
कई बार हम गलत वैज्ञानिकों के शिकार हो जाते हैं। अपनी जीवनशैली में किसी भी तरह का नशा करने की लत को शामिल कर लेते हैं। इसका हमारे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। यह हमारी फिटनेस को भी खराब करता है। जानकार जानकार बताते हैं कि जब आप नशा छोड़ देते हैं, तो इस फेज में फिटनेस को भी बरकरार रखा जा सकता है। कुछ बातों को ध्यान में रखकर सुरक्षित रखा जा सकता है। अल्फा हीलिंग सेंटर के इन हाउस साइकिट्रिस्ट डॉ. पार्थ सोनी इसके बारे में विस्तार से बताएं (फिटनेस एंड सेल्फ केयर इन एडिक्शन रिकवरी) रहे हैं।
फिटनेस कैसे काम करती है
नशे की तब लत लगती है, जब दिमाग़ की ओर से देखा जाता है तो आसानी से संकेत प्राप्त करने के लिए उकसाने वाला होता है। इसके कारण शरीर के रासायनिक असंतुलित हो जाते हैं और नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यदि आप अपनी फिटनेस पर काम करते हैं, तो शारीरिक, जुड़ाव और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। नशे की आदत से छुटकारा पाने में मदद मिलती है।
जब आप नशामुक्ति का प्रयास कर रहे होते हैं, तो फिटनेस दे सकते हैं ये लाभ
1 शरीर होता है एनर्जेटिक (ऊर्जावान शारीरिक स्वास्थ्य)
डॉ. पार्थ सोनी कहते हैं, ‘व्यायाम से हैप्पी हार्मोन गुप्त होते हैं। यह जीपीएस के कारण होने वाले मूड स्विंग को नियंत्रित करता है। यह शरीर के नशे की मांग को कम करता है। किसी भी प्रकार की शारीरिक स्थिति में संलग्न हो जाएं। चाहे वे इंटरनेट या सामान्य हों। इससे शरीर ऊर्जा से मिलता है। यह बॉडी कोर्फिन से भर देता है।’
2 स्ट्रेस से मुक्ति (स्ट्रेस बस्टर)
नियमित कसरत के बारे में जानकारी को उत्तेजित करता है। यह मन को शांत करता है। चिपचिपा तनाव-रोधी हार्मोन है। या धूम्रपान से शाक्तिने के दौरान चिंता, अवसाद और तनाव आम हैं। इसलिए तनाव के स्तर (तनाव स्तर) को आपका करना जरूरी है।
3 व्यक्तित्व में सुधार (Personality Development)
व्यापक औषधियों का प्रयोग बार-बार आपकी सोच और विचार को समाप्त कर देता है। इससे संबंधित व्यक्ति महसूस करता है। व्यायाम मस्तिष्क को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। जीवन में एकाग्रता, ऊर्जा और आशा जगत है। इसका प्रभाव केवल भौतिक स्वास्थ्य ही नहीं व्यक्ति में भी सुधार लाता है।
4 साउंड स्लीप में मदद (साउंड स्लीप)
डॉ. पार्थ सोनी के अनुसार, मस्तिष्क के तारों के रूप में काम करने के लिए अच्छी नींद बहुत जरूरी है। नशे के कारण नींद अच्छी तरह नहीं मिलती है। फिटनेस रूटीन का पालन करने से शरीर के प्राकृतिक कार्यों को करने में मदद मिलती है। इससे सोने से पहले दिमाग शांत होता है और अंग्रेजी घटती है।
5 आत्म-सम्मान बढ़ रहा है (आत्म सम्मान बढ़ाएँ)
लत से आत्म-सम्मान की हानि हो सकती है। फिटनेस रूटीन के आधार पर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सकारात्मक बदलाव आ सकता है। जैसे-जैसे विश्वास में वृद्धि होती है, सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाया जाता है और आपका प्रति सम्मान जागता है।
यहां हैं खुद की देखभाल के 3 टिप्स (सेल्फ केयर टिप्स)
धूम्रपान शरीर और दिमाग पर भारी पड़ता है। इससे तनाव और कोपिंग तंत्र प्रभावित होता है। इसके कारण व्यक्ति स्वयं पर ध्यान देना छोड़ देता है। सेल्फ केयर की साझेदारी विकसित हो सकती है।
1 समझौता का अभ्यास (सतर्क रहें)
धूम्रपान अक्सर वास्तविकता से दूर हो जाता है। मच्छर का प्रयोग जीवन की खट्टी का सामना करने में सहायक होता है। नियमित कार्यों के दौरान फोन को अपने से दूर रखना, अवेक के रूप में अपने विचार पर स्वयं विचार करें। नकारात्मक भावनाओं का सामना करने जैसे छोटे छोटे कदम से शुरुआत की जा सकती है।
2 प्रकृति से जुड़ें (Connect with Nature)
प्रकृति एक महान चिकित्सक है। बाहर समय से तनाव दूर होता है और मन अच्छा होता है। जब भी आप पूर्वाग्रह से ग्रसित हों या स्वयं पर विश्वास करना छोड़ें, तो घर से बाहर जाएं। हाइक लें, दौड़ें। प्रकृति की सुंदरता का आनंद लें और अपनी ऊर्जा को सकरात्मक और सक्रिय।

3 निश्चित निश्चित (सीमा निर्धारित करें)
निश्चित रूप से अपना केयर किया जा सकता है। नशामुक्ति की यात्रा में उन लोगों या हफ्तों को ना कहना होगा, जो आपको धूम्रपान करने के लिए उकसाते हैं। अपनी मर्जी के लिए ना कहना सीखना होगा।
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