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जानिए रिफाइंड शुगर Xylitol या Erythritol में से कौन सा बेहतर विकल्प है। – जाइलिटोल और एरिथ्रिटोल में से जानिए कौन सा है चीनी का ज्यादा बेहतर विकल्प।

आर्टिफिशियल स्वीटनर आमतौर पर एक रासायनिक जुड़ाव प्रक्रिया का उपयोग करके बनाए जाते हैं। उनमें से बहुत कम प्राकृतिक पदार्थ बने होते हैं, जैसे कि जड़ी-बूटियां। ये आर्टिफिशियल स्वीटनर टेबल शर्करा की तुलना में 200 से 700 गुना अधिक भोजन करते हैं, लेकिन शरीर में टूटते नहीं हैं, इसलिए वे शून्य-कैलोरी खाद्य पदार्थ हैं। ऐसे ही आर्टिफिशियल स्वीटनर (चीनी के स्वस्थ विकल्प) ज़ाइलिटोल और एरिथ्रिटोल हैं। आइए जानते हैं इन दोनों के बारे में और यह भी कि इनमें से (Xylitol vs Erythritol) कौन सा बेहतर है।

पहले जानिए ज़ाइलिटोल (Xylitol) क्या है

ज़ाइलिटोल एक जीरो कैलोरी वाला आर्टिफिशियल स्वीटनर है। जाइलिटोल को चीनी के विकल्प के रूप में उपयोग करते हैं, क्योंकि इसकी मिठास टेबल चीनी के बराबर होती है, जबकि कैलोरी कम होती है। जेलिटोल में टेबल शुगर की तुलना में 40 प्रतिशत कम कैलोरी होती है। जाइलिटोल साज-सज्जा, झुर्री, मक्का आदि में कम मात्रा में मौजूद है। इसका उपयोग मुख्य रूप से टूथपेस्ट, च्युइंग गामा और वैज्ञानिकों में किया जाता है।

एरीथ्रिटोल एक प्रकार की चीनी है, जिसे व्हीट या मक्‍के के टिश्यू को फर्मेंट बनाकर बनाया जाता है। चित्र- अडोबा स्टॉक

अब जानिए क्या है एरिथ्रिटोल (एरिथ्रिटोल)

एरीथ्रिटोल एक प्रकार की चीनी है, जिसे व्हीट या मक्‍के के टिश्यू को फर्मेंट बनाकर बनाया जाता है। एरिथ्रिटोल में बहुत कम कैलोरी होती है, नियमित टेबल शुगर की तुलना में लगभग पहले। एरिथ्रिटोल कुछ प्राकृतिक पदार्थों में होता है, जैसे फल और फर्मेंटेड खाद्य पदार्थ।

ये दोनों कैसे लाभ लेते हैं और काैन सा है इनमें से ज्यादा बेहतर, इसके बारे में ज्यादा जानने के लिए हमने यहां बात की डाइटिशियन शिखा कुमारी से। शिखा कुमारी क्लिनिकल डायटशियन और वेट लॉस जानकार हैं। (डायटिशियन_शिखा_कुमारी)

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ज़ाइलिटोल और एरिथ्रिटोल में क्या अंतर है (ज़ाइलिटोल बनाम एरिथ्रिटोल)

1. कैलोरी – शिखा कुमारी बताती हैं कि जाइलिटोल में प्रति ग्राम 2.4 कैलोरी होती है, जबकि एरिथ्रिटोल में प्रति ग्राम 0.24 कैलोरी होती है, जो कैलोरी सेवन को कम करने की मांग में एरिथ्रिटोल को बेहतर विकल्प बनाता है।

2. ग्लाइसेमिक– ज़ाइलिटोल का ग्लाइसेमिक ग्लोब 13 है, जबकि एरिथ्रिटोल का ग्लाइसेमिक ग्लोब 0 है, जो ब्लड शुगर की समस्या वाले लोगों के लिए एरिथ्रिटोल को बेहतर विकल्प बनाता है।

3. पाचन– ज़ाइलिटोल गैस, सूजन और दस्त जैसे पाचन संबंधी विकार पैदा कर सकते हैं, खासकर अगर बड़ी मात्रा में इसका सेवन किया जाए। एरिथ्रिटोल आमतौर पर पाचन तंत्र द्वारा बेहतर तरीके से पचाया जाता है।

4. स्वाद– जाइलिटोल का स्वाद थोड़ा मीठा होता है, जो चीनी के बराबर होता है। जबकि एरिथ्रिटोल में थोड़ा ठंडा और ताज़ा स्वाद होता है। अगर आपको कम मिठास पसंद है तो एरिथ्रिटोल आपके लिए बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। जबकि ज्यादा मिठास पसंद करने वाले लोग जेलिटोल को लेते हैं।

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हालांकि बाद में ज़ाइलिटोल थोड़ा कड़वा स्वाद छोड़ सकते हैं, जबकि एरिथ्रिटोल बाद में साफ़ स्वाद लेता है।

जाइलिटोल और एरिथ्रिटोल दोनों चीनी और सेवन को कम करने की चाह रखने वालों के लिए अच्छे विकल्प हैं। चित्र- अडोबी स्टॉक

5. लागत – अगर कीमत की बात की जाए, तो ज़ाइलिटोल आमतौर पर एरिथ्रिटोल से अधिक महंगा होता है। इसमें मिठास भी ज्यादा होती है। इसकी मिठास के कारण ही लोग इसकी ओर आकर्षित होते हैं।

6. पकाना/बेकिंग– जाइलिटोल हीटबल है और इसका उपयोग पाक कला और परिदृश्य में किया जा सकता है, जबकि एरिथ्रिटोल सभी प्रकार के पाक कला और वैज्ञानिकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है।

7. समझौता– इरिथ्रिटोल की तुलना ज़िलिटॉल दुकानों और ऑनलाइन में अधिक व्यापक रूप से उपलब्ध है।

8.ज़ोन स्वास्थ्य लाभ – जाइलिटोल और एरिथ्रिटोल दोनों के कुछ मात्रा में स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं, जैसे कि दांत में कीड़े के जोखिम को कम करना और व्यापक के स्वास्थ्य में सुधार करना।

अब जानिए आपके दोनों में से कौन सा विकल्प बेहतर है

आहार विशेषज्ञ और वजन कम करने वाले विशेषज्ञ शिखा कुमारी बताती हैं कि सामान्यत: जाइलिटोल और एरिथ्रिटोल दोनों चीनी और कैलोरी सेवन को कम करने की मांग करने वालों के लिए अच्छे विकल्प हैं। पर अगर आपको लाइनिंग है या आप पाचन संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे हैं तो एरिथ्रिटोल एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।

एक अध्ययन में पाया गया कि एरिथ्रिटोल दांतों के स्वास्थ्य के लिए ज़ाइलिटोल की तुलना में बेहतर हो सकता है, एरिथ्रिटोल हमारे शरीर द्वारा पूरी तरह से अवशोषित किया जा सकता है, जिससे पाचन संबंधी विकार कम होता है। इसके अलावा, एरिथ्रिटोल रक्त शर्करा को बिल्कुल भी नहीं बनाया जाता है। जबकि जाइलिटोल का प्रभाव बहुत कम होता है।

यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ज़ाइलिटोल और एरिथ्रिटोल दोनों का उपयोग संयम से किया जाना चाहिए, क्योंकि अत्यधिक खपत से पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। अपने आहार में कोई भी महत्वपूर्ण बदलाव करने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

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