
नियमित योग जरूरी है। एक ऐसा आसन जिसका संपूर्ण शरीर पर प्रभाव पड़ता है। इससे मसल्स का सामना हुआ और जमा हुआ भी पिघल गया। यदि आप किसी योग से व्यक्त व्यक्त करते हैं, तो उत्तर में एक मात्र आसन सूर्य नमस्कार ही सामने आयेगा। इसमें कई तरह के आसन शामिल हैं। इसलिए यह पूरे शरीर को लाभ पहुंचाता है। सूर्य नमस्कार के फायदे और इसे करने की सही विधि (surya namaskar steps) पर दिव्य सोल योग के डायरेक्टर और योग थेरेपिस्ट डॉ. अमित गोलियों से बात की।
डॉ. अमित ने बताया, सूर्य नमस्कार एक ऐसा आसन है, जो शरीर के हर हिस्से पर काम करता है। यह फिजिकल और मेंटल हेल्थ के लिए भी फायदेमंद है।
यहां हैं सूर्य नमस्कार के फायदे (Benefits of Surya Namaskar)
1 ब्लड शुगर (ब्लड शुगर) को कंट्रोल करता है
मधुमेह रोगी के लिए सूर्य नमस्कार और इसका आसन अंतःस्रावी तंत्र और अग्न्याशय को उत्तेजित करने के लिए बहुत लाभ होते हैं। इसके परिणामस्वरूप शरीर में धारणा में सुधार होता है।
2 स्किन (त्वचा) के लिए लाभ
सूर्य नमस्कार शरीर के सभी अवयवों में रक्त परिसंचरण में सुधार लाता है। इससे स्किन फ्लोलेस हो जाती है। इससे त्वचा में निखार आता है और शरीर एनर्जेटिक हो जाता है। इससे अटैचमेंट से बचाव होता है और फेस कांटिमय हो जाता है।
3 बालों के लिए लाभ
स्कैल्प में ब्लड फ्लो में सुधार लाता है। इससे खोपड़ी और बाल दोनों को संपूर्ण पोषण मिलता है। इससे बालों का झड़ना रुक जाता है और हेयर राइटिंग अच्छी तरह हो जाती है। आसन की कई अलग-अलग मुद्राएं बालों के सफेद होने से भी बचाती हैं।
4 वजन कम (वजन कम करना) करने में समिलित है
सूर्य नमस्कार से शरीर का हर अंग खिंचाव पाता है। पेट और कमर दोनों में खिंचाव होता है। शुरुआत में आप दो राउंड से कर सकते हैं। वजन कम करने के लिए धीरे-धीरे यह संख्या बढ़ सकती है।
5 मसल्स को खोलना (मांसपेशियों का स्वास्थ्य)
रीढ़, गर्दन, कंधे, हाथ, कलाई, पीठ और पैर की मांसपेशियों को यह टोन करता है। यह संपूर्ण शरीर विवरण प्राप्त करता है। यह पेट की मांसपेशियों, श्वसन तंत्र, रीढ़ की हड्डी की नसों और अन्य आंतरिक अंगों को भी उत्तेजित करता है।
6 तनाव (तनाव) से मुक्ति
सूर्य नमस्कार शरीर, मस्तिष्क और सांस को भी नियंत्रित करने में मदद करता है। यह ऊर्जावान समता को बढ़ाता है मन को शांत करता है। यह नींद की बाधा को भी दूर करता है। यह पाचन तंत्र में सुधार लाता है और हार्ट हेल्थ को बढ़ावा देता है।
7 फिटिकल अवधि (अनियमित अवधि) में लाभ
सूर्य नमस्कार में शामिल मुद्राएं प्रॉक्सी ग्लैंड पर प्रभाव दर्शाती हैं। इसी क्रम को बढ़ावा मिलता है। नियमित अभ्यास से मासिक धर्म चक्र नियंत्रण होता है। जन्मपत्रिका के दौरान दर्द से राहत भी मिल सकती है।
सूर्य नमस्कार करने की विधि (surya namaskar right steps)
डॉ. अमित टैगलाइन हैं, ‘सूर्य नमस्कार के फायदे मिलते हैं, जब ब्रोकर को सही तरीके से जाना जाता है।
1 प्रणाम की मुद्रा
सीधे खड़े हो जाएं। अपनी दोनों रेखाओं को प्रणाम की मुद्रा में लगाएं। गहरी सांस लें। दोनों को आराम की मुद्रा में ले आएं।
2 टांगों को स्ट्रेच करना
सांस लेते हुए हाथों को ऊपर की ओर ले जाएं। इससे पूरे शरीर में खिंचाव महसूस होगा।
अब सांस लेते हुए पैरों को भी स्ट्रेच करें। एक घुटने को जमीन पर रखकर ऊपर की ओर देखें। दूसरे घुटने को पीछे की ओर रखें। धीरे-धीरे फैलें। इस दौरान हिप्स और टेल बोन ऊपर उठते हैं।

3 भुजंगासन में आयें
सांस की स्थिति में छाती और ठुड्डी को जमीन पर रखें।
छाती को फैलाते हुए ऊपर उठाएं। पैर को सीधा रखें।
भुजंगासन में धीरे-धीरे सांस लें।
4 शरीर को सीधा रखें
सांस लेने वाले कूल्हे और टेलबोन ऊपर उठ जाते हैं।
हर बार हिप्स और टेल बोन को ऊपर उठे हुए समय में चेस्ट को वी शेप में रखने की कोशिश करें।

धीरे-धीरे सांस लेते हुए बाएं पैर को पीछे ले जाएं। शरीर को स्ट्रेट रखें। अपने हाथों को भी सीधा रखें।अपने चेहरे को ऊपर की ओर रखते हुए दाहिना पैर रखते हुए दोनों हाथों के बीच ले जाएं। बाएं बाएं को जमीन पर रखें।
5 नाक को घुटनों से सटाने की कोशिश
रेस्पेक्ट करते हुए राइट पैर को आगे की ओर कर लें और आईब्रो को जमीन से टिका दें। यदि यह करने में कठिन अनुभव होता है, तो आपके घुटने मुड़ भी सकते हैं। इस दौरान नाक को घुटनों से सटाने की कोशिश की जाती है।
धीरे-धीरे सांस लें और स्पाइनल कॉर्ड या बैक बोन को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं। हाथों को पीछे की तरफ ले जाएं। हिप्स को आगे की ओर करें।
सांस लेते हुए बॉडी को स्ट्रेट करें। हाथों को नीचे की ओर करें। शरीर के फंसने से आराम हो सकता है।
सूर्य नमस्कार के लिए कुछ बातों पर ध्यान देना जरूरी है
नुकसान के जोखिम को कम करने के लिए इसे करने से पहले वार्मअप करें।
कभी-भी जल्दबाजी में सूर्य नमस्कार नहीं करें। रिलैक्स हो ही इसे करना चाहिए।
गलत तरीके से बनाए जाने वाला योग मित्रता से स्वास्थ्य लाभ नहीं मिल सकता है।
सांसों पर ध्यान देना बेहद जरूरी है।
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