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मकर संक्रांति आने वाला है। इस दिन तरह-तरह के औपचारिक संदेशों का सेवन किया जाता है। जाड़े में जाने वाले इस पर्व को तिल, गुड़, ड्राई फ्रूट्स जैसे कई विंटर फूड्स के साथ सेलिब्रेट किया जाता है। वहीं आज हम बात करेंगे एक सबसे खास सुपरफूड तिल के बारे में। तिल के छोटे-छोटे पोषक तत्वों के भंडार होते हैं। वहीं इन्हें स्वास्थ्य से लेकर सुंदरता तक बनाए रखने के लिए काफी प्रभावी माना जाता है। लेकिन आज भी कई लोगों के फायदे से पूरी तरह वाकिफ नहीं हैं।
इसलिए ही नहीं अक्सर लोग काले और सफेद तिल को लेकर भटकते रहते हैं, कि कौन सा तिल ज्यादा लाभ है? तो आप बताएं कि दोनों ही तिल अपनी जगह सामान्य रूप से लाभ लेते हैं। इसलिए आज हम लेकर आए हैं, काले और सफेद तिल के कुछ महत्वपूर्ण स्वास्थ्य लाभ (तिल के बीज के स्वास्थ्य लाभ)। साथ ही जानेंगे इन्हें किस तरह डाइटिंग में शामिल करना है।
यहां जाने तिल स्वास्थ्य के लिए किस तरह से लाभ होता है
1. एंटीकैंसर गुण
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययनों के अनुसार तिल में सेसामोल और सेसामिन यौगिक दोनों प्रकार के होते हैं। जिन्हें उनकी कैंसर-विरोधी संपत्ति के रूप में जाना जाता है। अध्ययन के अनुसार यह कंपाउंड ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम कर देता है और कैंसर डिवेलप करने वाले सेल से होने वाली हानि से प्रभावित होते हैं।

2. त्वचा और बालों की सेहत के लिए काफी हद तक काला तिल होता है
पब मेड सेंट्रल के अनुसार तिल में मौजूद आयरन, जीता हुआ, एसिड ओर एंटीऑक्सीडेंट त्वचा एवं बालों की सेहत के लिए काफी फायदेमंद माने जाते हैं। इसके साथ ही काले तिल के तेल का इस्तेमाल कई तरह के स्किन केयर प्रोडक्ट्स, शैंपू, साबुन और मॉइश्चराइजर को बनाने में किया जाता है। वहीं तिल का सेवन भी त्वचा से संबंधित होने से बाल झड़ने और टूटने से होने वाले नुकसान होते हैं।
3. डाइजेस्टिव हेल्थ को लाइक करें
तिल में फाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है जो पाचन प्रक्रिया को स्वस्थ रखता है। वहीं कब्ज और दस्त जैसे लक्षणों को नियंत्रण में रखने के साथ-साथ कोलन की रक्षा करता है और टाइटइंटेस्टाइनल टॉक्सिंस के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।
4. लसीका की स्थिति को नियंत्रित करता है
यूएसडीए खाद्य कंपोज़िशन डेटाबेस के अनुसार तिल में कार्बनिक की सीमित मात्रा पाई जाती है। वहीं यह प्रोटीन और हेल्दी विटामिन से भरपूर होता है। जो ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं। इसके साथ ही इसमें मामूली कंपाउंड मौजूद होते हैं और यह कंपाउंड दाखिल होने की स्थिति में ब्लड शुगर लेवल को रेगुलेट करता है। यदि आप लिटिन से पीड़ित हैं तो ऐसे में इनके सेवन से आपके लाभ बने रहेंगे।

5. रोशनाई को उजागर करें
यूएसडीए फूड कंपोजीशन डेटाबेस के अनुसार तिल में जिंक, सेलेनियम, कॉपर, आयरन, विटामिन बी6 और विटामिन ई की भरपूर मात्रा पाई जाती है। जो फ्री सिस्टम को अवरुद्ध करने में मदद करता है। वहीं तिल वाइट ब्लड सेल्स का उत्पादन होता है और इसे एक्टिवेट करता है। और वाइट ब्लड सेल्स संक्रमण फैलने वाले कीटाणुओं के प्रभाव के निकट हैं।
6. हड्डियों की सेहत को बनाए रखें
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन द्वारा तिल को लेकर प्रकाशित एक डेटा के अनुसार तिल में ऐसे कई पोषक तत्व जैसे कि कैल्शियम, मैग्नीशियम, मैंगनीज और विटामिन की भरपूर मात्रा मौजूद होती है। जोबोन्स की सेहत के लिए काफी फायदेमंद माने जाते हैं।
7. कोलेस्ट्रोल के स्तर का संतुलन
नैशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययनों के अनुसार तिल में सैचुरेटेड एडवांस, पॉलीअनसैचुरेटेड टेस्ट और मोनोअनसैचुरेटेड विलाज़ गड़बड़ होते हैं। वहीं रिसर्च के मुताबिक पॉलीअनसैचुरेटेड और मोनोअनसैचुरेटेड सिगरेट का सेवन बॉडी में बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करता है। जिस वजह से दिल से जुड़ी बीमारियां होने की संभावना भी कंट्रोल रहती है। इसके साथ ही तिल में मौजूद लिग्नांस और फाइटोस्टेरॉल्स नामक प्लांट कंपाउंड भी कोलेस्ट्रॉल के स्तर को संतुलित रखने में मदद करते हैं।
8. ब्लड प्रेशर को संतुलित रखता है
हाई ब्लड प्रेशर की समस्या दिल से जुड़ी बीमारी और हृदय आघात की संभावना को बढ़ाती है। ऐसे में अनुसंधान माने तो तिल में स्पेक्ट्रम मात्रा में मैग्नीशियम मौजूद होते हैं, जो हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं। वहीं इसमें मौजूद लिग्नांस, विटामिन ई और अन्य एंटीऑक्सीडेंट धमनियों में प्लाक जमा नहीं होने देते, जिसके कारण ब्लड फ्लो सामान्य रहता है और ब्लड प्रेशर की समस्या नहीं होती।

इस तरह से वे अपनी डाइट में शामिल हो सकते हैं
तिल के लड्डू एवं हलवे का सेवन भी काफी प्रभावशाली होता है।
इस मकर संक्रांति तिल गजक, तिल चिक्की, तिल की बर्फी और तिल पापड़ी चिक्की को जरूर ट्राई करें।
तिल को कच्चे भोजन से काफी लाभ होता है।
इसे रोस्ट करके अन्य बीज एवं लिटरेचर के साथ ले सकते हैं।
सलाद में टॉपिंग के रूप में या फिर अन्य पदार्थों में गार्निशिंग के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
यह भी पढ़ें : तिल और गुड़ दोनों हेल्दी हैं, रेवड़ी पर कितना वजन बढ़ सकता है? चेक करते हैं



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