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जानिए कितना वेजाइनल डिस्चार्ज नॉर्मल है और कितना एब्नॉर्मल। जानें कितना वैजाइनल अनुलेख सामान्य है।

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हमारे शरीर में कई तरह के छिपे रहते हैं। ये लुक्स सामान्य और बाहरी दोनों तरह के होते हैं। योनि से फटना भी सामान्य है। पर कभी-कभी हमें लगता है कि यह सामान्य से अधिक है। इससे महिलाओं को बीमारी होने की आशंका भी होने लगती है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि कितना वैजाइनल व्यूअर (वेजाइनल डिस्चार्ज) सही है। इसके बारे में कई खोज जानकारी देते हैं।

यह कब ज्यादा हो सकता है योनि स्राव (योनि स्राव)

ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित शोध दस्तावेज़ के अनुसार, हर तरह का वैजाइनल असामान्य नहीं हो सकता है। योनि से कई बार यौन संचारित संक्रमण होने के बावजूद ज्यादा होते हैं। दूसरी ओर यौन संचारित संक्रमण (STI संक्रमण) के कारण असामान्य रूप से व्यवहार हो सकते हैं। हालांकि बहुत अधिक विकसित हो चुकी जांच तकनीक से निगरानी और उसके प्रबंधन के बारे में पता लगाना कठिन नहीं है।

कई बार शारीरिक कारणों से, सर्वाइकल एकटॉपी का उपयोग टैम्पोन, वॉल्व डरमेटाइटिस, सन वेजिनोसिस (बैक्टीरियल वेजिनोसिस) कैंडिडा संक्रमण, क्लैमाइडिया (क्लैमाइडिया) ट्रैकोमैटिस, नेजेरिया गोनोरहोई जैसे संक्रमण के कारण योनि खतरा अधिक होने लगता है। उसी समय यौन संचारित डिजीज (STI) के कारण भी वैजाइना से अवैध रूप से व्यवहार होता है।

कितना वेगलाइन विवरण सही है

महिलाओं के जीवन के किसी न किसी फेज में असामान्य योनि खुलासा का अनुभव होता है। इसे आमतौर पर सामान्य शारीरिक प्रक्रिया के रूप में लिया जाना चाहिए। यह एक सफेद, सारक, गैर-आक्रामक (गैर-आक्रामक) है। यह माहवारी अवधि (मासिक धर्म) के साथ बदलाव करता रहता है। सर्वाइकल एकटॉपी होने पर यह म्यूकॉयड ट्यूटोरियल के साथ जोड़ी बनाई जा सकती है।

योनि स्राव के कारण
एक महिला से दूसरी महिला में अध्ययन की मात्रा थोड़ी अलग हो। इसका रंग भी हरा, पीला, भ्रम हो सकता है। चित्र : उजागर करें

प्री मेनोपॉज फेज में हर दिन 2 -5 एमएल को सामान्य योनि चार्जर माना जाता है। यह लगभग आधा से एक टी टर्न हो सकता है। यह श्वेत, सूक्ष्म और सूक्ष्म जैसा द्रव हो सकता है। मामलों में योनि स्राव ज्यादातर होता है। यह पूरी तरह से सामान्य है। यह संभव है कि एक महिला से दूसरी महिला की मात्रा थोड़ी अलग हो। इसका रंग भी हरा, पीला, भ्रम हो सकता है।

कब होता है ज्यादा शाकाहारी अध्ययन

ऑब्स्टेट्रिक्स गायनेकोलोजी और रेप्रोडक्टिव मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित लेख के अनुसार दाखिले की टाइमिंग, कलर, कंसिस्टेंसी, गंध और खुजली के पर यह बताया जा सकता है कि योनि में संक्रमण है या नहीं। संक्रमण के कारण ही योनि लगन की अधिकता होती है। इसके कारण पेल्विक पेन, पेल्विक टेंडरनेस और बुखार हो सकता है। इसे पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज के रूप में भी माना जाता है। कभी-कभी भ्रामक सामाजिक अटकलों और गलत धारणाओं के कारण भी यौन अपराधी होते हैं।

यदि किसी महिला को 2-5 एम एल से अधिक योनि स्राव लंबे समय से हो रहा है। क्रिया के साथ ही तेज योनि गंध दिखाई देता है। योनि या मूत्र के पास होने के स्थान (वल्वा) के आसपास की त्वचा में लाली, खुजली या जलन होती है, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।

क्या कहता है विश्व स्वास्थ्य संगठन (विश्व स्वास्थ्य संगठन)

विश्व स्वास्थ्य संगठन के स्वच्छता संबंधी निर्देशों के अनुसार, विकसित देशों में वैजाइनल पत्राचार में अधिकता के कारण खुले हुए संकट अधिक दिखाई देते हैं। क्योंकि यहां पब्लिक टॉयलेट लेखक नहीं होते हैं और अनहाइजेनिक कंडीशन के कारण होने वाली समस्या भी अधिक होती है।

स्त्रियां स्वच्छता उत्पाद जैसे कि योनि में मौजूद जलभराव, पाउडर और स्प्रे का प्रयोग न करें। चित्र : संपर्क शेयर

एचडब्ल्यू ओ के अनुसार, यदि महिला अधिक योनि निर्देश का सामना कर रही है, तो उन्हें सलाह दी जानी चाहिए कि वे गर्मियों में साबुन और गीला जैल जैसे जलन पैदा करने वाले पदार्थों के उपयोग से बचें। स्त्रियां स्वच्छता उत्पाद जैसे कि योनि में मौजूद जलभराव, पाउडर और स्प्रे का प्रयोग न करें। इससे वेजिना में मौजूद फ्लोरा को परेशानी हो सकती है। ये एलर्जी के भी कारण बन सकते हैं।

योनि की सफाई सामान्य पानी से करें न कि अधिक गर्म और अधिक ठंडे पानी से। इससे वेजाइनोसिस की संभावना बढ़ जाती है। यह पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज से भी लाल रंग का है।

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