
भरतपुर में होलिका दहन 2023: राजस्थान के भरतपुर (भरतपुर) जिले में आज 6 मार्च और कल 7 मार्च को होली का त्योहार मनाया जाएगा। आज शहर में भी जहां होलिका दहन (Holika Dahan) के लकड़ियां रखी गई हैं वहां पर महिलाएं होलिका का पूजन करने पहुंच रही हैं. होलिका के पूजन की कहानी सुनाई गई और उसके बाद शाम को होलिका का दहन किया जाएगा। भरतपुर में लगभग 400 से अधिक जगह होलिका दहन होगा। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त गोधूलि की बेला 6 बजकर 38 मिनट से लेकर रात को 9 बजे तक बताया गया है। कल सुबह से रंग और गुलाल की होली खेली जाएगी।
ब्रज में होलिका दहन 7 मार्च को
भरतपुर में दहन 6 मार्च को ही किया जाएगा जबकि बताया जा रहा है कि ब्रज क्षेत्र में होली का दहन 7 मार्च को होगा और 8 मार्च को होली खेली जाएगी। भरतपुर में भी आज लोगों में असमंजस की स्थिति रही और लोग पंडितों के पास जाकर पूछते हैं कि होली का कारण आज होगा या कल। भरतपुर जिले में करीब 400 से अधिक जगह पर होलिका दहन की घटना घटेगी। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त गोधूलि की बेला में 6 बजकर 38 मिनट से 9 बजे तक बताया गया है।
कल 7 मार्च यानी मंगलवार को गुलाल और गुलाब के साथ होली खेली जाएगी। पहली होली कई दिन पहले से शुरू हो गई थी। ब्रज के गांव में पहले गोबर और कीचड़ से होली खेलते थे लेकिन अब हर जगह रंग और गुलाल से ही होली खेली जाती है। होली के त्योहार को भाईचारे का प्रतीक माना जाता है। होली का त्योहार दो दिन मनाया जाता है। पहले दिन सुबह से ही महिलाएं होली की पूजा कर कहानी सुनती हैं और शाम को होली जलाई जाती है। दूसरे दिन घुलंडी मनाई जाती है जिसमें सभी एक-दूसरे के चेहरे पर रंग, गुलाल, अबीर पड़े गले मिलते हैं।
सुरक्षा की गारंटी
होली के त्योहार को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था के लिए अलग से पुलिस का जाब्ता लगाया गया है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस नजर आ रही है। आज और कल पुलिस के जवान छुट्टी देंगे और फिर बुधवार को पुलिस की होली खेली जाएगी। पुलिस की होली भरतपुर की पुलिस लाइन में खेली जाएगी पुलिस जहां के आला अधिकारी पुलिस के सील के साथ गुलाल लगाने होली की त्योहार मनाएंगे।
‘पिचकारी और रंग इस बार काफी ज्यादा’
पिछले दो वर्षों में कोरोना महामारी की वजह से होली का त्योहार लोग फ़्रैंक मना नहीं कर सके लेकिन अब कोरोना की कोई बंदिश नहीं है। कोरोना से मिली आजादी के बाद लोग फ्रैंक होली मनाने की तैयारी में लगे हैं। बाजार में पिचकारी और गुलाल रंग की खरीददार लोग जमकर कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि इस बार पिचकारी काफी काल्पनिक है। पहले बच्चों की पिचकारी 10-10 रुपये में मिल जाती थी लेकिन इस बार बाजार में काफी जल्दी है।
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