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Kondagaon News: राष्ट्रीय अन्वेषण टीम द्वारा ऑयल पॉम रोपण का किया गया मूल्यांकन

राष्ट्रीय अन्वेषण टीम द्वारा ऑयल पॉम रोपण का किया गया मूल्यांकन

UNITED NEWS OF ASIA. रामकुमार भारद्वाज, कोण्डागांव । कोण्डागांव में स्थापित ऑयल पॉम नर्सरी कोपोबेड़ा एवं नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल योजना के घटक ऑयल पॉम पौध रोपण अंतर्गत कोण्डागांव विकासखण्ड के ग्राम चलका और फरसगांव विकासखण्ड के ग्राम कन्हारगांव तथा केशकाल विकासखण्ड के ग्राम रावबेड़ा का भ्रमण राष्ट्रीय स्तर टीम द्वारा किया गया।

 टीम के प्रमुख डॉ. ए. के. शिवहरे, (कन्वीनर एंड टीम लीडर) दलहन विकास निदेशालय भारत सरकार, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा ऑयल पॉम रोपणी कोपाबेड़ा का मूल्यांकन किया गया, 20 एकड़ क्षेत्रफल में विकसित ऑयल पॉम नर्सरी कोपाबेड़ा में रोपण योग्य 1,10,000 पौधों का अवलोकन किया गया। साथ ही 70,000 ऑयल पॉम स्प्राऊट्स वाले पौधे का भी मूल्यांकन किया गया। रोपणी प्रतिनिधी किशोर शर्मा द्वारा विस्तृत जानकारी दी गई ऑयल पॉम एक्सोटिक किस्म का उत्पादक किया जा रहा है। संयुक्त टीम के सदस्य डॉ. बीना सिंह साइंटिस्ट एवं सदस्य,ब्व्। रायपुर, इं.गां.कृ.वि.वि. रायपुर तथा डॉ. के पी. सिंह साइंटिस्ट एवं सदस्य, महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय द्वारा सलाह दी गई कि पौधों को थैलियों में जैविक खाद का उपयोग को बढ़ाया जाए तथा रोपणी के मृदा परीक्षण की जाए।

   संयुक्त भ्रमण टीम के लीडर डॉ. ए. के. शिवहरे, के नेतृत्व में ग्राम चलका पहुँचकर 100 एकड़ एकल क्षेत्र में वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में रोपित ऑयल पॉम का अवलोकन किया गया लाभान्वित 27 कृषकों से मौके पर चर्चा करते हुए टीम लीडर द्वारा प्रसन्नता व्यक्त की गई , सिनों द्वारा बताया गया की वर्ष 2021-22 में पड़ती जमीन पर उद्यान द्वारा केन्द्रीय क्षेत्रीय नेशनल मिशन ऑन मिशन योजानान्तर्गत रोपण का लाभ देकर जीविकोपार्जन का साधन बनाया गया है, लेकिन कुछ समस्या भी हैं।

   विभाग द्वारा रोपण सामग्री, रखरखाव, अंतरवर्तीय फसल पर अनुदान सहायता तो मिल रही है लेकिन विद्युत आपूर्ति की समस्या बनी हुई है, जिससे पौधों के रखरखाव में कमियां आ रही है। डॉ. ए. के. शिवहरे द्वारा उद्यान विभाग के अधिकारियों निर्देशित किया गया कि विद्युत विभाग से संपर्क कर त्वरित निराकरण किया जाए डॉ. के.पी. सिंह वैज्ञानिक ने प्रक्षेत्र में दीमक एवं चूहा नियंत्रण हेतु आवश्यक तकनीकी सलाह दी गई। डॉ. सिंह ने ड्रीप संयंत्र से सिंचाई करने योजना पर बल दिया गया साथ ही अंतराशस्त्र में मक्का के स्थान मूंग, उड़द, कुल्थी एवं सब्जियां लेने की सलाह दी गई। उपस्थित किसान समूहों में से भरत नेताम, सुभाष,आयतूराम, रामधर ने विशेष रूप से सहभागिता निभाई। राज्य कार्यालय से  प्रतिक्षा सोेनवानी, सहायक संचालक उद्यान उपस्थित रहीं। साथ ही उद्यानिकी कोण्डागांव से व्ही. के. गौतम उद्यानिकी जिला अधिकारी, लोकेश्वर प्रसाद क्षेत्रीय अधिकारी भी उपस्थित रहे।

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