कार्यक्षमता के अंतिम सप्ताह से नए साल के स्वागत की तैयारियां शुरू हो गई हैं। मौसम में भी तेजी से बदलाव आते हैं। फ्रिज बढ़ रहा है। शीतलहर सूट करता है। साथ ही, शरीर में भी कई सारे परिवर्तन होते हैं। डॉक्टर दुर्घटनावश किसी भी सुबह ह्रदय से संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में हम ऐसा क्या करें कि उत्सव का मजा भी उठाएं। हमारा और हृदय भी सुरक्षित हैं (हृदय रोग विशेषज्ञ सर्दियों में हृदय रोग से बचाव की सलाह देते हैं)। इसके लिए हमने पारस अस्पतालों, गुरुग्राम के विकल्पों और संगति डॉ. मनजिंदर संधू से।
दिल को क्यों होती है ब्लड की जरूरत (सर्दियों में दिल की सेहत)
कार्डियोएक्टिव डॉ. मनजिंदर संधू स्टेट्स हैं, ‘सर्दियों के दौरान हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इस दौरान ब्लड प्रेशर भी घटता-बढ़ता रहता है। शरीर को इस दौरान गर्मी की जरूरत होती है, लेकिन वातावरण ठंडा रहता है।
ठंड के मौसम में दबाव बढ़ जाता है, इससे हमारा दिल तेजी से गिरता है। जब ब्रेकडाउन तेज होता है, तो दिल को पंप करने के लिए और अधिक मात्रा में रक्त की आवश्यकता होती है। यह जरूरी कमजोर पड़ने वालों पर भारी बोझ है। इसलिए इस दौरान सावधानी बरतना बहुत जरूरी है।
हार्ट अटैक (हार्ट अटैक) का खतरा बढ़ जाता है
डॉ. मनजिंदर संधू आगे स्टेट्स हैं, ‘हम में से ज्यादातर लोग हाई ब्लड प्रेशर और ब्लड के गाढ़ेपन को लेकर चिंता में रहते हैं। प्लाक रप्चर भी इस दौरान होता है। विशिष्ट कलाकारी के अंदर प्लाक यानी प्लेट कभी-कभी खुल जाती या टूट जाती हैं। जब प्लेट टूटकर खुलती है, तो यह आर्टरी के अंदर रक्त का थक्का बनने का कारण बनता है। जैसे-जैसे बढ़ता जा रहा है, यह धमनी के माध्यम से रक्त के प्रवाह को पूरी तरह से रोक सकता है। धमनियों की दीवारों में मांसपेशियों को भी सख्त हो जाती हैं। इससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
हार्ट के मरीजों के लिए सुबह की सैर (मॉर्निंग वॉक) जोखिम-कारक हो सकती है
जर्मनी की एक रिसर्च के मुताबिक, जब 24 घंटे में तापमान 2.9 डिग्री कम होता है तो हार्ट अटैक होने का खतरा 11% तक बढ़ जाता है। ठंड के मौसम में ब्लड प्रेशर बढ़ने से मस्तिष्क को ऑक्सीजन नहीं मिलता है। इसलिए दुर्घटना, रक्त के खतरे बनने का खतरा बढ़ जाता है। कार्डिएक अरेस्ट और ब्रेन स्थेस के लिए इस मौसम को खतरनाक माना जाता है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक 15 लाख से ज्यादा लोग भारत में आघात के लक्षण से पीड़ित हैं। डॉक्टर और जानकार चिकित्सक, हायपर टेंशन और ह्रदय रोगियों को जल्द ही सैर करने की सलाह नहीं देते हैं। थोड़ी देर में सुबह में न केवल एक खतरा होता है, बल्कि कई वयस्क लंबे समय तक लेखांकन का सामना कर सकते हैं। सुबह में ठंडी हवा चलती है जिससे जोड़ों में दर्द की समस्या होने लगती है। बुजुर्ग लोगों की मांसपेशियों में दर्द होने लगता है।
रात में ही हार्ट डिजीज से बचने के लिए डॉक्टर की 8 सलाह
1 डॉ. मनजिंदर के दावे हैं, ‘हृदय रोगी (हृदय रोगी) नियमित रूप से अपना ब्लड प्रेशर जांचते रहें। यदि बीमारी से संबंधित उन्हें कोई भी लक्षण महसूस नहीं होता है, तो मिरर हॉस्पिटल जाकर डॉक्टर से परामर्श करें।
2 त्योहार मनाना सही है, लेकिन किसी भी तरह के जोखिम से बचने के लिए इस मौसम में खुद को गर्म रखना बहुत जरूरी है। बहुत ज्यादा ठंड में रहने पर घर से बाहर नहीं निकलते। सुबह के समय बिल्कुल बाहर नहीं निकलेंगे।
3 घर के अंदर ही भौतिक रूप से रहें। त्योहार में भी भरपूर तत्वों से भरपूर भोजन की कोशिश करें। इससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहेगा और कोई समस्या भी नहीं हो सकती है।
4 खुद पर ज्यादा जोर न डालें। इससे हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर या स्थिति पैदा हो सकती है।
5 हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल चर्बीयुक्त, रखते हुए और खाते हुए पदार्थों से परहेज करें।
6 अगर आपको पहली बार कोई बीमारी है तो दवा और इलाज पूरी तरह से नियमित रूप से करें।
7 ध्यान रखें कि बिना डॉक्टर के नुस्खे के दवा न लें। कभी-भी खुद से इलाज करने की कोशिश नहीं करें।
8 धूम्रपान और शराब का सेवन नहीं करें।
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