














इस योजना के तहत अब तक 70 लाख से अधिक महिलाओं को आर्थिक सहयोग प्राप्त हो चुका है। सरकार हर महीने लगभग ₹700 करोड़ की राशि महिलाओं के खातों में ट्रांसफर कर रही है। इस वित्तीय सहायता से महिलाएं न केवल अपने परिवार की जरूरतों को पूरा कर रही हैं, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य, निवेश और स्वरोजगार जैसे क्षेत्रों में भी आगे बढ़ रही हैं।
बलौदाबाजार जिले के ग्राम बल्दाकछार की कमार जनजाति की महिलाएं इस योजना से मिली राशि का उपयोग बांस शिल्प कला को संवारने में कर रही हैं। पहले आर्थिक तंगी के कारण उनका व्यवसाय ठप हो गया था, लेकिन 1000 रुपये प्रति माह की सहायता से वे अब बांस, रस्सी और अन्य सामग्री खरीदकर अपने कुटीर उद्योग को पुनर्जीवित कर रही हैं।
महासमुंद जिले की भामिनी गोस्वामी ने इस योजना के तहत मिलने वाली सहायता राशि को अपनी बेटी टांसी गोस्वामी के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए सुकन्या समृद्धि योजना में जमा करना शुरू किया है। उनका कहना है,
“पहले हम अपनी बेटी के भविष्य को लेकर चिंतित रहते थे, लेकिन महतारी वंदन योजना ने हमें यह अवसर दिया कि हम उसके उज्ज्वल भविष्य के लिए बचत कर सकें।”
धमतरी जिले की लोमेश्वरी ओझा इस योजना से मिलने वाली राशि का उपयोग अपने बच्चों की शिक्षा में कर रही हैं। उन्होंने कहा,
“पहले छोटी-छोटी जरूरतों के लिए दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन अब हम आत्मनिर्भर हो गए हैं। यह योजना हमारे लिए वरदान साबित हो रही है।”
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि महतारी वंदन योजना केवल आर्थिक सहायता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें समाज में सम्मान दिलाने का एक माध्यम भी है। इस योजना ने विशेष रूप से ग्रामीण और आदिवासी महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया है।
छत्तीसगढ़ की महिलाओं ने इस पहल के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि यह योजना उनके आत्मसम्मान और स्वतंत्रता को बढ़ाने में सहायक बन रही है।
महतारी वंदन योजना छत्तीसगढ़ की महिलाओं को सशक्त, आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाने का मजबूत आधार बन रही है। यह पहल महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम है, जिससे राज्य की आधी आबादी अपने सपनों को पूरा करने के लिए एक नई उड़ान भरने को तैयार है
You cannot copy content of this page