP की उपस्थिति से नक्सली गतिविधियों पर अंकुश लगेगा।
स्थानीय जनता में खुशी, मिलेगी सुविधाएं
पदमकोट में ITBP कैंप खुलने से स्थानीय ग्रामीणों को भी राहत मिलेगी। इस कैंप में चिकित्सा सुविधाओं समेत कई जनसेवा कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे। ITBP के जवान न केवल सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं, बल्कि ग्रामीणों से संवाद स्थापित कर उन्हें विकास योजनाओं से भी जोड़ रहे हैं।
मिशन को मजबूत करने में सुरक्षा एजेंसियों का सहयोग
डीआईजी राणा युद्धवीर सिंह ने कहा कि इस ऑपरेशन को सफल बनाने में सेंट्रल फ्रंटियर हेडक्वार्टर, IG ओ.पी. यादव का मार्गदर्शन महत्वपूर्ण रहा। उन्होंने 41वीं वाहिनी के सेनानी नरेंद्र सिंह और उनकी टीम को इस रणनीतिक क्षेत्र में कम समय में नया कैंप स्थापित करने के लिए बधाई दी।
इस मौके पर बस्तर रेंज के IG सुंदरराज पी., DIG काकेर रेंज अमित कामले, नारायणपुर SP प्रभात कुमार और छत्तीसगढ़ पुलिस की टीमों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
ITBP की मुहिम से नक्सलवाद पर चोट
अबूझमाड़ लंबे समय से नक्सलियों का गढ़ माना जाता रहा है। यहां ITBP का बढ़ता दबदबा इस क्षेत्र में नक्सल गतिविधियों को कमजोर करेगा और विकास की नई राह खोलेगा। ‘कगार-2026’ मिशन के तहत ITBP की यह रणनीति छत्तीसगढ़ में शांति स्थापना की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।













