दिल्ली

तुहिनकांत पांडे को SEBI का नेतृत्व, जानिए उनकी अब तक की उपलब्धियां

UNITED NEWS OF ASIA. नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने वित्त सचिव तुहिनकांत पांडे को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। ओडिशा कैडर के 1987 बैच के IAS अधिकारी पांडे, माधबी पुरी बुच का स्थान लेंगे, जिनका कार्यकाल 1 मार्च 2025 को समाप्त हो रहा है। उन्हें इस पद पर तीन वर्ष तक के लिए नियुक्त किया गया है। इस फैसले को कैबिनेट की नियुक्ति समिति (ACC) ने मंजूरी दी है।

SEBI की कमान संभालेंगे तुहिनकांत पांडे

तुहिनकांत पांडे देश के पूंजी बाजार के सबसे महत्वपूर्ण नियामक पद पर अपनी सेवाएं देंगे। उनके पास वित्तीय नीतियों, विनिवेश और सार्वजनिक क्षेत्र के सुधारों का व्यापक अनुभव है। इससे पहले, वे केंद्र सरकार में वित्त मंत्रालय के तहत निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) के सचिव के रूप में कार्यरत थे। उन्होंने एयर इंडिया के निजीकरण, एलआईसी के IPO और नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड (NINL) के विनिवेश में अहम भूमिका निभाई थी।

तुहिनकांत पांडे का करियर और अनुभव

IAS तुहिनकांत पांडे ने पंजाब विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर और ब्रिटेन के बर्मिंघम विश्वविद्यालय से MBA किया है। उन्होंने ओडिशा सरकार और केंद्र सरकार दोनों के साथ विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। उन्होंने स्वास्थ्य, लोक प्रशासन, वाणिज्यिक कर, परिवहन और वित्त विभागों में अपनी सेवाएं दी हैं।

उन्होंने केंद्र सरकार में योजना आयोग, कैबिनेट सचिवालय, वाणिज्य मंत्रालय, सार्वजनिक उद्यम विभाग और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग में भी कार्य किया है। वे संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन (UNIDO) के क्षेत्रीय कार्यालय में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

माधबी पुरी बुच का कार्यकाल समाप्त

माधबी पुरी बुच SEBI की पहली महिला अध्यक्ष थीं। उन्होंने अपने कार्यकाल में निवेशकों की सुरक्षा, बाजार पारदर्शिता और डिजिटल वित्तीय निगरानी को बढ़ावा दिया। उनके नेतृत्व में कई नीतिगत सुधार लागू किए गए, जिनसे भारतीय पूंजी बाजार को मजबूती मिली।

SEBI प्रमुख के रूप में तुहिनकांत पांडे से क्या हैं उम्मीदें?

  • SEBI के नए अध्यक्ष के रूप में तुहिनकांत पांडे के सामने कई चुनौतियां होंगी, जिनमें –
     IPO बाजार को और मजबूत करना
  •  स्टॉक मार्केट में पारदर्शिता बढ़ाना
  •  निवेशक सुरक्षा उपायों को सख्त करना
  •  नए वित्तीय नियमों को लागू करना
  •  फिनटेक और क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े नियामक ढांचे को विकसित करना

तुहिनकांत पांडे के वित्तीय प्रबंधन और नीति निर्माण में व्यापक अनुभव को देखते हुए, उनके नेतृत्व में SEBI द्वारा नए सुधारों और सख्त विनियामक दिशा-निर्देशों की उम्मीद की जा रही है।


IAS तुहिनकांत पांडे की नियुक्ति भारतीय पूंजी बाजार में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। उनके अनुभव और नेतृत्व में SEBI निवेशकों की सुरक्षा और बाजार में स्थिरता सुनिश्चित करने की दिशा में नए मानक स्थापित कर सकता है।

 


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