
UNITED NEWS OF ASIA. लक्ष्मी पटेल, कोंडागांव। पंचायत चुनाव में हार के बाद बांसकोट में लोकतांत्रिक मूल्यों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। उपसरपंच पद में हार के बाद ग्राम पटेल आत्माराम सिन्हा और उनके समर्थकों द्वारा पंचायत प्रतिनिधियों पर दबाव बनाकर जबरन इस्तीफे लिए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इतना ही नहीं, जादू-टोना के नाम पर पंचों को सार्वजनिक रूप से प्रताड़ित कर जुर्माना वसूला गया।
लोकतंत्र की खुली अवहेलना
बांसकोट में हाल ही में संपन्न हुए पंचायत चुनावों में राजेश साहू ने 13 मतों के साथ उपसरपंच पद पर जीत दर्ज की, जबकि ग्राम पटेल आत्माराम सिन्हा 7 मत ही प्राप्त कर पाए। इसके बाद से ही उनके समर्थकों ने पंचों को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया।
सूत्रों के अनुसार, ग्राम पटेल आत्माराम सिन्हा और उनके सहयोगियों ने उन पंचों को निशाना बनाया जिन्होंने उन्हें वोट नहीं दिया। पंचों के घर जाकर जबर्दस्ती इस्तीफे लिखवाए गए और धमकाया गया। पंच परमेश्वर मरकाम से जबरन इस्तीफा लिया गया, जबकि अन्य पंचों पिंकी हिड़सो और गजेंतीन मरकाम को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने की भी खबरें हैं।
जादू-टोना के नाम पर जबरन वसूली
अत्याचार यहीं नहीं रुका, पंच पिंकी हिड़सो के पति पर 22 मार्च को जादू-टोना करने का आरोप लगाकर 15,000 रुपये का जुर्माना वसूला गया। सार्वजनिक बैठकों में पंचों को डराया-धमकाया जा रहा है, ताकि वे विरोध न कर सकें और चुपचाप इस्तीफा दे दें।
प्रशासन से न्याय की मांग
इस कृत्य से पंचायतीराज अधिनियम और लोकतंत्र की हत्या का खुला प्रयास किया जा रहा है। पंचों ने कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर न्याय की मांग की है। अब देखने वाली बात होगी कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है। यदि ऐसे मामलों पर अंकुश नहीं लगाया गया, तो आने वाले समय में लोकतांत्रिक प्रणाली पर गहरा असर पड़ सकता है।



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