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लोन फ्रॉड मामला: कोचर दंपती और धूत दस जनवरी तक इल्जाम में भेज दिए गए

कोचर युगल

प्रतिरूप फोटो

एएनआई

कोचर को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआईबीआई) ने पिछले शुक्रवार को गिरफ्तार किया था जबकि धूत को सोमवार को गिरफ्तार किया गया था। तीनों की पूर्व की अवधि बृहस्पतिवार को समाप्त हो रही थी। उन्हें विशेष रूप से न्यायाधीश एस एच गलनानी के रूप में पेश किया गया।

मुंबई। विशेष अदालत ने आईसीआईसीआई बैंक के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन समूह के संस्थापक वेणुगोपाल धूत को ऋण धोखाधड़ी मामले में बृहस्पतिवार को 10 जनवरी तक सत्यापन में भेज दिया। कोचर को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआईबीआई) ने पिछले शुक्रवार को गिरफ्तार किया था जबकि धूत को सोमवार को गिरफ्तार किया गया था। तीनों की पूर्व की अवधि बृहस्पतिवार को समाप्त हो रही थी। उन्हें विशेष रूप से न्यायाधीश एस एच गलनानी के रूप में पेश किया गया। सीबीआइ ने तीनों की आगे बढ़ाने की मांग नहीं की।

सीबीआई का प्रतिनिधित्व विशेष सरकारी वकील ए लिमोसिन ने किया। इसके बाद अदालत ने तीन दस्तावेजों को 10 जनवरी, 2023 तक प्राधिकरण में भेज दिया। सीबीआइ ने दीपक कोचर द्वारा संचालित नूपॉवर रिन्यूएबल्स (एनआरएल), सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को भारतीय दंड संहिता की कटौती और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2019 के अंतर्गत प्राथमिकी में बाध्यता दर्ज की है।

एजेंसी का आरोप है कि आईसीआईसीआई बैंक ने वेणुगोपाल धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह की प्राधिकरण को बैंकीकरण अधिनियम, प्राधिकरण के कब्जे और बैंक की ऋण नीति का उल्लंघन करते हुए 3,250 करोड़ रुपये का ऋण बंधक बनाया। प्राथमिकी के अनुसार, इस मंजूरी के एवज में धूत ने सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (एसपीएल) के माध्यम से नूपॉवर रिन्यूएबल्स में 64 करोड़ रुपये का निवेश किया और 2010 से 2012 के बीच में हेरफेर करके पिनकल ट्रस्ट को एसईपीएल ट्रांसफर की। पिनकल एनर्जी ट्रस्ट और एनआरएल का प्रबंधन दीपक कोचर के पास ही था।

अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



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