
इस खबर को सुनिए |
अक्सर कोई न कोई सेलिब्रिटी अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में कड़वा या कोई और जंक फूड खाते हुए दिखाई देते हैं। वे अपने पोस्ट में दावा करते हैं कि जंक फूड खाने के बावजूद उनका वजन कंट्रोल में रहता है। हमें यह देखकर और सुनकर आश्चर्य होता है। हम नहीं जानते कि सेलिब्रिटी वेट कंट्रोल के लिए कौन सा नया अपनाते हैं। यह इतना विषाक्त प्रभाव डालता है कि उन्हें जंक फूड खाने की भी अनुमति देता है। पर क्या यह संभव है? जंक फूड खाने के बावजूद वजन कंट्रोल रह सकता है? आइए जानते हैं इसकी छिपी सच्चाई (जंक फूड और वजन घटाने) को।
वेट लॉस नहीं वेट गेन करता है जंक फूड (जंक फूड वजन को प्रभावित करता है)
फिटनैस विशेषज्ञ डॉ. भार्गव ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा है, ‘अगर आप आइसक्रीम, सिगरेट, चॉकलेट सिद्धांत, गाठिया, चिवरा-जलेबी चौपट हैं, तो आपको कुछ चौंकाने वाली बातें पता चल जाएंगी। सभी जंक फूड लेने के बाद कैलोरी इंटेक बहुत ज्यादा हो जाता है। यदि इस कैलोरी को बर्न नहीं किया जाता है तो यह फैट के रूप में शरीर में जमा हो जाता है। इसलिए जंक फ़ूड वेट लॉस (वज़न घटाना) में नहीं वेट गेन (वज़न बढ़ना) में मदद कर सकते हैं।’
एडिक्शन की तरह काम करता है (जंक फूड की लत)
क्लिनिकल न्यूट्रिशन के अमेरिकन जर्नल के अनुसार, जंक फूड्स के अधिक सेवन से मस्तिष्क की रासायनिक संरचना बदल जाती है। इस परिवर्तन के कारण शरीर बहुत अधिक जंक फूड के सेवन के लिए प्रेरित होता है। यह लगभग एक एडिक्शन की तरह काम करता है। बाद में यह अवसाद का भी कारण बन सकता है। यह आगे चलकर शरीर में वजह बनती है, जिससे जंक फूड खाने की अधिक इच्छा होती है।
यहां जानिए आपकी सेहत को कैसे नुकसान पहुंचता है (जंक फूड और वजन घटाना)
1 कमजोर हो सकता है मेटाबोलिक दर (कम चयापचय दर)
दूसरी बात यह है कि उच्च कैलोरी होने के बावजूद जंक फूड कभी भी आपको संतुष्ट नहीं कर सकता है। इसे खाने के बाद आपकी भूख बनी रहती है और आप लगातार प्लेटफॉर्मिंग करते रहते हैं। जंक फूड में न के बराबर प्रोटीन होता है। नियमित रूप से इसे खाने पर मसल लॉस (मांसपेशियों की हानि) निश्चित किया जाता है। मसल लॉस से मेटाबोलिक रेट लो (कम चयापचय दर) हो जाता है। यह वेट गेन वेट गेन) के लिए जिम्मेदार होता है।
2 बनता है ब्लड शुगर में लेट- क्वैश्चन का कारण (जंक फूड ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित करता है)
लगातार जंक फूड खाने से हम और ज्यादा खाते हैं। जिससे ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल से बाहर हो जाता है। इसमें चढ़ने के कारण व्यक्ति की आवश्यकता से अधिक भोजन लगता है। ऐसे खाद्य पदार्थों के पाचन में भी बैक्टीरिया दिखाई देते हैं, जो जंक फूड के सेवन के खतरे को प्रभावित करते हैं।
3 हार्ट डिजीज का जोखिम बढ़ जाता है (हृदय रोग)
जंक फूड के प्रमुख खतरों में से एक मोटापा (मोटापा) है। मोटापा (जंक फूड और वजन घटाना) होने पर इससे संबंधित स्वास्थ्य लक्षण होने की संभावना भी बढ़ जाती है। जंक फूड्स में मौजूद अत्यधिक चीनी (अतिरिक्त चीनी), कैलोरी (कैलोरी) और वसा (वसा) वजन बढ़ाने (वजन बढ़ाने) में योगदान देते हैं। मोटापे के कारण मधुमेह (मधुमेह), जोड़ों का दर्द (जोड़ों का दर्द) और हृदय रोग (हृदय की समस्या), गैर एल्कोहलिक उच्च लिवर डिजीज (नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर रोग) होने की अनुमान कई गुना बढ़ जाता है।
4 सीखने और याददाश्त की समस्या (सीखने और याददाश्त की समस्या)
जिस जंक फूड में हाई शुगर और ऐल्जिम होते हैं, वे ब्रेन के लिए भी एनीजन होते हैं। ये सीखने और स्मृति में मदद करने वाले मस्तिष्क की धारणा को दबाते हैं। बढ़ते बच्चों में यह विशेष रूप से देखा जा सकता है, क्योंकि इस समय उनका सीखने का तरीका (सीखने की प्रक्रिया) सुप्रीम स्तर पर होता है। जंक फूड की खराब खपत के बारे में कुछ भी कारण बन सकते हैं।

इसके कारण ब्रेन के हिप्पोकैम्पस क्षेत्र में अचानक सूजन आ सकती है। यह स्मृति और पहचान (स्मृति और पहचान) के लिए जिम्मेदार है।
याद रखना
अगली बार जब भी किसी सेलिब्रिटी को जंक फूड खाते देखें, तो यह नहीं बताया कि इससे आपका वजन घटेगा। बल्कि यह पोषक कि इस कैलोरी को बर्न करने के लिए वे कितना मेहनत करेंगे। वह आधे-आधे मिनट की रील में दिखाई नहीं दिया।
यह भी पढ़ें :-दांत और पेट दोनों खराब कर रहे हैं टेस्टी लगने वाले ये 4 फूड, जानिए जंक फूड के साइड इफेक्ट



- लेटेस्ट न्यूज़ पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
- विडियो ख़बरें देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
- डार्क सीक्रेट्स की ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
- UNA विश्लेषण की ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें