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इन दिनों योग में भी प्रयोग बढ़ रहे हैं। विशेष रूप से पश्चिमी देशों में योग कक्षा के दौरान जल्दी से एक मुद्रा से दूसरी मुद्रा में जाने की कोशिश की जाती है। इससे शरीर में गर्मी का निर्माण होता है। इसी समय के साथ शरीर की ताकतें और बढ़ती जा रही हैं। इसलिए योग-प्रयोग को एथलेटिक, शास्त्रीय और एक्रोबेटिक शैली की तरह तैयार करने की कोशिश की जाती है। शरीर की ऊर्जा बढ़ाने के साथ-साथ मांसपेशियों को भी आराम मिला, इसके लिए रेस्टोरेटिव योग यानी पुनरोद्धार योग विकसित किया गया। आइए जानते हैं रेस्टोरेटिव योग (Restorative Yoga) और उसके फायदों के बारे में सब कुछ।
इसमें कुछ आराम देने वालों के साथ-साथ बॉडी के लोक स्ट्रेच पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। आइए रेस्टोरेटिव योग (Restorative Yoga) के बारे में जानते हैं योग जानकार और योग थेरेपिस्ट डॉ. अमित उपयोग।
5-20 मिनट तक किया जा सकता है यह योग
डॉ. अमित निवासी हैं, ‘प्रतिक्रियात्मक योग सामान्य योग आसन की तरह है। लेकिन इसे अधिक समय तक चलाया जाता है। रेस्टॉरेटिव योग पोज़ 5-20 मिनट तक कहीं भी किए जा सकते हैं। इस योग के साथ इरादा यह होता है कि हर मुद्रा में आपके पूरे शरीर को आराम (Relax) मिल सके। आप किसी शिकायत के लिए एक स्थिति (स्थिति) या दृष्टिकोण (रवैया) में रहते हैं। स्ट्रेच (खिंचाव) और प्रत्यक्ष (लचीलापन) बढ़ाने के लिए योगा प्रॉप्स से आप अपनी मदद कर सकते हैं।’
कैसे किया जाता है
रेस्टॉरेटिव योग एक आरामदायक अभ्यास है, जो योग ब्लॉक, कंबल और सहारा जैसे साधनों का उपयोग करके किया जाता है। इसी योग आसन को लंबे समय तक बनाए रखा जाता है। यह गहन विश्राम का अभ्यास है, जो शरीर और मन के मिलन पर जोर देता है। सहारा देने के लिए प्रॉप्स के इस्तेमाल से कई तरीके लगभग सहजता से हो जाते हैं।
जब शरीर विश्राम की स्थिति में आता है, तो मन अवाक रूप से विश्राम कर सकता है। क्योंकि शरीर और मन दोनों तनाव मुक्त हो जाते हैं। इस योग अभ्यास के दौरान आपको सिर्फ अपनी सांस पर ध्यान देना होता है।
रेस्टॉरेटिव योग में कौन-कौन से अधिक तेजी से बनते हैं
इसमें वे सभी ज्यादा से ज्यादा हो जाते हैं, जो मन को रिलैक्स करते हैं और शरीर को आराम पहुंचाते हैं। इसमें बालासन (बच्चे का पोज़), हैप्पी बेबी पोज़ (हैप्पी बेबी पोज़), कुरसी मुद्रा (लेग्स ऑन अ चेयर पोज), लेग्स-अप-द-वॉल पोज (लेग्स-अप-द-वॉल पोज), रेक्लाइनिंग बाउंड एंगल पोज ( रेक्लाइनिंग बाउंड एंगल पोज), 6. सिद्ध मुद्रा (एडेप्ट्स पोज), शव मुद्रा (कॉर्प्स पोज) आदि को शामिल किया जाता है।
कब जरूरी है शरीर को इस योग की जरूरत
यह शरीर में ऊर्जा, स्थिरता और सक्रियता ला सकता है। श्वसन और हृदय संबंधी कार्यों को बढ़ाया जा सकता है। यहां तक कि पुराने दर्द के लक्षणों को कम कर सकते हैं। यह योग मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है।
1 अंग होने पर (चिंता)
गहरी सांस लेने से तंत्रिका तंत्र शांत हो जाता है। नियमित स्ट्रेचिंग की तुलना में रेस्टोरेटिव योग अंगी खत्म करने में मदद कर रिलैक्स करते हैं। यह तनाव, चिंता, अवसाद और अन्य मेंटल ग्लूट से दूर करने में मदद कर सकता है।
2 नींद न आने पर (अच्छी नींद)
रेस्टॉरेटिव योग नींद की गुणवत्ता को बढ़ा सकते हैं। यह मेलाटोनिन सीक्रिएशन बढ़ती नींद की स्थिति में है प्रबंधन में उपयोगी है।
3 शारीरिक कमजोरी महसूस होने पर (शारीरिक कमजोरी)
इससे मांसपेशियों को आराम मिलता है। उन्हें मजबूत बनाता है। यह अभ्यास जॉइंट्स के लिए सही होता है।
लगातार अभ्यास हड्डियों और जोड़ों को सख्त करने वाले संयोजी को मजबूत बना सकते हैं। यह बेहतर है शारीरिक और मानसिक तंदुरूस्ती से।
4 दर्द होने पर (दर्द)
प्रतिरोधी योग मस्कुलोस्केलेटल दर्द के प्रबंधन में रहते हैं। सामान्य पीठ दर्द (पीठ दर्द) और जकड़न (कठोरता) से पीड़ित लोगों को इससे आराम मिलता है। रेक्लाइनिंग पोज़ के अभ्यास से मिल को राहत मिल सकती है।
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