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आपने यह जरूर सुना होगा कि “पैर भारी हो गया है”। आमतौर पर भारत में इस वाक्य को महिला की प्रेग्नेंसी की जानकारी देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। गर्भावस्था के दौरान ज्यादातर महिलाओं के पैरों में सूजन (गर्भावस्था के दौरान पैरों में सूजन) आ जाती है। यानी कि उनका पैर फूल जाता है। जिसकी वजह से उनके पैरों में चप्पल फिट नहीं हो पाती। साथ चलने और किसी भी काम को करने में परेशानी होने लगती है। हालांकि, यह समस्या आपको सुनने में छोटी लग सकती है, लेकिन इसके कारण महिलाओं की स्थिति काफी हद तक चिपक जाती है। इसलिए इसे केवल मुहावरा समझ कर समझाता न कर लें। यह वास्तव में एक समस्या है। जानकार बता रहे हैं इसके कारण और इससे बचने के उपाय।
हमने इस विषय पर मैत्री वीमेन के संस्थापक, वरिष्ठ सलाहकार गायन चिकित्सक और ऑब्स्टेट्रिशियन डॉक्टर अंजलि कुमार से बातचीत की। वे इस समस्या से निपटने के कुछ प्रभावी घरेलू उपाय हैं। तो आइए जानते हैं इसके बारे में थोड़ा विस्तार से।
गर्भावस्था में पहले जानें पैरों में सूजन आने का कारण (गर्भावस्था के दौरान पैरों में सूजन)
इस समस्या का चिकित्सीय शब्द एडिमा (एडिमा) है। वहीं यह 4 में से 3 गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करता है। आमतौर पर इसकी शुरुआत प्रेग्नेंसी के दूसरे ट्राइमेस्टर में होती है। समय विश्लेषण के साथ यह समस्या बढ़ती जा रही है। आमतौर पर गर्मी के मौसम में यह समस्या महिलाओं को ज्यादा प्रभावित करती है। इसके साथ ही यदि आपका वजन अधिक है या आप जुड़वा बच्चे पैदा कर रहे हैं, तो एडिमा होने की संभावना बढ़ जाती है।
गर्भावस्था के कारण शरीर में होने वाले जैविक बदलाव से शरीर में मौजूद पानी का स्तर बढ़ता है। ऐसी स्थिति में बच्चे को एक्स्ट्रा वॉटर, प्लेसेंटा, एमनियोटिक फ्लो और मैटर्नल ब्लड में जाना शुरू हो जाता है। ऐसी स्थिति में यूट्रस पेल्विक वेन (श्रोणि नस) और वीना केवा (वेना कावा) पर दबाव बनाने से सिलिंडर बनता है। बिना केवा एक लंबा नर्व है जो आपके पीठ में राइट साइड में होता है। यह निशान से खून को वापस दिल तक पहुंचाने का काम करता है।
ऐसे में यूट्रस के दबाव के कारण रक्त सही से पैरों से दिल तक पंप नहीं पाता है और बाढ़ से पैरों में जाम लगता है। जिसके कारण पैर भूल जाते हैं।
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प्रेग्नेंसी में कहां हैं पैरों की सूजन को कम करने के 6 प्रभावी उपाय
1. टैग्स को एक्टिव रखना जरूरी है
प्रेगनेंसी में पैरों को सूजन से बचाने के लिए हर रोज कुछ देर के लिए अपने पैरों को ऊपर की ओर रखें। अपने पैरों को नीचे की ओर दो से तीन लोग लगाकर लें यदि कुर्सी पर बैठी है तो अपने पैरों को बिस्तर पर सीधा फैला कर रख सकते हैं। इसके साथ ही आपके टखनों को भी सर्कुलर गति में ले जाने दिया जा सकता है।
2. सोडियम का सेवन सीमित रखें
प्रेगनेंसी के दौरान लेग्स को सूजन से बचाने के लिए कम से कम मात्रा में सोडियम का सेवन करें। नमक आपके शरीर में पानी को होल्ड करने की क्षमता को बढ़ाता है। इसलिए कैंडिडेट और बताए गए फूड के सेवन से पूरी तरह से बचें। साथ ही सलाद, दही, रायता जैसे पदार्थ पदार्थों में भूलकर भी ऊपर से टेबल्ट ऐड न करें। वह अचार, चटनी, अधिक नमकीन खाद्य पदार्थ, जैसे के कड़वा कड़वा और स्ट्रीट फूड से पूरी तरह परहेज रखें।
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3. पोटैशियम युक्त पदार्थों का सेवन करें
शरीर को पर्याप्त मात्रा में पोटैशियम न मिलने से भी पैरों में सूजन बढ़ सकती है। शरीर में पोषक तत्व मौजूद फ्लूइड की मात्रा को संतुलित रखने में मदद करता है। इसलिए हमेशा ऐसे पदार्थों का सेवन करने की कोशिश करें जिनमें प्राकृतिक रूप से पोटैशियम मौजूद हो। जैसे कि आप आलू और मीठे आलू के छिलके बिना खा सकते हैं। कुछ फ्रूट जूस जैसे कि अमर संतरा और गजर के जूस को डाइट में शामिल कर सकते हैं। साथी ही केला, पालक बींस, चुकंदर दाल और योगर्ट के सेवन से भी लाभ होगा।
4. चलना
चलने को प्रेग्नेंसी का सबसे सुरक्षित व्यायाम माना जाता है। यह ब्लड सर्क्यूएशन को इंप्रूव करता है और सूजन को कम करता है। डॉक्टर के मुताबिक आपको हर रोज कम से कम 15 मिनट तक पैदल चलना चाहिए।
5. मीटर असरदार
यदि गर्भावस्था के दौरान आपके पैरों में सूजन आ जाती है, तो ऐसे में मतस्य तेल से आपके पैरों को मत देने से यह रक्त परिसंचरण को बढ़ा देता है। जिस वजह से सूजन कम हो जाती है और दर्द से राहत आसानी से मिल जाती है। इसे आप स्वयं से कर सकते हैं। यदि स्वयं से मतिभ्रम में परेशानी आ रही है, तो आपके पति या केयरटेकर की सहायता ली जा सकती है। आमतौर पर महिलाएं ऐसी स्थिति में गर्म पानी में अपने रिश्ते छोड़ देती हैं, ऐसा भूल कर भी न करें। क्योंकि यह आपकी स्थिति को और ज्यादा खराब कर सकता है।
6. कैफीन के सेवन को सीमित मात्रा में लें
प्रेग्नेंसी के दौरान कभी-कभी सीमित मात्रा में कैफीन के सेवन से स्वास्थ्य को नुकसान नहीं होता है, लेकिन जरूरत से ज्यादा कैफीन लेने से प्रेग्नेंसी में आपको विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जेनी से एडिमा की समस्या है। कैफ़ीन के कारण आप बार-बार पूर्वाश्रम से जुड़े हुए हैं। ऐसी स्थिति में आपका शरीर पेशाब को रोकना चाहता है, जिसकी वजह से पैरों का सूजन बढ़ सकता है।
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