ज्यादातर मौकों पर जब वैजिनल हाइजीन की बात की जाती है तो वो 40 साल तक के लोगों के लिए ही जाती है। 60 की उम्र पार करने के बाद जब ज्यादातर महिलाएं अशक्त और कमजोर होने लगती हैं, तब भी उनकी वेजाइनल हाइजीन पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। अन्यथा उन्हें कई तरह के इंफेक्शन का सामना करना पड़ता है। यहां एक विशेषज्ञ रोग बता रहे हैं कि कैसे रखना है महिलाओं की उम्र (वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्त्री स्वच्छता) की योनि स्वच्छता का ख्याल।
रजोनिवृत्ति के बाद बहुत कुछ बदल गया है
इस उम्र तक शायद आपका पीरियड बंद हो जाता है और आपके ऑर्डर का स्तर काफी कम हो जाता है। आपकी वेजाइना जुड़ती दिखाई दे सकती है। 50 की उम्र की कई महिलाओं में वैजाइनल एट्रोफी एक आम समस्या है। कम क्रेज आपकी वेगाइना में एसिडिटी (एसिडिटी) को बदल सकता है। यह बैक्टीरिया बढ़ने के कारण आपके संक्रमण का जोखिम बढ़ सकता है। कम क्रेज न केवल आपकी वेजाइना को प्रभावित करता है। यह आपके मूत्र पथ (मूत्र पथ) पर भी प्रभाव डालता है।
बुजुर्ग महिलाएं जो बिस्तर पर नहीं मिलती हैं, उनके लिए कई बार वेजाइनल हाइजीन को बनाए रखना काफी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में उनके बच्चों की ये जिम्मेदारी होती है कि वो उनकी हाइजीन को बनाए रखें। आप कहते हैं कि कुछ ऐसे तरीके जिससे आप अपनी मां की वैजाइनल हाइजीन कायम रखेंगे।
बढ़ती उम्र की महिलाओं की योनि के स्वास्थ्य के लिए रखें इन बातों का ध्यान
1 मेनोपाज के बाद रूखापन बढ़ जाता है
विद्या नर्सिंग होम में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरज शर्मा उन्होंने बताया ‘इस उम्र तक ज्यादातर महिलाएं मेनोपॉज तक पहुंच चुकी होती हैं। जिसकी वजह से वेजाइना का चक्कर चलता है, इसकी वजह से रूखापन होता है, इसके लिए आप किसी डॉक्टर की सलाह से कोई भी स्नेहक ले सकता है।’
2 मां के साथ बात करें
यह जरूरी है कि आप अपनी मां के साथ उनका इंटिमेट हेल्थ पर बात करें। आपको इसे नार्मल करने की आवश्यकता है। आपको इस तरह से बात करने की आवश्यकता है जिससे वे अच्छे लगे। अगर वे झिझकती हैं, तो आप उन्हें साहित्यकार या वीडियो के माध्यम से उनकी अंतरंग हाइजीन के बारे में जागरुक कर सकते हैं।
3 बढ़ सकता है संक्रमणों का जोखिम
त्वचा में चर्बी कम होने के कारण दीवार की त्वचा कमजोर और झुर्रीदार होती है। यह घाव और फटने का कारण बन सकता है। इसलिए, पसीने के सागर होने के कारण त्वचा की परतों में विचित्र और चिपचिपा संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इससे बचाव के लिए उपलब्ध पाउडर या औषधि आदि का उपयोग करें।
4 पादरी और योनि की सफाई जरूरी है
डॉ. नीरज शर्मा के अनुसार ‘कई बार बहुसंख्यक बुजुर्ग महिलाएं जो फिर से नहीं चल रही हैं, उनके लिए स्वच्छता के पात्र या एडल्ट वर्क का उपयोग किया जा सकता है। ज्यादा समय तक जितने लोग हैं या नहीं रहते हैं। इससे संक्रमण का खतरा होता है।
अगर ज्यादा देर तक पैड लगा है, तो वेजाइना को ठीक से जरूर साफ करें। कार्य के बारे में पूरी तरह से कुछ भी और अधिक जानने से पहले ही उसे प्राप्त करना आवश्यक है। आप एक दिन में दो बार या उससे अधिक बार अपनी मैम का घेरा बदल सकते हैं। सुनिश्चित करें कि त्वचा को तरल (तरल) साबुन से अच्छी तरह से साफ करें और थपपाते हुए सुखाएं। इसके बाद जरूरत हो तो एंटीफंगल पाउडर भी जहरीला हो जाता है।’
5 आरामदायक कपड़े
स्नान के बाद सुनिश्चित करें कि आपकी माँ ने आरामदायक कपड़े पहने हैं जो बहुत तंग नहीं हैं। कपड़ो में हवा पास करने का स्पेस हो।
6 सेक्स को अलविदा कहने की जरूरत नहीं है
आमतौर पर 60 के बाद महिलाएं सेक्स करना बंद कर देती हैं। अगर अभिनय के साथ हैं तो सेक्स के लिए लाई हो सकती है। इस योनि में वजन बना रहता है। टैबूज को तोड़ना जरूरी है। उम्र बढ़ने का मतलब सेक्स लाइफ को पूरी तरह खत्म कर देना नहीं है। यह न केवल मूड को बेहतर बनाता है, बल्कि योनि को द्रवित भी करता है।
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