लाइफ स्टाइल

जानिए थैंक्सगिविंग डे कैसे मनाते हैं।- यहां जानिए थैंक्सगिविंग डे सेलिब्रेट करने के 5 रोचक तरीके।

हमारा मन अशांत रहता है। हम शांति की तलाश में हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं। वे भले ही हमारे वश के बाहर हों। पर एक छोटी सी चीज जो बहुत आसान है, हम भी उसे लगातार इग्नोर करते हैं। जी हां, हम धन्यवाद, धन्यवाद जैसे आसान, लेकिन जादुई शब्दों को भूलते जा रहे हैं। मुझे लगता है कि मैंने दूसरों के लिए बहुत कुछ किया है। पर दुसरे लोगों ने मेरे लिए कुछ नहीं किया। हम उन घटनाओं को नजरंदाज कर देते हैं या भूल जाना चाहते हैं, जिनमें से हमें दूसरों की मदद मिलती है।


अन्य को थंक्स कहने की कोशिश करें (दूसरों को धन्यवाद कहें)

यदि कोई हमें कुछ सिखाता है या हमारी मदद करता है, तो सामने वाले को धन्यवाद या धन्यवाद नहीं कहते हैं। हमारी लाइफस्टाइल ऐसी हो गई है कि हमारे पास वाले दूसरों को कहने के लिए धन्यवाद नहीं कहते। शायद इसीलिए अमेरिका जैसे देशों में थैंक्सगिविंग डे सेलिब्रेट सबसे अधिक होते हैं। इस दिन हमें अपने अटकलों के लिए कुछ खास पल हो जाते हैं। साथ ही वे लोग जुड़े हुए हैं, जो हमारे जीवन में महत्वपूर्ण हैं। मन की शांति कैसे पाई जा सकती है, यह जानने से पहले थेंक्सगिविंग डे (धन्यवाद दिवस कैसे मनाएं) के बारे में जानते हैं।

क्या है धन्यवाद दिवस (धन्यवाद दिवस)

थैंक्सगिविंग डे या थैंक्स गिविंग डे संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में नेशनल हॉलिडे के रूप में मनाया जाता है। इस दिन नवंबर में चौथा गुरुवार (नवंबर का चौथा गुरुवार) मनाया जाता है। इस साल 24 नवंबर को चौथा गुरुवार है। इस दिन अमेरिका में नतीजा तैयार होने और प्रकृति, बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद मिलने पर धन्यवाद कहने के लिए मनाया जाता है।


ग्लोबलाइजेशन के कारण इस दिन भारत सहित दुनिया के कई देशों में मनाया जाने लगा है। जबकि दर्शकाना या धन्यवाद कहते हैं भारतीय संस्कारों की छाया में है। हम मानते हैं कि किसी भी व्यक्ति को धन्यवाद कहने पर आंतरिक खुशी मिलती है और मन को शांति भी मिलती है।

थैंक्सगिविंग डे मनाने के लिए हमारे पास हैं 5 शानदार तरीके

1 जो आपसे प्यार करते हैं, उनसे बातचीत करें (उनसे बातचीत करें जो आपसे प्यार करते हैं)

अकेला जीवन जीना कठिन है। अकेलापन थोड़े देर की शांति दे सकता है, लेकिन ज्यादा देर तक नहीं। इसलिए ऐसे लोगों से मिले-जुलें, उनसे बातचीत करें, जो आपसे प्यार करते हैं। स्वस्थ संबंध ही शांत मन की नीव हैं। कोशिश करें कि बातचीत हमेशा याद रखें। निगेटिव इंटरेक्शन मन को अशांत कर देता है। जब आप तनावग्रस्त और अशांत महसूस कर रहे हैं, तो ऐसे व्यक्ति के पास जाएं जो आपकी बात सुन रहे हैं। और आज के दिन से बेहतर अवसर बुरा कौन सा होगा।

2 गलती को माफ़ कर दो

वाद-विवाद, क्रोध ये सभी यौगिकते हैं। यदि आपको किसी ने चोट पहुंचाई है या आपके साथ बुरा किया है, तो उन्हें माफ़ कर दें। माफ़ नहीं करने पर आपको उनके विचार अशांत रहेंगे। यह आपको कड़वाहट की ओर ले जाएगा। जीवन में कड़वाहट घोलने की बजाय माफ़ करना, शांति मिलेगी।


3 क्रिएटिविटी के साथ सेलिब्रेट (रचनात्मकता के साथ जश्न मनाएं)

तनाव से राहत और शांति पाने के लिए रचनात्मकता सबसे ज्यादा जरूरी है। इसलिए जब आप धन्यवाद दे रहे हैं तो किसी बड़ी पार्टी की जरूरत नहीं है।

खुशी वाले कार्य
पसंद अपनी का काम करने पर भी आपका मन खुशी से भर सकता है। चित्र: एक्सपोजर

बल्कि आप छोटे-छोटे बनावट वाले तरीकों से भी इसे अलग कर सकते हैं। मसलिन किसी कार्ड पर कुछ आनंद लेने वाला व्यक्ति लिखता हूं, या अपनी पसंद का कार्ड बनाता हूं। साथ में पढ़ना, कुछ लिखना, पेंटिंग करना, गाना गाना, यह कुछ भी हो सकता है। खाना पकाने या बागवानी का काम भी शुरू कर सकते हैं। अपनी रुचि का काम शुरू करते ही आप पाएंगे कि आपका मन शांत हो रहा है।

4 अच्छी चीजों की याद दिलाएं (दूसरों के प्रति आभार व्यक्त करना)

यदि आपके साथ किसी ने अच्छा किया है या आपकी मदद की है, तो वे उसका आनंद नहीं लेना चाहेंगे। साथ ही अपने साथ एक डायरी रखें, जिसमें मदद और व्यक्ति के प्रति आनंद प्रकट करने को नोट भी कर लें। कुछ दिनों बाद जब आप उनका आनंद लेते हुए नए-नए वाक्यों को देखेंगे, तो आपको खुशी होगी और मन शांत भी होगा।


5 वर्तमान को सेलिब्रेट (वर्तमान में जीना)

हम भविष्य की योजनाओं को लेकर चिंताशील बने रहते हैं। कभी-कभी पुरानी बातों को लेकर भी मन में कड़वाहट भरे रहते हैं। चिंता करना और पुरानी बातों को किंकी बांधकर बैठ जाना हमें ऐसा महसूस होता है जैसे हम कुछ महत्वपूर्ण कर रहे हैं। जबकि इसके विपरीत हम बहुत कम काम कर रहे हैं।

अआ¤•आ¥‡आ¤²à¥‡ ¤¹à¥‹à¤•à¤° à¤à¥€ खॠश रहा जठ¾ à¸à¤•à¤¤à¤¾ à¹à¥ˆà¥¤ चितॠर : शटरसॠ¤Ÿà ¥‰आ¤•
हमें सबसे पहले भविष्य की चिंता करना छोड़कर वर्तमान में जीना सीखना चाहिए। चित्र : उजागर करें

चिंता से हम अवसादग्रस्त होते हैं और मन अशांत होता है। हमें सबसे पहले भविष्य की चिंता करना छोड़कर वर्तमान में जीना सीखना चाहिए। हमें जो कुछ भी प्राप्त हुआ है, उसके प्रति लोगों को आनंद प्रकट कर खुश रहना चाहिए। इससे मन भी शांत हो जाएगा।

यह भी पढ़ें :-सावधान ! देश भर में बच्चों में फैल रहा है खसरा का संक्रमण, जानिए क्यों अचानक बढ़ने लगी है ये बीमारी

Show More

Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
Back to top button

You cannot copy content of this page