
गर्मी का मौसम निकट है। इन दिनों सुपर मार्केट सहजन (Moringa Oleifera) से भरा हुआ है। इसकी खरीदारी भी खूब होती है। दरअसल, सहजन और सहजन के बीज का प्रयोग (सहजन के बीज के फायदे) हेल्दी डाइट तैयार करने में काफी होता है। सहजन के बीज यदि आप रोज खाएंगे, तो इससे न सिर्फ मस्तिष्क, त्वचा और बालों के स्वास्थ्य को लाभ (सहजन के बीज लाभ) मिलेगा, बल्कि सूजन के कारण होने वाले अहसास से बचाव भी संभव होगा।
अनुरूपता से करता है बचाव (बीमारी की रोकथाम)
कोल्हापुर के शिवाजी विश्वविद्यालय में सहजन के बीज के उपयोग पर शोध किया गया। इसे इंडिया इंटरनेशनल साइंस कांग्रेस एसोसिएशन जर्नल में भी रखा गया है। इसमें यह बताया गया है कि सहजन उत्तर पश्चिमी भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के उप-हिमालयी भागों का मूल वृक्ष है। यह एक मल्टी पर्पज ट्री है। सहजन के पेड़ की छाल, पत्ती, फल, बीज और बीज के तेल (सहजन के बीज का तेल) का भी उपयोग शरीर की शक्तियों को बनाने और अभिग्रहण से बचाव करने के लिए किया जाता है।
1 टेबल स्कोप का प्रयोग प्रतिदिन (मोरिंगा कैसे लें)
फ़ूड एंड ब्रेन हेल्थ जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार सहजन के बीज को किसी भी भोजन के साथ जोड़ा जा सकता है। बीज को पाउडर के रूप में भी लिया जा सकता है। संपूर्ण शरीर को स्वस्थ रखने के लिए प्रति दिन 1 टेबल स्कोप का प्रयोग किया जा सकता है। सहजन के बीज के पाउडर खाली पेट पानी के साथ ले जा सकते हैं। सलाद पर छिड़ककर या आलू, चटनी या दाल-चावल के साथ मिलाकर भी खाया जा सकता है।
पोषक तत्व (सहजन बीज पोषण)
फ़ूड साइंस एंड न्यूट्रिशन में प्रकाशित शोध लेख के अनुसार, भारतीय सहजन (एम. ओलिफेरा) के बीज क्रूड प्रोटीन और क्रूड यौगिक से भरपूर होते हैं। इनमें प्रोटीन की मात्रा 40.34% तक होती है। क्रूड पर्ल की मात्रा 39.12% होती है। इनके अलावा सोडियम, पोटैशियम और मैग्नीशियम जैसे मैक्रोलेमेंट भी मौजूद होते हैं।
मस्तिष्क के लिए लाभ (मस्तिष्क स्वास्थ्य)
फ़ूड एंड ब्रेन हेल्थ जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार, मोरिंगा के बीज में ओमेगा 3 फैटी एसिड भी होता है, जो मस्तिष्क को स्वस्थ रखता है। इसमें मौजूदा स्थिति को लेकर आपकी धारणाएं बढ़ सकती हैं। इसमें मौजूद पोषक तत्वों में ऑक्सीडेटिव तनाव और न्यूरोडीजेनेरेशन को कम करने की क्षमता भी है। इससे मस्तिष्क में नर्वस सेल का टूटना कम हो सकता है।
बढ़ती उम्र के लक्षणों से लड़ने में मदद करता है (Prevent Ageing)
फ़ूड साइंस एंड न्यूट्रिशन में प्रकाशित शोध लेख के अनुसार मोरिंगा सीड में विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन ई के अलावा अन्य पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं। इससे त्वचा के महत्वपूर्ण घटक कोलेजन बनाने में मदद मिलती है। इसमें मौजूद विटामिन सी बढ़ती उम्र के लक्षणों से लड़ने में मदद करता है। इसमें विटामिन ई होता है, जिसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं।
स्किन की मसाज (Massage)
स्किन रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी जर्नल में प्रकाशित शोध लेख के अनुसार मोरिंगा के बीज के तेल का उपयोग चेहरे और बालों दोनों की मालिश के लिए किया जा सकता है। इसे फटे होठों पर भी लगाया जा सकता है। यह एक्जिमा, डर्मेटाइटिस और नामांकन जैसे दावों से भी रक्षा करता है।
बालों का झड़ना (Hair Fall) रोकना (Hair Fall)
स्किन रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी जर्नल में प्रकाशित शोध दस्तावेज़ के अनुसार मोरिंगा सीड में विटामिन ए, विटामिन बी और ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं। ये सभी पोषक तत्वों को पोषण देते हैं और विकास को बढ़ावा देते हैं। विटामिन एक शरीर में स्वस्थ समग्र और समग्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह बायोटिन का एक समृद्ध स्रोत है। टमाटर एसिड से असंख्य बीज के ब्लॉक का निर्माण करते हैं। यह बाल गिरने को कम करता है।
सूजन से होने वाली बीमारियों से बचाव (सूजन रोगों से बचाव)
उपाय इन हेल्थ एंड डिजीज जर्नल के अनुसार, सहजन के बीज योजनाओं के रूप में परतों को नुकसान से बचाने में मदद करते हैं। यह सूजन और दर्द को कम करने में भी मदद कर सकता है।

जीवाणु जीवाणु, वायरल इन्फेक्शन, वायरल इन्फेक्शन को समाप्त कर सकते हैं। यह अल्सरेटिव कोलाइटिस और मेटाबोलिक बीमारियों जैसे पुराने सूजन (पुरानी सूजन) को भी रोकने में मदद करता है।
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