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जानिए मेडिटेशन कैसे करें। जानें ब्रेन हेल्थ के लिए मेडिटेशन के 6 सही स्टेप्स।

ज्यादातर लोग ध्यान के बारे में अच्छी-अच्छी बातें सुनते हैं। खुद नहीं कर सकते। वे कभी-कभी पोखर नहीं देखते हैं कि इसे कैसे शुरू किया जाए। रोज़मर्रा की भागदौड़ भरी मेहनत में शांत मन की स्थिति बहुत जरूरी है। Meditation Mind के लिए बहुत जरूरी है। माइंड हेल्थ के लिए सही तरीके से मेडिटेशन कैसे करें (ध्यान कैसे करें) इसके लिए हमने जिंदल नेचरक्योर इंस्टीट्यूट, बैंगलोर के चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. राजीव राजेश से बात की।

विश्व ध्यान दिवस या विश्व ध्यान दिवस (विश्व ध्यान दिवस -21 मई)

हर साल दुनिया भर में 21 मई को विश्व नोट दिवस मनाया जाता है। इसके माध्यम से आम लोगों को ध्यान दिया जाता है और इसके लाभों के बारे में जागरूकता पैदा की जाती है। दिमाग की बातें-विचारों से होने वाले तनाव को साफ करने और आराम देने के लिए कुछ समय निकालकर ध्यान देना सबसे अच्छा है। विश्व ध्यान दिवस 2023 की थीम अभी तक घोषित नहीं हुई है। आज की तेज गति से भागती दुनिया में आंतरिक शांति (आंतरिक शांति) और कल्याण (कल्याण) प्राप्त करने के लिए ध्यान देने का महत्व पहचानना जरूरी है।

तनाव घटता है और दिमाग मजबूत होता है (तनाव दूर करें)

भारत के ध्यान योग केंद्र के अलावा हार्वर्ड मेडिकल स्कूल और मैसाचुसेट्स हॉस्पिटल के न्यूरो-वैज्ञानिकों ने ध्यान पर कई अध्ययन किए। इसमें पाया गया है कि ध्यान देने वालों में कॉर्टिकल थिकनेस में उल्लेखनीय वृद्धि होती है। माइंड स्कैन में पाया गया कि 50 वर्षीय मेडिटेशन करने वाले लोगों का मस्तिष्क 25 वर्षीय मेडिटेशन करने वाले लोगों के मस्तिष्क के समान प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स की मात्रा है।

ब्रेन को पुराना होने से होता है मेडिटेशन

ध्यान मस्तिष्क के पुराने होने की प्रक्रिया को धीमा कर देता है। प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स निर्णय लेने के अलावा स्मृति को भी संग्रहीत करता है। ब्रेन के अमिगडाला में ग्रे पदार्थ की कमी है। अमिगडाला तनाव के साथ बढ़ने के लिए जाना जाता है। ध्यान तनाव, चिंता को कम कर समग्र मानसिक स्वास्थ्य प्राप्त होता है। डॉ. राजीव राजेश ने कहा, ‘ध्यान करने से व्यक्ति न केवल अधिक शांत और तनावमुक्त होता है, बल्कि पेशेवर फ्रंट पर भी बेहतर प्रदर्शन कर सकता है।’

यहां हैं माइंड हेल्थ को समझने वाले मेडिटेशन के 6 राइट स्टेप्स

डॉ. राजीव राजेश कहते हैं, ‘ध्यान की विधि बहुत सरल है। इसका अभ्यास सिर्फ कनशियस करना है।

1 सबसे जरूरी है प्रशांत माहौल (ठंडा और शांत वातावरण)

शांत और आरामदायक माहौल सबसे जरूरी है। जहां स्वच्छ हवा की गति हो जाती है, होल्ला अधिक नहीं हो जाता है, उस स्थान पर ध्यान निर्धारण सबसे अच्छा रहता है। उस जगह पर रखकर किसी भी तरह के इलेक्ट्रॉनिक्स सामान को हटा दें। इससे ध्यान लगाने में बाधा उत्पन्न हो सकती है। फ़र्श या कुरसी पर बैठा जा सकता है। पैर जमीन पर हों और सीधे खड़े हों।

शांत और आरामदायक माहौल सबसे जरूरी है। चित्र : उजागर करें

2 आंखें बंद करें (Close Eye)

शरीर को आराम दें और आंखें बंद कर लें। शरीर को ढीला और तनावमुक्त कर लें।

3 सांस पर ध्यान दें (सांस पर एकाग्रता)

सांस के प्रति सचेत हो जाएं। सांस पर ध्यान केंद्रित करें। गहरी सांस लें और गहरी सांस छोड़ें। हवा के रुख की अनुभूति को महसूस करें। छाती के निशान और सूक्ष्मता पर ध्यान दें। शरीर में हो रहे हलचल से अवगत रहें।

4 उद्धरण पर मत दें

डॉ. राजेश राजेश के मुताबिक, ध्यान के शुरुआती चरणों में दिमाग में बहुत सी चीजें चलती रहती हैं। विचार की अधिकता बनी रहती है। डाक मेल बंद करने की कोशिश न करें। उद्धरण पर किसी प्रकार का प्रयोग नहीं दें। इससे दिमाग शांत होने में परेशानी होगी। उद्धरण को मन में प्रवाहित होने दें। उन्हें रोकने की कोशिश पर वे और अधिक परेशान होंगे। विचार को स्वीकार करें। नियमित रूप से सिर्फ सांस पर ध्यान केंद्रित करने से एक दिन आने पर विचार बंद हो जाएगा और आप ध्यान लगाएंगे

5 दिमाग को शांत कर एकाग्रचित्त करें (मन को एकाग्र करें)

सांस पर ध्यान केंद्रित करें। ध्यान केंद्रित करने के लिए ओम का उच्चारण भी कर सकते हैं। ऐन सांस या मंत्र पर ध्यान दें

ध्यान अपना से कई फायदे होते हैं
ध्यान पर कम से कम 15 मिनट का समय दें।। चित्र : उजागर करें

6 नियमित 15 मिनट का अभ्यास

ध्यान पर कम से कम 15 मिनट का समय दें। यदि मन एकाग्र नहीं हो पाता है, तो निराश न हो। मस्तिष्क के पुराने प्रतिकारकों को एक-दो सप्ताह में एक बार छोड़ सकते हैं या उससे अधिक समय भी लग सकता है। हर दिन अभ्यास जारी रखें।

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