लेटेस्ट न्यूज़

जानिए आप अपनी त्वचा को मेनोपॉज के प्रभाव से कैसे बचा सकते हैं- जानिए आप अपनी त्वचा को मेनोपॉज के प्रभाव से कैसे बचा सकते हैं।

इस खबर को सुनिए

चेहरे पर आना, त्वचा का रूखापन बढ़ना और बेवजह जोड़ों में उभरने वाले दर्द मेनोपॉज का एक अलमक झिंग साइन है। सभी वीमेन अपनी आधी उम्र के बाद इस मोड़ से पीड़ित हैं। फिपिकल पीरियड्स(अनियमित पीरियड्स) भी मेनोपॉज(रजोनिवृत्ति) का एक संकेत मात्र है। इसमें महिलाओं में अक्सर चिढचिढ़ापन बढ़ने लगता है। शरीर में होने वाले बदलाव कई बार उनके तनाव का कारण भी बन जाते हैं। 40 के बाद और 60 से पहले महिलाएं इस चरण से जुड़ जाती हैं।

इसके बारे में पेशेवर पोषणवादी मीनाक्षी कौशिक ने बताया कि मेनोपॉज के बाद हार्मोन असंतुलन (हार्मोन असंतुलन) के कारण शरीर में हर तरह से कमी आने लगती है। शरीर अजीब पलता और चेहरे पर झुर्रियां दिखने लगती है। इसके अलावा बॉडी में कोलेजन बनना भी कम होने लगता है। अब त्वचा रूखी और बेजान नज़र आने लगती है। ऐसे में स्किन केयर रूटीन (स्किन केयर रूटीन) को हम अपनी त्वचा को फिट रख सकते हैं।

मेनोपोज क्या है

मेनोपॉज एक ऐसी जैविक स्थिति है, जिसमें हमारी ओवररीज से एजी जारी होने की साइर्किल गड़बड़ी होने लगती है। धीरे-धीरे हार्मोंन की उत्पादकता में कमी आने लगती है। मेनोपॉज के दौरान स्किन ड्राईनेस, वेटलॉस, चेहरे पर झुर्रियां और बाल झड़ना सहित कई महिलाएं शिकार करती हैं। इसके अलावा शरीर के कई अंगों में दर्द की समस्या और सेक्स के प्रति अरूचि जाहिर करना। इस प्रकार से कई सी ऐसी बीमारियां होती हैं।उजो महिलाओं में पाई जाती है।

मेनूपॉज के लक्षण
रजोनिवृत्ति के दौरान होने वाले इन लक्षणों की पहचान। चित्र : उजागर करें

मेनोपॉज में बाद में अपनाएं ये शेन रूटीन

शरीर के बाकी हिस्सों की तरह ही चेहरे की त्वचा भी खिंच जाती है। इससे बचने के लिए चार स्टेप्स को ज़रूर अपनाएं
क्लीजिंग
सही
आकार
प्रो

अनुसंधान क्या कहता है

वहीं इसके बारे में डॉ बेली स्किन केयर के मुताबिक, त्वचा की दूसरी फाइलिंग को डर्मिस कहा जाता है। मनोपॉज के पांच साल के भीतर त्वचा में कोलेजन का 30 प्रतिशत हिस्सा खत्म हो जाता है। इसी तरह साल दर साल आन वाले 20 साल में हर साल कोलेजन की रफ्तार 2 फीसदी धीमी हो जाती है। डर्मिस में कोलेजन प्रोड्यूस करने वालों को फाइबरब्लास्ट कहते हैं।

सीड्स को डाइट में शामिल करें

जैक फ्रूट, सनफ्लॉवर, चिया, पंपकिन और फ्लैक्स सीड्स कई पोषक तत्वों से भरपूर हैं। इन बीजों में विटामिन और खनिज भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो त्वचा को मॉश्चराइज करने का काम करते हैं। बीज में ओमेगा 3 फैटी एसिड भी पाया जाता है, जो त्वचा को विज्ञान से एजिंग करता है। सीड्स खूबसूरती को बढ़ाने के साथ सेहत का भी ध्यान रखें। मेनोपॉज में आप सीड्स को ओटस, म्यूस्ली, दौलिया, लड्डू या केक में मिलाकर खा सकते हैं।

मेनोपॉज में डाइट का ध्यान रखें
हॉर्मोन में अचानक बदलाव आया, हॉट फ्लश-जैसे मेनोपॉज में और भी कई खतरे हैं, इन्हें हेल्दी डाइट से नियंत्रित किया जा सकता है। चित्र: एक्सपोजर

विटामिन सी से भरपूर भोजन

त्वचा को निखारने के लिए विटामिन सी से भरपूर आहार खाना चाहिए। इसके चेहरे का खोया ग्लो रिटर्न रिटर्न होता है। साथ ही त्वचा पर नजर आने वाले एजिंग साइंस से भी राहत मिलती है। डाईट में आंवला, संतरा और ब्रोकली को ज़रूर शामिल करें।

त्वचा को बार-बार मॉश्चराइज करें

चेहरे पर रूखापन दृष्टिगोचर होता है। त्वचा को दोबारा से ग्लोई बनाने के लिए बार बार मॉश्चराइज करें। दिन में तीन से चार घंटे बाद चेहरे पर क्रीमी मॉश्चराइज को लागू करें।

पानी पीएं

अपनी रंगत में एड नहीं करना। दिन में दो लीटर पानी ज़रूर पीएं, ताकि आपकी स्किन ग्लो करने लगे। इसके अलावा फलों और वेजिटेबल एसेट को भी अपने मील का हिस्सा बनाएं।

रात को पूरी नींद लें

हरमन्स इम्बैलेंस के कारण रात को पूरी तरह से नींद नहीं आती है। इससे चेहरे पर घोर घोटालों की समस्या बढ़ती है। साथ ही हर समय तनाव महसूस करते हैं। इसका असर चेहरे की त्वचा पर साफ नजर आता है।

ये भी पढ़ें- इन 5 बेमिसाल फायदों के लिए आप भी ट्राई कर सकते हैं अखरोट का तेल, जानिए क्यों है ये खास

Show More

Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
Back to top button

You cannot copy content of this page