देश में वंदे भारत ट्रेन की रफ्तार ने यात्रियों की यात्रा का समय और कम कर दिया है। लेकिन अभी तक कुछ राज्यों में चुनिंदा ट्रैक ही वंदे भारत दौड़ रहे हैं। इसी बीच सरकार की योजना है कि वर्ष 2025 तक देश में 278 वंदे भारत ट्रेन तैयार हो चुकी है। 2027 तक सभी वंदे भारत ट्रेनों के ट्रैक पर दौड़ती नजर आएगी।
इसी महीने होगा 200 नए वंदे भारत ट्रेन का टेंडर
देश में आने वाले कुछ दिनों में दूसरे राज्यों से भी वंदे भारत ट्रेन ट्रैक पर दौड़ती नजर आएगी। अभी 78 वंदे भारत ट्रेन को रेलवे की चेन्नई स्थित आईसीएफ और प्राइवेट कंपनी मेधा साथ मिलकर तैयार कर रही है। इसके अलावा 400 वंदे भारत ट्रेनें और तैयार की जाती हैं। ये भी निजी कंपनियां तैयार करेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रेलवे मंत्रालय इस महीने 200 नया वंदे भारत ट्रेन का टेंडर लाएंगे। बेतरतीब: वंदे भारत ट्रेन के टेंडर प्रक्रिया का फाइनल हो जाएगा।
इसमें सी कौन सी कंपनी ये ट्रेन तैयार करेंगी ये भी तय होंगी। इसमें दो अलग-अलग कंपनियां ट्रेन सेट को बनाएंगी। टेंडर प्रक्रिया में जो कंपनी सबसे कम बोली लगाती है उसे 120 ट्रेन मेकर आर्डर मिलेगा। टेंडर प्रक्रिया में दूसरी नंबर पर रहने वाली कंपनी को 80 वंदे भारत ट्रेन बनाने का काम मिलेगा।
केंद्र सरकार ने सभी ट्रेन को चलाने की दी गई मंजूरी
केंद्र सरकार ने अभी चिह्न में 278 वंदे भारत को चलाने की अनुमति दी है। इनमें से 78 ट्रेनों पर तेजी से काम हो रहा है। वहीं 400 नए वंदे भारत को स्लीपर क्लास में तैयार किया जाएगा। इन 200 का टेंडर इस महीने फाइनल हो जाएगा।
कितनी होगी इन ट्रेनों की अधिकारिक गति
ये सभी 278 ट्रेनें 160 की अधिकतम स्पीड से जाएंगी और सभी समझौते स्टील की होंगी। शुरुआती 78 ट्रेन के बाद जो 200 वंदे भारत ट्रेन बनेंगी, वो टेंडर के दो साल के अंदर बन कर तैयार हो जाएं। यानी ये ट्रेन 2025 तक तैयार हो जाओ स्क्रिप्ट।
जानकारी के अनुसार, शुरुआत की 278 वंदे भारत ट्रेन 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के लिए ली गई। अभी वंदे भारत ट्रेन 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही है। जब सभी 278 ट्रेन पटरी पर उतरेंगी तब उनकी गति 200 किलोमीटर प्रति घंटा की जाएगी।
वंदे भारत पर 2022 में 56 बार पथराव हुआ
वंदे भारत ट्रेन जहां एक और गति की नई इबारत रही है। वहीं इस ट्रेन के साथ विवाद भी कम नहीं है। इस ट्रेन को जहां हां पत्थरबाजी के लिए बदनाम होना पड़ा है। इस ट्रेन पर पथराव के 2022 में कुल 56 मामले दर्ज हुए। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने ऐसे प्लेटफॉर्म को रोकने के लिए ‘ऑपरेशन जनजागरण’ के तहत जागृतता अभियान चलाया।