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दिन की व्यस्तता के कारण हम अक्सर यूरिन को लंबे समय तक रोकते रहते हैं। वहीं महिलाओं को कई अन्य तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जैसे कि डिस्ट्रिक्ट करते समय या कई बार ट्रेन आदि जैसे सार्वजनिक परिवहन में छत वाशरूम के कारण वे उनका उपयोग नहीं करना चाहते हैं। जिससे वे जबरदस्ती करने को मजबूर हो जाते हैं। हालांकि हर महिला सप्ताह में कम से कम एक बार ऐसी स्थिति का सामना जरूर करती है। बिना यह जाने कि आपके स्वास्थ्य पर इसके कितने खतरनाक प्रभाव हो सकते हैं।
हमारा शरीर सुपरसाइकिल है। जिसके अंदर कई छोटे-छोटे मशीन काम करते हैं। इनमें से किसी एक के भी काम में रुकावट डाल सकते हैं, पूरे शरीर को जोखिम में डाल सकते हैं। ठीक उसी प्रकार मूत्राशय के पूर्ण हो जाने पर मूत्र को बाहर निकालना जरूरी है। यदि आप इसके प्रति एक दिन हैं, तो यह आपकी सेहत के लिए जोखिम भरा हो सकता है।
किसी भी कारण से यदि आपने इसे अपनी आदत में शामिल कर लिया है, तो आगे चलकर यह गंभीर समझ में हो सकता है। विशेष रूप से वह जिन्हें यूरिन रोकने की आदत हो जाती है, वे आगे चलकर ब्लैडर लीकेज की समस्या का शिकार हो जाते हैं। उनके लिए यूरिन को 2 सेकेंड भी मुश्किल हो जाता है।
ऑब्स्टेट्रिशियन और गायनेक विशेषज्ञ डॉक्टर दिव्या ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए लंबे समय तक ब्लैडर में यूरिन को रोकने से होने वाले नुकसान के बारे में बताया है। तो आइए जानते हैं, आपकी यह आदत किस तरह आपकी परेशानी का कारण बन सकती है।
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यहां जाने इसके 5 गंभीर साइड इफेक्ट
1. मूत्राशय और किडनी में दर्द महसूस होना
जो लोग मूत्राशय में यूरिन को लंबे समय तक रोके रखते हैं उन्हें किडनी और मूत्राशय का दर्द परेशानी में डाल सकता है। इसी के साथ लंबे समय तक यूरिन को रोकने के बाद इसका सेवन अधिक मात्रा में मूत्राशय में दर्द एवं योनि में जलन का अनुभव हो सकता है। वहीं यूरीन पास करने के बाद कई बार मूत्राशय की मांसपेशियां अकड़ जाती हैं। जिस वजह से पेल्विक क्रैम्प की समस्या होती है।

2. यूटीआई होने का खतरा
डॉ दिव्या के अनुसार मूत्र को लंबे समय तक रोके रखने से मूत्राशय की स्थिति तेजी से बढ़ती जा रही है। जिस कारण से यूटीआई होने का खतरा काफी अधिक होता है। वहीं दिव्या सीक्वेंस के दौरान यूरिन को समय-समय पर पास करने की सलाह देती है। क्योंकि इस दौरान यूरिन होल्ड करने से यूटीआई होने की संभावना सबसे ज्यादा होती है। वहीं अगर किसी को अजीबोगरीब यूटीआई की शिकायत है तो उन्हें इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए।
3. किडनी स्टोन का खतरा
यदि किसी व्यक्ति के यूरिन में लिखने की मात्रा बहुत अधिक होती है और वह अपने यूरिन को ब्लैडर में लंबे समय तक रोके रखता है, तो ऐसे में किडनी स्टोन होने की संभावना बढ़ जाती है। वहीं आम लोगों में भी यूरिन होल्ड होने के कारण कई बार किडनी स्टोन की शिकायत देखने को मिलती है। यूरिन में यूरिक एसिड और कैल्शियम ऑक्सलेट जैसे धब्बे मौजूद होते हैं। जो किडनी स्टोन की समस्या का कारण बन सकते हैं।
4. पेल्विक फ्लोर मसल्स को नुकसान पहुंचता है
डॉ दिव्या के अनुसार लंबे समय तक यूरिन को रोकने की आदत आपकी पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को बुरी तरह प्रभावित करती है। पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों का शरीर का एक अहम हिस्सा होता है, जो कई महत्वपूर्ण अंगों को उनकी जगह पर स्थिर रहने में मदद करता है। वहीं यह ब्लैडर को भी यूरिन को होल्ड करके रखने में मदद करता है। मांसपेशियों की कमजोरी होने के कारण ब्लैडर लीकेज की समस्या देखने को मिलती है। जिसमें आप अपने यूरिन को पूर्वाश्रम जाने तक के लिए भी कंट्रोल नहीं कर पाता है और किसी भी समय को बाहर निकल जाता है।

5. मूत्राशय की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं
लोगों को कई बार सुना होगा कि “लंबे समय तक यूरिन को रोकने से मूत्राशय फट जाएगा।” हालांकि, ऐसा होने की संभावना बहुत कम होती है, लेकिन ऐसा हो सकता है। बार-बार लंबे समय तक पेशाब को मूत्राशय में रोकने से मूत्राशय की मांसपेशियां खिंचती हैं और कमजोर हो जाती हैं। जिस वजह से लंबे समय के बाद ब्लैडर के फटने जैसी गंभीर समस्या को देखा जा सकता है।
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