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जानिए स्तनपान कराने वाली माताओं को नवजात पीलिया के प्राकृतिक उपचार के लिए इन 5 बातों का ध्यान रखना चाहिए। नवजात को जौंडिस होने पर स्तनपान कराने वाली माताओं को उपचार के लिए इन 5 बातों का ध्यान रखना चाहिए।

जन्म के तुरंत बाद बच्चे को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इसमें से एक जौंडिस है। यह लिवर की बीमारी (लिवर डिसऑर्डर) है। पीलिया या जौंडिस ऐसी स्थिति है, जिसमें नवजात शिशु की त्वचा पीली पड़ती है। इस दौरान शरीर में बिलीरुबिन (बिलीरुबिन) की अधिक मात्रा में उत्पादन होता है। इस दौरान जिगर या लीवर इससे जल्दी राहत नहीं पाता है। बिलीरुबिन एक भूरा-पीला पदार्थ है, जो लाल रक्त कोशिकाओं (लाल रक्त कोशिकाओं) के टूटने के बाद होता है। शरीर मल-मूत्र के जरिए इससे निजात मिलती है। यदि नवजात शिशु को पीलिया हो गया है, लेकिन स्थिति गंभीर नहीं है। इससे अकेले में भी राहत पाने के कई उपाय हैं।


बच्चे में क्या हो सकते हैं पीलिया के लक्षण (नवजात शिशुओं में पीलिया के लक्षण)

जर्नल ऑफ़ इन्फैंट एंड यंग चिल्ड्रन में प्रकाशित शोध दस्तावेज़ के अनुसार, नवजात जात में पीलिया आम बीमारी है। इससे बच्चे की त्वचा पीली हो जाती है। आंखों का सफेद भाग भी पीला हो जाता है। यह बच्चे के जन्म के 1-4 दिनों के बीच देखा जा सकता है। यह सबसे पहले बच्चे के चेहरे और छाती पर दिखाई देता है।
जिन स्थिर में गंभीर रूप से पीलिया होता है, वे बहुत थके हुए लग सकते हैं। वे ठीक से दूध नहीं पी रहे हैं। वे बहुत कठिन हो सकते हैं। यदि बच्चे का रंग गहरा है तो बच्चे की त्वचा को हल्का से दबाएं। टॉर्च पर पीला दृश्य।

पीलिया के बच्चे को नुकसान

जर्नल ऑफ इन्फैंट एंड यंग चिल्ड्रन में प्रकाशित शोध लेख के अनुसार, ज्यादातर मामलों में पीलिया बच्चों के लिए एरिया नहीं होता है। उसका शरीर खुद बिलीरुबिन से मिली सीखता है। कुछ चिपचिपाहट में बिलीरुबिन अधिक होने पर यह खतरनाक हो सकता है। यदि बिलीरुबिन का स्तर बहुत अधिक हो जाता है, तो यह बच्चे के मस्तिष्क की कुछ संरचना को प्रभावित कर सकता है। कुछ मामलों में गंभीर पीलिया बहरापन, सेरेब्रल पाल्सी या अन्य गंभीर अभिग्रहण के कारण बन सकते हैं।


पीलिया से बचाव (नवजात पीलिया निवारण)

जर्नल ऑफ इन्फैंट एंड फिल्टर विजेट के अनुसार, जन्म के पहले घंटे और दिन में बच्चे को बार-बार स्तनपान कराने वाले पीलिया के जोखिम (पीलिया से बचाव के लिए स्तनपान) को कम करने में मदद मिलती है। दूध पिलाने से बच्चा अधिक मल त्याग करता है। दूध बच्चे के लिवर को बिलीरुबिन को लाइट करने के लिए आवश्यक ऊर्जा देता है। इससे बच्चे का पूप गहरे हरे से पीला रंग में बदल जाता है। यदि गर्भवती महिलाओं को परेशानी हो रही है, तो सहायता प्राप्त करना महत्वपूर्ण है। डिहाइड्रेशन और पीलिया से बचने के लिए बच्चे को पतला आहार देना जरूरी है।

यहां हैं पीलिया के कुछ प्राकृतिक उपचार (नवजात शिशु में पीलिया का प्राकृतिक उपचार)

1. नवजात को दूध का सेवन करें (नवजात शिशु के लिए धूप)

शिशु और परागण के जर्नल के अनुसार, नवजात के लिए धूप के जीव हो सकते हैं। सूर्य के प्रकाश में विस्तृत स्पेक्ट्रम होता है, जिसमें बिलीरुबिन अवशोषक श्रेणी शामिल होती है। प्राकृतिक धूप में हुए पीलिया के लिए फोटोथेरेपी का विकल्प हो सकता है।

2. तेल आहार का सेवन न करें (तैलीय और मसालेदार भोजन से बचें)

जर्नल ऑफ ह्यूमन लैक्टेशन में प्रकाशित लेख के अनुसार, आप स्तनपान कराती हैं और बच्चे को पीलिया है। इस दौरान बिना नमक का दलिया या इमली में भरे हुए चावल खाने की सलाह दी जाती है। पीलिया में तेल, चिपचिपाहट और मांसपेशियों से परहेज करना चाहिए। मांसाहारी भोजन से भी बचना चाहिए। भोजन में बिना सोचे समझे सीधे शामिल हों।


3. गन्ने का रस (नवजात पीलिया के लिए गन्ने का रस)

जर्नल ऑफ़ ह्यूमन लैक्टेशन के अनुसार, गन्ने का रस बिलीरुबिन के स्तर को नियंत्रण में रख सकता है। यह लिवर की सुरक्षा के लिए अच्छा होता है। गन्ने का रस बनाने के लिए गन्ने को अच्छे तरह से धोकर उसे बाहरी रूप से हटा दें। इसे मोहरे में काट लें और जूसर से रस निकाल लें।

गगनने का रस बिलीरुबिन के स्तर को नियंत्रण में रख सकता है। यह लिवर की सुरक्षा के लिए अच्छा होता है। चित्र: एक्सपोजर।

4. पपीते के पत्ते (पीलिया के लिए पपीते के पत्ते)

जर्नल ऑफ पीडियाट्रिक्स के अनुसार, पपीते के क्रेज में मौजूद पैपेन जैसे एंजाइम पीलिया को ठीक करने में मदद कर सकते हैं। स्तनपान कराने वाली मांएं पपीते के पत्ते का पेस्ट तैयार कर लें। इसमें शहद मिलाकर सेवन करें। इसी जाति का जौंडिस ठीक होने में मदद करेगा

5. पीलिया का उपचार कर सकता है जीरा (पीलिया के इलाज के लिए जीरा)

जर्नल ऑफ पीडियाट्रिक्स के अनुसार, जीरे में मौजूद फाइटो कॉन्स्टीट्यूएंट्स पीलिया (नवजात शिशुओं में पीलिया) को ठीक करने में मदद कर सकते हैं। जीरा को लोक भूत कर पीस लें। इसका सेवन छाछ, दही, सलाद, रायता के के साथ किया जा सकता है


जीरा के फयदे
जीरे में मौजूद फाइटो कॉन्स्टीट्यूएंट्स पीलिया को ठीक करने में मदद कर सकते हैं। चित्र : उजागर करें

6. पुदीना (नवजात पीलिया के लिए पुदीना)

जर्नल ऑफ ह्यूमन लैक्टेशन के अनुसार, पुदीना को पीलिया के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। आयुर्वेद के अनुसार, स्तनपान कराने वाली मांएं पुदीने की क्रेज की चाय पीयें। इससे न्यू बोर्न बेबी का पीलिया ठीक होने में मदद मिल सकती है। पुदीने की अजीब तरह से पीने से भी पीलिया ठीक हो सकता है।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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