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दुनिया भर में ज्यादातर लोग जीवन में कभी-न कभी अवसाद के शिकार होते हैं। उनका मेंटल इफेक्ट होता है। विशेष कर कोरोना महामारी (कोविड-19) और लॉकडाउन के बाद से नौकरी के जाने पर लोगों में अवसाद बहुत तेजी से बढ़ रहा है। यह किसी विशेष आयु वर्ग तक सीमित नहीं है, बल्कि यह बच्चों को भी चपेट में ले रहा है। शोध और विशेषज्ञ अनुमान हैं कि हालत के साथ-साथ पोषक तत्वों की कमी भी हमारे मेंटल हेल्थ को प्रभावित करती है। इसमें विटामिन बी12 एक है। यदि विशिष्ट में विटामिन बी12 की कमी है, तो मेंटल हेल्थ निश्चित रूप से प्रभावित (मानसिक स्वास्थ्य के लिए विटामिन बी12) होता है।
क्या कहते हैं विटामिन बी 12 से जुड़ी नज़र (मानसिक स्वास्थ्य के लिए विटामिन बी 12 पर शोध)
यूएसए के इंस्टीट्यूट ऑफ बिहेवियरल न्यूरोसाइंसेस एंड साइकोलॉजी के शोधकर्ता प्रेरणा सांगले, ओसामा संधू, जर्मीना आफताब, थॉमस एंथोनी और सफीरा खान की टीम ने विटामिन बी 12 की कमी की खोज की। इसका निष्कर्ष क्यूरियस जर्नल में प्रकाशित हुआ। 18-25 साल की उम्र की महिलाओं और युवाओं में ब्रेस्ट के अनुसार अवसाद अधिक देखा जाता है। इसका मुख्य कारण विटामिन बी 12 की कमी हो सकती है। जानकारी के अभाव में विटामिन बी की कमी से जूझने के बावजूद इंटेक नहीं भर पाते हैं। और मस्तिष्क स्वास्थ्य की समस्या से जूझ रहे हैं।
आपकी एनर्जी और मेंटल हेल्थ को नुकसान पहुंचाता है विटामिन बी 12 की डेफिशिएंसी
विटामिन बी 12 मानव शरीर में मौजूद बैक्टीरिया उत्तरदाताओं द्वारा दिया जाता है। यह पानी में घुलनशील विटामिन है। यह मुख्य रूप से उत्पादों के सेवन से प्राप्त होता है। शाकाहारी आहार वाले व्यक्तियों में स्वभाव से इसकी कमी होती है। इसमें विशेष रूप से विटामिन की कमी से थकान, कमजोरी, कब्ज, संतुलन संबंधी विकार, हाथ पैरों में झुनझुनी का परिणाम, अवसाद और संज्ञानात्मक समस्या (संज्ञानात्मक समस्या) भी हो सकते हैं।
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न्यूरोलॉजिकल कार्य प्रणाली में मुख्य भूमिका निभाता है
माइक्रो न्यूट्रिएंट ब्रेन की सामान्य संरचना और कार्यों को प्रभावित करने के लिए जाने जाते हैं। विटामिन बी 12 को सायनोकोबलामिन के रूप में भी जाना जाता है। यह पानी में घुलनशील विटामिनों में से एक है। विटामिन बी 12 मुख्य रूप से लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण, न्यूरोलॉजिकल कार्यप्रणाली और डीएनए सिंथ में भूमिका निभाता है। B12 नर्वस सिस्टम के स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण पोषक तत्व है।
गुमनामी और भ्रम के उत्पादन के लिए यह महत्वपूर्ण है। यह मूड-बढ़ाने वाला न्यूरोट्रांसमीटर है। विटामिन बी 12 की कमी से हेमट अटैक परिवर्तन, न्यूरोलॉजिकल और मनोरोग संबंधी बीमारियां हो सकती हैं। यह घबराहट, व्यक्ति में परिवर्तन, अवसाद और स्मृति हानि के रूप में प्रकट हो सकता है।
ध्यान और स्मृति में भी सुधार कर सकते हैं
विटामिन बी 12 और अन्य बी विटामिन मस्तिष्क संभावित उत्पादन में भूमिका निभाते हैं। ये रासायनिक मूड और अन्य मस्तिष्क के कार्यों को प्रभावित करते हैं। बी-12 और अन्य बी विटामिन जैसे विटामिन बी 6, फोलेट का लो लेवल डिप्रेशन से भी जुड़ सकते हैं। खोज में पाया गया कि विटामिन बी12 की जबरदस्त मात्रा के सेवन से अवसादग्रस्तता जैसे मेंटल हेल्थ से जुड़ी दूसरी परेशानियां भी कम हो गई हैं। यह ध्यान और स्मृति में भी सुधार कर सकता है।
विटामिन बी 12 से भरपूर नियमित आहार में शामिल करना जरूरी
जर्नल ऑफ़ एफ़ेक्टिव डिसऑर्डर में प्रकाशित शोध लेख में मछली, मीट, पोल्ट्री, अंडे और दायरे के उत्पाद शामिल हैं जिनमें एनिमल बेस्ड फ़ूड में विटामिन बी 12 स्वाभाविक रूप से मौजूद हैं। इसके अलावा, पूर्ण एकीकृत ब्रेकफास्ट श्रृंखला और पूर्ण एकीकृत न्यूट्रिशनल खमीर विटामिन बी12 के उपलब्ध स्रोत हैं।
विटामिन बी12 लेने वाली महिलाओं के ब्रेस्ट मिल्क में विटामिन बी12 का औसत स्तर 0.44 एमसीजी/एल है। सामान्य रूप से प्रत्येक व्यक्ति में 160 – 950 पिकोग्राम प्रति मिली (pg/mL) या 118-701 पिकोमोल प्रति लीटर (pmol/L) होना चाहिए। मेंटल हेल्थ को परामर्श देने के लिए आहार में नियमित रूप से विटामिन बी 12 को शामिल करना जरूरी है।
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