
हर नई चीज की तरफ लोग आकर्षित होते हैं। और फिर उसके लाभ देखकर उसके दिशा-निर्देश प्राप्त होते हैं। इस बात को समझने की जरूरत है कि हर चीज, हर एक पर एक जैसा काम नहीं करता। ग्रीन टी इस समय के युवाओं को सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला पेय है। कई वैज्ञनिक शोधों में इसका लाभ का दावा किया गया है। पर क्या यह प्रत्यक्ष अपच और पैट की गैस (क्या ग्रीन टी सूजन में मदद करती है) से बचने में आपकी पूर्ति साबित हो सकती है? आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
ग्रीन टी से पाचन में सुधार होता है और इसमें मौजूद कैटेचिन और कैफीन तत्वों की वजह से ब्लोटिंग में कमी आती है। ग्रीन टी का सेवन सेवरे या दोपहर के शुरुआती समय में करना चाहिए और इसे बिना चीनी के ब्रू के साथ लेना चाहिए। इस बात की भी संभावना है कि समय के साथ फ्लेवर्स में बदलाव हो सकता है। इसलिए आपको अपनी पसंद का पता लगाने के लिए हमेशा प्रयोग करते रहना चाहिए।

कैफीन का सेवन भी अलग-अलग प्रभाव डाल सकता है और यह सेंसिटिविटी पर भी असर डालता है। इसलिए यदि आप ग्रीन टी पीने के बाद घबराहट महसूस करते हैं या नींद की समस्या हो तो ग्रीन टी का सेवन सीमित करें या बंद कर दें। ग्रीन टी भले ही पाचन संबंधी विकारों में होती है, लेकिन यह पाचन संबंधी हर गड़बड़ी का हल नहीं है और न ही पाचन संबंधी चिकित्सीय सलाह का विकल्प हो सकता है। इसलिए अपनी समस्या के बारे में जल्द से जल्द चिकित्सा सलाह लें।
जानिए कैसे काम करती है Green T
ग्रीन टी में ऐसे यौगिक मौजूद होते हैं जो पाचन में मदद करते हैं और ब्लोट करना घटाते हैं। टी में मौजूद कैटेचिन और कैफीन से वाइड वर्किंग प्रोसेस और ग्रीन ब्रोकर में सुधार होता है। यह भोज्य पदार्थों को पाचन तंत्र में अधिक तेजी से आगे बढ़ता है बढ़ता है। कुछ लोगों को लगता है कि ग्रीन टी के अपच के लक्षणों जैसे कि ब्लोटिंग और गैस से राहत मिलती है।
यह भी याद रखना चाहिए कि सभी लोगों को एक जैसे फायदे नहीं मिलते। अपच और ब्लोटिंग के समस्या के लिए कुछ अन्य कारण जैसे कि आपकी खुराक, आपका तनावग्रस्तता और अन्य कोई चिकित्सीय कारण भी जिम्मेदार हो सकता है।
क्या है ग्रीन टी पीने का सही समय और तरीका ? (ग्रीन टी पीने का सही समय)
ग्रीन टी पाचन को बढ़ावा देने के साथ-साथ आंत की कार्य प्रणाली में सुधार करता है। यह देखा गया है कि ग्रीन टी में मौजूद कैटेचिन और कैफीन से पाचन तंत्र उत्प्रेरित होता है, जो भोजन को आगे बढ़ाते हैं और बड़ी चतुराई से काम करने में मदद करते हैं जिससे कम ब्लोट होता है।
इसका सेवन का सबसे अच्छा समय आमतौर पर सुबह या दोपहर के शुरुआती समय के दौरान होता है। अगर आप सोने के समय के आसपास इसे लेते हैं तो इसमें मौजूद कैफीन तत्व आपकी नींद के साथ छेड़छाड़ कर सकता है। खाली पेट ग्रीन टी पीने से स्वास्थय पर अच्छा असर पड़ता है।

अपनी दिनचर्या में ग्रीन टी शामिल करने से पहले जान लें कुछ बातें
- हमेशा ताजा तैयार की गई ग्रीन टी का रहस्योद्घाटन किया जाना चाहिए, समुद्रतट या कैन्ड वैरायटी में अत्यधिक शूगर या अन्य कुछ पदार्थ मिले हो सकते हैं जो इसके स्वास्य संबंधी लाभों को कम कर सकते हैं।
- ग्रीन टी में शुगर या मिठास के लिए किसी भी प्रकार के स्वीटनर न योजनाओं। ऐसा करने से ग्रीन टी के स्वास्थ्य लाभ कम हो सकते हैं।
- अपना मनपसंद फ्लेवर चांस करने के लिए ग्रीन टी के साथ जबर्दस्ती प्रयोग न करें (स्टीपिंग) क्योंकि इसकी वजह से आपकी ग्रीन टी का स्वाद कसैला हो सकता है।
- याद रखें कि कैफीन और ग्रीन टी के मामले में हरेक की पसंद और सहनशीलता अलग-अलग हो सकती है। अगर आप कैफीन को लेकर सेंसिटिव हैं या किसी तरह जोरदार, घबराहट या नींद में व्यवधान महसूस करें, तो ग्रीन टी का सेवन सीमित कर दें या इसे बंद कर दें।
क्या टी ग्रीन भरा अपच से बचने का उपाय है? (क्या ग्रीन टी पेट फूलने में मदद करती है)
हर बार भोजन के बाद ग्रीन टी पीने से कुछ लोगों को पाचन में मदद मिलती है और ब्लोट करना भी कम करता है, लेकिन इसकी पुष्टि करने वाले वैज्ञानिक वैज्ञानिक काफी सीमित हैं। कुछ अन्य कारण भी हो सकते हैं, जैसे कि आहार, तनाव और अन्य कई चिकित्सा शर्तों की भी कुछ भूमिका हो सकती है। इसलिए, बिल्कुल यही होगा कि इस बारे में आप अपने स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं से सलाह-मशविरा करें।
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