इस खबर को सुनिए |
सदियों से लोग योग के फायदे का वर्णन करते आ रहे हैं। योग शारीरिक, मानसिक, भौतिक और आध्यात्मिक हर तरह से लाभ है। अनुलोम विलोम भी योग का ही एक प्रकार प्राणायाम है। अनुलोम विलोम प्राणायाम तीन शब्दों का मेल है। “अनुलोम” का अर्थ है “दाईं नासिका” और “विलोम” का अर्थ “बाईं नासिका” है। जबकि “प्राणायाम” का अर्थ “सांस लेना” है। इसका अभ्यास दाएं और बाएं नासिका से सांस लेना और छोड़ना होता है। अकसर मन को शांत करने के लिए इस प्राणायाम की संलग्न की जाती है। जानकार मानते हैं कि यह आपके ब्रेन और स्पाइन दोनों के लिए लाभ है।
अनुलोम विलोम का अभ्यास थकान, अफसोस और सुस्ती को कम कर देता है। साथ ही बॉडी टॉक्सिन्स से बाहर है। यह शरीर में रक्त संचार को जुड़े हुए रीढ़ की हड्डियों के लिए भी काफी हद तक लाभ पहुंचाता है। तो आप सोच-विचार कर सही सांस लेना और रीढ़ की हड्डी को छोड़ना कैसे फायदेमंद हो सकता है? तो आज इस लेख के जरिए मेरी रीढ़ की हड्डी पर अनुलोम विलोम का प्रभाव पड़ेगा।
यहां जानें अनुलोम विलोम के कुछ खास फायदे
1. रीढ़ की हड्डी को देखने से कमर के दर्द से राहत मिलती है
अनुलोम विलोम का नियमित अभ्यास कमर दर्द की समस्या से राहत पाने में मदद करता है। साथ ही यह रीढ़ की हड्डियों को भी आराम देता है। ब्रीडिंग एक्सरसाइज के दौरान आपका बॉडी पॉस्चर काफी रिलैक्स होता है और आप पूरी तरह से ध्यान केंद्रित करते हैं। जो दर्द कम करने में आपकी मदद करता है। अनुलोम विलोम शरीर में ब्लड सर्क्यूएशन को बढ़ाता है, जो शरीर की मांसपेशियों को सक्रिय रहने में मदद करते हैं और उन्हें जल्दी बुलाते नहीं हैं।
यह भी पढ़ें : ऋष्यगंधा के लाभ : नींबू में अश्वगंधा से भी अधिक लाभ है ऋष्यगंधा, जानिए इस आयुर्वेदिक हर्ब के फायदे
2. ब्रेन हेल्दी रहता है
बायोटेक्नोलोजी सूचना के लिए राष्ट्रीय केंद्र द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार 96 चिकित्सा छात्रों पर शोध किया गया। जिन छात्रों को दो भाग में साझा किया गया, 1 भाग वाले बच्चे अनुलोम विलोम का अभ्यास करते थे और दूसरा बच्चा सूर्य नमस्कार। परिणाम दोनों स्वरूप ही समूह के बच्चे कि स्वास्थ्य में काफी अधिक सुधार देखने को मिला।
उन्होंने अपनी एंग्जाइटी को संभाल कर खुश होकर ही सकारात्मकता के प्रति ध्यान देना शुरू कर दिया। यह सभी चीजें बताती हैं, कि इस प्रकार ब्रीडिंग एक्सरसाइज हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है।
3. रेस्पिरेटरी हेल्थ में सुधार करता है
जर्नल ऑफ आयुर्वेदा मैटिकेटिव मेडिसिन द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार अनुलोम विलोम का नियमित अभ्यास लंग्स फैंटेसी को इंप्रूव करता है। इसके साथ ही की गई पढ़ाई में कुछ तैराक शामिल हुए। कुछ दिनों तक नियमित रूप से ब्रीडिंग एक्सरसाइज करने के बाद परिणामस्वरुप आम तैराकों की तुलना में वे पानी के अंदर अधिक समय बिता सकते हैं।
वहीं 2013 में की गई एक स्टडी के अनुसार नियमित रूप से 30 मिनट अनुलोम विलोम करना साइनस इंफ्लेमेशन को कम करता है। साइनेस की स्थिति में सांस लेने में तकलीफ होती है।
4. त्वचा के लिए भिखारी हीलर की तरह काम करता है
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययनों के अनुसार अनुलोम विलोम का नियमित अभ्यास आपकी त्वचा के लिए काफी फ़ायदे हो सकता है। त्वचा की सेहत को बनाए रखने के लिए स्ट्रेस चेंज सबसे जरूरी है। अनुलोम विलोम जैसे ब्रीडिंग एक्सरसाइज आपको स्ट्रेस स्ट्रेस करने में मदद करते हैं। साथ ही ब्लड सर्कुलेशन को इंप्रूव करते हैं। इस स्थिति में त्वचा तक पर्याप्त ऑक्सीजन पहुंचती है और त्वचा में ग्लोइंग नजर आती है साथ ही त्वचा से जुड़े बैक्टीरिया दूर रहते हैं।
5. आंखों की रौशनी बढ़ती जा रही है
आंखों की सेहत बनाए रखने के लिए शरीर में पर्याप्त ऑक्सीजन की आपूर्ति बहुत जरूरी है। जैसा कि हम जानते हैं कि नियमित रूप से अनुलोम विलोम का अभ्यास शरीर में रक्त परिसंचरण को बढ़ाता है, जिससे कि रेस्पिरेटरी और कार्डियोवैस्कुलर सेक्युलर हेल्थ इंप्रूव होते हैं। यह दोनों ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए बहुत जरूरी है। इस प्रकार अनुलोम विलोम का अभ्यास आंखों की रोशनी बनाए रखता है।
6. हृदय संबंधी वास्तविकता से दूर रखता है
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन द्वारा 2011 में प्रकाशित अध्ययनों के अनुसार ब्रीडिंग एक्सरसाइज हृदय स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव दे रहे हैं। यह ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट को सामान्य होने से दिल से जुड़ी बीमारियों को कम कर देता है।
यह भी पढ़ें : आपकी रीढ़ और कूल्हे की हड्डी को नुकसान हो सकता है 30 की उम्र के बाद ऊँची एड़ी के जूते पहनना, जानना इसका जोखिम