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जानिए क्रिएटिव थेरेपी के असरदार फायदे।- यहां जाने क्रिएटिव थेरेपी के फायदे।

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COVID 19 ने शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी बुरी तरह प्रभावित किया है। ऊपर से ऑफिस से लेकर घर कि भागदौड़ में तनाव जब हम अपना शिकार बना लेते हैं, इसका पता लगाना मुश्किल होता है। क्योंकि कहीं न कहीं लोगों ने इस तनाव को अपनी जिंदगी का एक हिस्सा बना लिया है। जो झटके-धीमे आपके मानसिक स्वास्थ्य को कोई बुरी तरह अपनी चपेट में ले लेता है। इसकी वजह से न केवल मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है बल्कि व्यक्ति के शारीरिक एवं स्थिर स्वास्थ पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

ऐसे में अगर आप अपने मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए योग और मेडिटेशन से हटकर कुछ चाहते हैं तो क्रिएटिव थेरेपी आपका काम आ सकता है। हम सभी में रचनात्मकता को छिपाते हैं, लेकिन हम किसी मित्र से इनकार करते हैं। इसमें भाग लेने के लिए आपको डांसर, पेंटर या संगीतकार होने की आवश्यकता नहीं है। आप खुद को खुश रखने के लिए भी इन गतिविधियों में भाग ले सकते हैं। यह न केवल आपके मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखता है बल्कि आपको शारीरिक और समान रूप से भी मजबूत बनाता है।

इसलिए मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के सामान्य तरीकों से हटकर व्यू व्यू आज आपके लिए लाए हैं, कुछ महत्वपूर्ण क्रिएटिव थेरेपी। तो सबसे पहले जानते हैं, क्रिएटिव थेरेपी क्या है, उसके जाने के बाद यह किस तरह काम करती है।

खुश रहने के लिए अपना ये आदीन
कुछ आदतें जो आपको खुश रहने में मदद कर सकती हैं। चित्र : उजागर करें

पहले जानें क्या है क्रिएटिव थेरेपी

क्रिएटर थेरेपी की मदद से कोई भी व्यक्ति डांस, ड्राइंग और म्यूजिक जैसी गतिविधियों में भाग लेकर विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य से बाहर निकल सकता है। यह मानसिक, स्थूल और शारीरिक रूप से काफी प्रभावशाली रूप से काम करता है।

हालांकि, इसके लिए आपको किसी भी तरह के कलाकार होने की जरूरत नहीं है। एक आम इंसान भी अपनी संपत्ति को अपनी संपत्ति बना सकता है। यह उन लोगों के लिए है, जो आपकी आंतरिक दृष्टि और चीजों को बोलकर नहीं देख पाते हैं।

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अब जानें कि सिंथेटिक व्यायाम किस तरह हो सकते हैं

नेशनल कोएलिशन क्रिएटिव आर्ट थेरेपी एसोसिएशन के अनुसार क्रिएटिव थेरेपी अलग-अलग प्रकार की मानसिक रूप से पहले से ही मदद करती है। इसके साथ ही यह तनाव, ट्रामा और अल्जाइमर की समस्या में भी शामिल है। साथ ही यह हेड इंजरी, डिमेंशिया, फिजिकल और दिखने में दिखने में समान रूप से भी प्रभावी रूप से काम करता है। क्रिएटिव थेरेपी की मदद से आप क्रॉनिक डिजीज जैसे कि कैंसर के प्रभाव को कम कर सकते हैं।

अमेरिकन और थेरेपी एसोसिएशन के अनुसार व्यायाम और क्रिएटिव थेरेपी स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न प्रकार की आय काफी हद तक हो सकती है। यह सेल्फ स्टीम और सेल्फ अवेयरनेस को प्रेरित करता है। साथ ही मदद के साथ सामाजिक पकड़ को बढ़ावा देता है और भावनात्मक तनाव को संतुलित बनाए रखता है। वहीं मुश्किल स्थिति से बाहर निकलने की क्षमता को बढ़ा देता है।

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन 2015 में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार क्रिएटीव थेरेपी व्यक्ति हेल्दी रिलेशनशिप में टेन करने में मदद करता है। इसके साथ ही वह बेहतर तरीके से खुद को और दूसरों को समझ सकती हैं, साथ ही साथ बीमारी और दर्द को शरीर पर हावी नहीं होने देती। साथ ही व्यक्तिगत व्यवहार को भी बेहतर बनाता है और शरीर को रिलैक्स रखने के साथ-साथ विश्वास एवं आत्म-शक्ति को भी बढ़ाता है।

खुश रहने के लिए संगीत सुने
खुश रहने में संगीत आपका काम कर सकता है। चित्र : उजागर करें

यहां क्रिएटिव आर्ट थेरेपी के विभिन्न प्रकार हैं

1. म्यूजिक थेरेपी (म्यूजिक थेरेपी)

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन 2017 में प्रकाशित एक अध्ययन में म्यूजिक थेरेपी में भाग लेने वाले अल्जाइमर से पीड़ित व्यक्ति की स्मृति, अवसाद और एंजाइटी के स्तर में सुधार देखने को मिला। इसके एक अन्य अध्ययन के अनुसार संगीत सुनने वाले व्यक्ति विशेष रूप से जैज़ संगीत सुनने से अवसाद से ग्रसित व्यक्ति में सुधार देखने को मिला।

2. डांस थेरेपी (डांस थेरेपी)

स्टेट ऑफ दी आर्ट इन क्रिएटिव आर्ट थेरेपी 2019 द्वारा की गई एक रिसर्च के अनुसार डांस थेरेपी डिप्रेशन को कम करने में मदद करती है। वहीं एक और अध्ययन में देखा गया कि नियमित रूप से डांस थेरेपी में भाग लेने से एंग्जाइटी, डिप्रेशन का स्तर कम होता है साथ ही फोकस और जीवन की गुणवत्ता होती है। यह न केवल मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि भौतिक, साइक्लोजिकल और भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए भी प्रभावी रूप से काम करता है।

3. पोएट्री थेरेपी (कविता चिकित्सा)

पोएट्री थेरेपी में यदि आप परेशान हैं तो चिकित्सक की मदद ले सकते हैं। वहीं आप खुद पोएट्री राइटिंग या पोएट्री रीडिंग करके खुद को मानसिक तनाव से निकाल सकते हैं। यह आपके अंदर की भावनाओं को फ्रैंक बोलने में मदद करता है। इसके साथ ही पोएट्री रीडिंग आपको समझ में आता है कि दुनिया में कई अन्य लोग हैं, जो मानसिक एवं शारीरिक रूप से गुजर रहे हैं। ऐसे में आपकी हिम्मत हार जाती है और आप फिर से शुरुआत करने की सोचती हैं।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ द्वारा 2018 में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, पोएट्री थेरेपी कैंसर से पीड़ित पीड़ितों के लिए सकारात्मक रूप में काम करती है। ऐसे में कैंसर के दौरान वे अपनी भावनाओं को स्पष्ट रूप से देख पाते हैं। जिस वजह से तनाव कम होता है और उन्हें हिम्मत मिलती है।

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आर्ट थेरेपी में कई तरह के आर्ट फॉर्म शामिल होते हैं,

4. कला चिकित्सा (आर्ट थेरेपी)

आर्ट थेरेपी में कई तरह के आर्ट फॉर्म शामिल होते हैं, जैसे पेंटिंग, डांसिंग, सकल्पटिंग आदि। कला निर्माण करने की लालसा व्यक्ति को मानसिक रूप से शांत और स्वस्थ रहने में मदद करती है। इसी के साथ कई ऐसे आर्टिस्ट मौजूद हैं, जो इसमें आपकी मदद कर सकते हैं।

यह आपको मानसिक रूप से मजबूत बनाता है और एंजाइटी, स्ट्रेस जैसी चीजों से बाहर आने में मदद करता है। साथ ही विश्वास और आत्मशक्ति को भी काफी अधिक बढ़ा देता है। इसलिए ही इसमें भाग लेने से आप सामाजिक रूप से भी काफी सक्रिय हो जाते हैं, जो आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है।

चाइना में बताया गया है कि अध्ययन के अनुसार डिमेंशिया से पीड़ित 60 साल के बुज़ुर्गों को तैयार करने और कहानी सुनाने में भाग लेने के लिए कहा गया। लगभग 6 महीने के बाद उनकी स्थिति में काफी ज्यादा सुधार देखने को मिला।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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